देहरादून: उत्तराखंड में मतदान संपन्न होने के बाद से तमाम पार्टियां जीत का दावा करती दिख रही हैं. इस सब के बीच बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी एक बड़ा दावा किया है. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल सिंह ने कहा कि भले ही पूर्व में पार्टी मोदी लहर में उत्तराखंड में एक भी सीट नहीं ला पाई हों, लेकिन आज जिस प्रकार से प्रदेश और देश में भाजपा विरोधी लहर है, भाजपा सरकार बनाने से दूर दिख रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बसपा के बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी.
चौधरी शीशपाल सिंह ने कहा कि बसपा 2012 की तरह ही एक बार फिर किंग मेकर की भूमिका में रहेगी. हालांकि किस पार्टी को वह उत्तराखंड में समर्थन देंगे, इस पर शीशपाल सिंह ने कहा कि जो बहन मायावती का आदेश होगा, उसके बाद ही समर्थन पर कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि बहन मायावती के उत्तराखंड दौरे के बाद जो पार्टी के पक्ष में माहौल बना है, उससे साफ है कि बसपा उत्तराखंड में जीत हासिल करेगी.
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साथ ही बसपा ने हरिद्वार की 6 सीटों पर जीत का दावा भी किया है. हालांकि अभी तक हाथी पहाड़ नहीं चढ़ पाया है, लेकिन उत्तराखंड गठन के बाद शुरूआती तीन विधानसभा चुनाव में बसपा प्रदेश में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि 2017 के चुनाव में मोदी लहर में बसपा प्रदेश में एक सीट पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई. लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में बीएसपी कुछ सीटें हासिल करने का दावा करती दिख रही है.
उत्तराखंड में बीएसपी की स्थिति: उत्तराखंड में पहला चुनाव 2002 में हुआ, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ. कांग्रेस 36 सीटों के साथ सरकार में आई तो बीजेपी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा को 7 सीट जीतकर तीसरे नंबर पर रही थी. 2007 विधानसभा चुनाव में बसपा उत्तराखंड में बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 8 सीटों पर जीत हासिल की. 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा 3 विधायकों पर सिमट कर रह गई. लेकिन बीएसपी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हुई और भगवानपुर से विधायक सुरेंद्र राकेश बसपा कोटे के कैबिनेट मंत्री बने.