देहरादून: 2014 में दुष्कर्म और हत्या के मामले में बेहतरीन पुलिस विवेचना करने के लिए तत्कालीन इंस्पेक्टर व वर्तमान सीओ चंपावत विपिन चंद पंत को केंद्रीय गृह मंत्री एक्सीलेंस मेडल प्रदान करेंगे. गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी बीके सिंह की ओर से जारी सूची में पंत उत्तराखंड के इकलौते पुलिस अफसर हैं जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जा रहा है.
बता दें कि नैनीताल जिले के काठगोदाम में 21 नवंबर 2014 को 6 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ धारा 302, 376, 201 IPC सहित 4 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. पंत ने न सिर्फ इस मामले में 60 दिनों के अंदर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, बल्कि मुख्य आरोपी को मौत की सजा भी दिलाई थी. इस केस में सर्वोच्च विवेचना उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री उन्हें एक्सीलेंस मेडल प्रदान करेंगे. साथ ही उन्हें केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा.
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गौरतलब है कि आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया था फिर उसकी पत्थरों से कुचलकर बेरहमी से हत्या की गई थी. तत्कालीन जांच अधिकारी इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत ने विवेचना के दौरान मुख्य अभियुक्त अख्तर अली के DNA, कपड़ों पर खून और मिट्टी आदि का विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) से परीक्षण कराया था. जिसमें अभियुक्त अख्तर अली के डीएनए का मिलान होने पर अन्य तीन अभियुक्तों के खिलाफ 26 जनवरी 2015 को सभी पर्याप्त सबूत के आधार 60 दिनों के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.
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इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान 40 गवाह पेश किए गए थे. कोर्ट में अपनी कार्यवाही पूरी करते हुए 11 मार्च 2016 को सभी अभियुक्तों को दोषी माना और मुख्य आरोपी अख्तर अली को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. इसके अलावा घटना के सहआरोपी प्रेमपाल को 8 साल के कारावास की सजा सुनाई गई.