देहरादून: यदि आप मई माह में उत्तराखंड की चारधाम यात्रा करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. जी हां इस बार उत्तराखंड में कपाट खुलने के दौरान यात्रा करना खासा रोमांचक होने जा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस बार पहाड़ी क्षेत्रों में जबरदस्त बर्फ पड़ी है और इसका असर चारों धामों में देखने को मिल रहा है. बता दें कि 7 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है.
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वैसे तो उत्तराखंड की शांत और सुंदर वादियां हमेशा ही पर्यटकों का दिल मोह लेती हैं. लेकिन इन दिनों उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियां कुछ ज्यादा ही खूबसूरत और मनमोहक हो गई हैं. पहाड़ियों पर गिरी ताजा बर्फ ने यहां का वातावरण खुशनुमा बना दिया है.
यह समय सबसे ज्यादा खास इसलिए भी है क्योंकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जल्द शुरू होने जा रही है. ऐसे में आप प्रकृति और मन की शांति तीर्थाटन दोनों का आनंद एक ही जगह पर ले सकते है. बता दें कि 7 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेगे, जबकि 9 और 10 मई को केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे. ऐसे में कपाट खुलने के दौरान उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक संतुष्टि तो मिलेगी ही साथ ही वे सौंदर्य और प्राकृतिक आनंद भी उठा सकेंगे.
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12 से 18 फुट ऊंची बर्फ के बीच से गुजरना होगा
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार 12 से 18 फुट ऊंची बर्फ की दीवारों के बीच से गुजराना होगा, जो श्रद्धालुओं को रोमांचित कर करने वाले एक नया अनुभव होगा. केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के बाद रास्तों को खोल दिया गया है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर की मानें तो चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालु बर्फबारी का आनंद भी उठा पाएंगे. चारधाम यात्रा में सुरक्षा को लेकर सभी तैयारियों को मुकम्मल किया गया है. केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के दौरान यानि पहले दिन के लिए तीन हजार भक्त बुकिंग करा चुके है. केदारनाथ धाम में करीब 3000 लोगों के रुकने की व्यवस्था भी गढ़वाल मंडल विकास निगम और तमाम संस्थानों द्वारा कर दी गई है.
बता दें इस बार भारी बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम में बदरी-केदार मंदिर समिति की संपत्ति की काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन जोर-शोर से जुटा हुआ है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसके लिए बर्फबारी वाली संवेदनशील जगहों पर विशेष तौर पर एसडीआरएफ की तैनाती भी की गई है.