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चंपावत के सीओ को मिलेगा एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019, केंद्रीय गृह मंत्री करेंगे सम्मानित

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकदमों में बेहतरीन जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को दिए जाने वाले एक्सीलेंस अवॉर्ड की घोषणा कर दी है. इस सूची में उत्तराखंड से सीओ विपिन चंद्र पंत का नाम भी शामिल है.

विपिन चंद्र पंत
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Published : Aug 13, 2019, 11:34 PM IST

देहरादून: 2014 में दुष्कर्म और हत्या के मामले में बेहतरीन पुलिस विवेचना करने के लिए तत्कालीन इंस्पेक्टर व वर्तमान सीओ चंपावत विपिन चंद पंत को केंद्रीय गृह मंत्री एक्सीलेंस मेडल प्रदान करेंगे. गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी बीके सिंह की ओर से जारी सूची में पंत उत्तराखंड के इकलौते पुलिस अफसर हैं जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जा रहा है.

बता दें कि नैनीताल जिले के काठगोदाम में 21 नवंबर 2014 को 6 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ धारा 302, 376, 201 IPC सहित 4 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. पंत ने न सिर्फ इस मामले में 60 दिनों के अंदर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, बल्कि मुख्य आरोपी को मौत की सजा भी दिलाई थी. इस केस में सर्वोच्च विवेचना उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री उन्हें एक्सीलेंस मेडल प्रदान करेंगे. साथ ही उन्हें केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड: 15 अगस्त को लेकर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस मुख्यालय ने जारी की एडवाइजरी

गौरतलब है कि आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया था फिर उसकी पत्थरों से कुचलकर बेरहमी से हत्या की गई थी. तत्कालीन जांच अधिकारी इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत ने विवेचना के दौरान मुख्य अभियुक्त अख्तर अली के DNA, कपड़ों पर खून और मिट्टी आदि का विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) से परीक्षण कराया था. जिसमें अभियुक्त अख्तर अली के डीएनए का मिलान होने पर अन्य तीन अभियुक्तों के खिलाफ 26 जनवरी 2015 को सभी पर्याप्त सबूत के आधार 60 दिनों के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.

पढ़ें- नैनीताल में पर्यटकों की जान से हो रहा खिलवाड़, आंखें मूंदे बैठा पुलिस-प्रशासन

इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान 40 गवाह पेश किए गए थे. कोर्ट में अपनी कार्यवाही पूरी करते हुए 11 मार्च 2016 को सभी अभियुक्तों को दोषी माना और मुख्य आरोपी अख्तर अली को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. इसके अलावा घटना के सहआरोपी प्रेमपाल को 8 साल के कारावास की सजा सुनाई गई.

देहरादून: 2014 में दुष्कर्म और हत्या के मामले में बेहतरीन पुलिस विवेचना करने के लिए तत्कालीन इंस्पेक्टर व वर्तमान सीओ चंपावत विपिन चंद पंत को केंद्रीय गृह मंत्री एक्सीलेंस मेडल प्रदान करेंगे. गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी बीके सिंह की ओर से जारी सूची में पंत उत्तराखंड के इकलौते पुलिस अफसर हैं जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जा रहा है.

बता दें कि नैनीताल जिले के काठगोदाम में 21 नवंबर 2014 को 6 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ धारा 302, 376, 201 IPC सहित 4 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. पंत ने न सिर्फ इस मामले में 60 दिनों के अंदर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, बल्कि मुख्य आरोपी को मौत की सजा भी दिलाई थी. इस केस में सर्वोच्च विवेचना उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री उन्हें एक्सीलेंस मेडल प्रदान करेंगे. साथ ही उन्हें केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड: 15 अगस्त को लेकर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस मुख्यालय ने जारी की एडवाइजरी

गौरतलब है कि आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया था फिर उसकी पत्थरों से कुचलकर बेरहमी से हत्या की गई थी. तत्कालीन जांच अधिकारी इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत ने विवेचना के दौरान मुख्य अभियुक्त अख्तर अली के DNA, कपड़ों पर खून और मिट्टी आदि का विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) से परीक्षण कराया था. जिसमें अभियुक्त अख्तर अली के डीएनए का मिलान होने पर अन्य तीन अभियुक्तों के खिलाफ 26 जनवरी 2015 को सभी पर्याप्त सबूत के आधार 60 दिनों के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.

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इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान 40 गवाह पेश किए गए थे. कोर्ट में अपनी कार्यवाही पूरी करते हुए 11 मार्च 2016 को सभी अभियुक्तों को दोषी माना और मुख्य आरोपी अख्तर अली को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. इसके अलावा घटना के सहआरोपी प्रेमपाल को 8 साल के कारावास की सजा सुनाई गई.

Intro:Summary_6 साल की मासूम बच्ची दुष्कर्म व हत्याकांड मामलें पर बेहतरीन पुलिस विवेचना करने वाले चंपावत सीओ विपिन चंद पंत को स्वतंत्रता दिवस में "गृह मंत्री पदक" सम्मान, घटना के 60 दिनों के दौरान सफ़ल तरीके से जांच विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल, बेहतरीन विवेचना के आधार पर दोषी युवक को मृत्युदंड।


21 नवंबर 2014 में नैनीताल जनपद के काठगोदाम इलाके में 6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसे हत्या करने मामलें पर मुख्य आरोपी सहित एक अन्य अभियुक्त के खिलाफ धारा 302 376 201 IPC सहित 4 पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर घटना के 60 दिनों के दौरान सफल तरीके से जांच विवेचना अनावरण कर कोर्ट में चार्जशीट सीट दाखिल कर मुख्य आरोपी को मौत की सजा दिलाने मामले में केन्द्रीय गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वार मुकदमों की बेहतरीन विवेचना करने के लिए चंपावत सीओ विपिन चन्द पन्त को ’’सर्वोच्च विवेचना उत्कृष्टता के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री पदक’’ प्रदान किये जाने की घोषणा की गयी है। इसके अलावा Excellence Investigation करने वाले सीओ विपिन चन्द पन्त को केंद्र सरकार द्वारा 10 हज़ार का नक़द पुरस्कार की घोषणा भी की गई हैं।

Body:6 साल की मासूम बच्ची के काठगोदाम में दुष्कर्म हत्या कांडमामला

पुलिस जानकारी के मुताबिक 21 नवंबर-2014 की रात में जनपद नैनीताल के काठगोदाम स्थित रामलीला मैदान के शीशमहल में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम में अपने परिवार के साथ सम्मिलित होने आयी एक 5-6 वर्षीय बालिका विवाह समारोह से एकाएक गायब हो गयी थी। पटना के उपरांत इस सम्बन्ध में धारा- 365 IPC के तहत स्थानीय पुलिस चौकी में मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस छानबीन के दौरान 25 नवंबर 2014 को गुमशुदा बच्ची का शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में गौला नदी पर बरामद हुआ। मृतका का शव मिलने के उपरान्त
तत्कालीन जांच अधिकारी निरीक्षक विपिन चन्द्र पन्त के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दर्ज FIR में धारा-376/302/201 IPC व 4 पोक्सो अधिनियम वृद्धि कर कार्रवाई शुरू की। विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्यों के आधार पर दुष्कर्म और हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को अख्तर अली उर्फ शमीम उर्फ राजू पुत्र मकसूद अली निवासी ग्राम व पोस्ट मेहनगिरी थाना बेतिया, चम्पारन को 27 नवंबर-2014 को गिरफ्तार किया गया।
इतना ही नहीं विवेचना के दौरान इस घटना में सम्मिलित सहआरोपी प्रेमपाल वर्मा पुत्र लक्ष्मण प्रसाद निवासी हैदरगंज, जहानाबाद पीलीभीत और जूनियर मसीह उर्फ पौक्सी पुत्र हारून मसीह निवासी कन्टोपा रूद्रपुर ऊधमसिंहनगर को भी पूरे घटनाक्रम का आरोपी बनाते हुए 28 नवंबर 2014 को गिरफ्तार किया गया।

सफल विवेचना के आधार पर कोर्ट ने मुख्य आरोपी को दी फांसी की सजा

मासूम बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म और फिर नदी में पत्थरों से कुचलकर मौत के घाट उतारने मामले में तत्कालीन जांच अधिकारी इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत द्वारा विवेचना के दौरान वैज्ञानिक साक्ष्यों में मुख्य अभियुक्त अख्तर अली के DNA, कपड़ों में खून, मिट्टी आदि साक्ष्य प्राप्त कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब )से परीक्षण कराया गया, जिसमें अभियुक्त अख्तर अली का डीएनए मिलान होने के आधार पर तीनों अभियुक्तों के खिलाफ 26 जनवरी 2015 को सभी पर्याप्त साक्ष्य सबूतों के आधार पर कोर्ट में 60 दिनों के दौरान चार्जशीट दाखिल किया गया।
उधर पोक्सो कोर्ट में हल्द्वानी (नैनीताल) में चले इस कानूनी प्रक्रिया में इंस्पेक्टर विपिन चन्द पन्त द्वारा प्रभावी कार्यवाही करके 40 गवाहों को कोर्ट में बयानों के लिए पेश किया गया.. जिसके फलस्वरूप न्यायालय ने अपनी कोर्ट प्रक्रिया पूरी करते हुए 11 मार्च 2016 को अभियुक्त अख्तर अली इस मामले का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। इसके अलावा घटना के सहआरोपी प्रेमपाल को 8 वर्ष के कारावास से दण्डित किया गया।

Conclusion:
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