ऋषिकेश: एक बार फिर चारधाम तीर्थ पुरोहित (Uttarakhand Chardham Teerth Purohit) और हक-हकूकधारी सरकार से नाराज होते दिख रहे हैं. दरअसल, धामी सरकार के द्वारा केदारनाथ धाम (Uttarakhand Kedarnath Dham) को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के बयान के बाद तीर्थ पुरोहितों में इसको लेकर खासी नाराजगी है.
चारधाम तीर्थ-पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई. जिसमें तीर्थ पुरोहितों ने एक सुर में केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि पूर्व में जिस तरह से देवस्थानम बोर्ड बनाना चाहती थी. लेकिन चुनाव के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने देवस्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया था. लेकिन अब चुनाव जीतने के बाद केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की बात कर रहे हैं, उससे यह साफ जाहिर होता है कि देवस्थानम बोर्ड की साजिश रची जा रही है.
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उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड सरकार केंद्र के इशारों पर काम कर रही है. महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि अगर किसी भी तरह की साजिश सरकार के द्वारा रची जाती है तो तीर्थ पुरोहित चुप नहीं बैठेंगे और इसका पुरजोर विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं होने दिया जाएगा क्योंकि यह धाम सभी के लिए आस्था का प्रतीक है. अगर सरकार नहीं मानती है तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की तैयारी की जाएगी.