देहरादून: त्रिवेंद्र कैबिनेट ने बुधवार को चारधाम श्राइन बोर्ड बनाने का निर्णय लिया है. मंत्रिमंडल के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है. एक तरफ तीर्थ पुरोहित खुले तौर पर चारधाम श्राइन बोर्ड का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रकाश ममगाईं ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना इस्तीफा दे दिया है.
चारों धाम (बदरीनाथ, केदरानाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) को एक छतरी के नीचे लाने के लिए त्रिवेंद्र कैबिनेट ने वैष्णो देवी की तर्ज पर उत्तराखंड चारधाम बोर्ड विधेयक-2019 को मंजूरी दी थी. सरकार का उद्देश्य इस बोर्ड के माध्यम से चारों धाम में व्यवस्था सही करना था. ताकि तीर्थयात्रियों को और अधिक सुविधाएं दी जा सके. लेकिन चारधाम के तीर्थपुरोहित अपने हक-हकूक को लेकर इसका विरोध कर रहे हैं.
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तीर्थपुरोहितों के विरोध के देखते हुए आज चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाईं ने सीएम त्रिवेंद्र से मुलाकात की थी. सीएम से उन्होंने श्राइन बोर्ड में कुछ संशोधन करने की बात कही. इसी दौरान ममगई ने सीएम को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया. हालांकि, उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाईं का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है.
शिव प्रसाद ममगाईं का कहना है कि अगर चारधाम में पूजा की पद्धति में कोई बदलाव किया गया तो वह अपना पद छोड़ देंगे. इसके साथ ही ममगाईं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें तीन दिसंबर तक का समय दिया है. तीर्थपुरोहितों के सुझाव के बाद एक्ट में बदलाव किया जा सकता है.