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रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक के साथ ठगी, KYC के नाम पर 1.28 लाख की चपत - KYC Update

साइबर ठगों ने देहरादून के रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक के साथ केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी कर 1 लाख 28 हजार की ठगी की है, घटना 14 नवंबर की है. पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जांच पूरी होने के बाद डालनवाला थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है.

Cheating in the name of KYC
रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक के साथ ठगी.
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Published : Nov 26, 2021, 12:52 PM IST

देहरादून: प्रदेश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बार साइबर ठगों (cyber thugs) ने रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक रमेश चंद्र आर्य को निशाना बनाकर लाखों की ठगी की है. इस संबंध में रमेश चंद्र ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई. जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना डालनवाला में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है.

रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि 14 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया. उसमें उनके जिओ फोन की केवाईसी अपडेट (KYC Update) कराने के बारे में लिखा गया था. रमेश चंद्र आर्य ने जब उस नंबर पर संपर्क किया तो फोनकर्ता ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताते हुए मदद का झांसा दिया.

ऐसे की ठगी: उसके बाद साइबर ठग ने रमेश चंद्र के मोबाइल में ऐनी डेस्क एप (AnyDesk app) डाउनलोड करवाया और एप के जरिये रमेश चन्द्र के मोबाइल का एक्सेस ले लिया. इसके बाद ठग ने रमेश चन्द्र से उनके मोबाइल के जरिए मामूली भुगतान की बात कही, जिसके चलते साइबर ठग ने रमेश चंद्र के खाते की पूरी जानकारी हासिल कर ली. उसके बाद साइबर ठग ने रमेश चंद्र के खाते से 1 लाख 28 हजार रुपए की चपत लगा दी. उसके बाद से साइबर ठग ने अपना मोबाइल बंद कर दिया.

Cheating in the name of KYC
इन बातों का रखें ध्यान

पढ़ें- गूगल में कस्टमर केयर नंबर सर्च कर साइबर फ्रॉड का शिकार हुई महिला, ₹95 हजार की ठगी

थाना डालनवाला एन के सिंह ने बताया कि रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उसके बाद जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. साथ ही पुलिस द्वारा नंबरों की जांच की जा रही है.

बढ़ी ऑनलाइन KYC ठगी: साल 2020 में कोरोना महामारी के बाद तमाम कंपनियों ने सिम कार्ड अपग्रेड की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया, ताकि लोग घर बैठे अपने सिम कार्ड को अपग्रेड कर सकें. ऐसे में सिम कार्ड के अपग्रेड की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद से ही ठगी का एक जाल बन गया, जिसके बाद वर्तमान समय में सिम कार्ड अपग्रेड और केवाईसी अपडेट को लेकर शातिर ठग लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मौजूदा समय मे लगभग हर व्यक्ति सिम कार्ड का प्रयोग कर रहा है. इसी का फायदा उठाते हुए सिम कार्ड को एक्टिवेट करने का झांसा देकर साइबर ठग लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे है.

Cheating in the name of KYC
सावधान रहें, सुरक्षित रहें.

ऐनी डेस्क एप से ठगी: साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए पहले ऐनी डेस्क एप डाइनलोड करवाते हैं, फिर आपके मोबाइल को रिमोट पर लेकर आपके एक ट्रांजैक्शन करने के लिए कहते हैं. आप जैसे ही ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपकी सारी बैंक डिटेल साइबर ठग के पास पहुंच जाती है. फिर वो आपके खाते को खाली कर देते हैं. ऐसे में साइबर एक्सपर्ट की सलाह है कि ऐसे फोन कॉल आने पर बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी शेयर ना करें और ना ही ऐनी डेस्क एप डाउनलोड करें.

देहरादून: प्रदेश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बार साइबर ठगों (cyber thugs) ने रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक रमेश चंद्र आर्य को निशाना बनाकर लाखों की ठगी की है. इस संबंध में रमेश चंद्र ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई. जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना डालनवाला में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है.

रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि 14 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया. उसमें उनके जिओ फोन की केवाईसी अपडेट (KYC Update) कराने के बारे में लिखा गया था. रमेश चंद्र आर्य ने जब उस नंबर पर संपर्क किया तो फोनकर्ता ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताते हुए मदद का झांसा दिया.

ऐसे की ठगी: उसके बाद साइबर ठग ने रमेश चंद्र के मोबाइल में ऐनी डेस्क एप (AnyDesk app) डाउनलोड करवाया और एप के जरिये रमेश चन्द्र के मोबाइल का एक्सेस ले लिया. इसके बाद ठग ने रमेश चन्द्र से उनके मोबाइल के जरिए मामूली भुगतान की बात कही, जिसके चलते साइबर ठग ने रमेश चंद्र के खाते की पूरी जानकारी हासिल कर ली. उसके बाद साइबर ठग ने रमेश चंद्र के खाते से 1 लाख 28 हजार रुपए की चपत लगा दी. उसके बाद से साइबर ठग ने अपना मोबाइल बंद कर दिया.

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थाना डालनवाला एन के सिंह ने बताया कि रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उसके बाद जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. साथ ही पुलिस द्वारा नंबरों की जांच की जा रही है.

बढ़ी ऑनलाइन KYC ठगी: साल 2020 में कोरोना महामारी के बाद तमाम कंपनियों ने सिम कार्ड अपग्रेड की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया, ताकि लोग घर बैठे अपने सिम कार्ड को अपग्रेड कर सकें. ऐसे में सिम कार्ड के अपग्रेड की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद से ही ठगी का एक जाल बन गया, जिसके बाद वर्तमान समय में सिम कार्ड अपग्रेड और केवाईसी अपडेट को लेकर शातिर ठग लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मौजूदा समय मे लगभग हर व्यक्ति सिम कार्ड का प्रयोग कर रहा है. इसी का फायदा उठाते हुए सिम कार्ड को एक्टिवेट करने का झांसा देकर साइबर ठग लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे है.

Cheating in the name of KYC
सावधान रहें, सुरक्षित रहें.

ऐनी डेस्क एप से ठगी: साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए पहले ऐनी डेस्क एप डाइनलोड करवाते हैं, फिर आपके मोबाइल को रिमोट पर लेकर आपके एक ट्रांजैक्शन करने के लिए कहते हैं. आप जैसे ही ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपकी सारी बैंक डिटेल साइबर ठग के पास पहुंच जाती है. फिर वो आपके खाते को खाली कर देते हैं. ऐसे में साइबर एक्सपर्ट की सलाह है कि ऐसे फोन कॉल आने पर बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी शेयर ना करें और ना ही ऐनी डेस्क एप डाउनलोड करें.

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