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तपोवन के NTPC सुरंग में राहत बचाव कार्य जारी, पढ़ें ऑपरेशन की चुनौतियां

तपोवन के टनल में राहत बचाव कार्यों में केंद्र, राज्य की कंपनियों के साथ सेना के जवान भी राहत बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.

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तपोवन के NTPC सुरंग में राहत बचाव कार्य जा
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Published : Feb 8, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Feb 8, 2021, 9:48 PM IST

देहरादून: चमोली के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने के बाद पानी का तेज बहाव नीचे की ओर आया. इसका पानी सबसे पहले तपोवन स्थित NTPC के पावर प्रोजेक्ट में लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला.

तपोवन में टनल से मलबा निकालने का काम जारी है. NDRF, आईटीबीपी, सेना, एसडीआरएफ की टीमें मलबे में तलाशी भी कर रही है. मलबे में फंसे लोगों का सुराग ढूंढ़ने के लिए NDRF की टीम सभी मशीनों का सहारा ले रही है.

वहीं, NDRF के डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है. सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं. सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है. जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं.

तपोवन टनल में चुनौतियां

2.5 किलोमीटर लंबे इस टनल में कई जगह मोड और स्टोरेज के लिए जगह छोड़ी गई हैं. ऐसे में मशीनों को मवूमेंट के लिए ज्यादा मेहनत करना पड़ा रहा है. तपोवन टनल में रेस्क्यू काम में जुड़े लोगों का कहना है कि सुरंग के अंदर भारी कीचड़, गाद और बोल्डर की वजह से राहत बचाव कार्य में समय लग रहा है. हालांकि टीमें ऑक्सीजन की मशीनें स्टैंडबाय में रखी है.

  • Uttarakhand: CM Trivendra Singh Rawat holds meeting with ITBP, NDRF, SDRF, Uttarakhand Police & other agencies in Joshimath on rescue efforts in Tapovan.

    He says, "All four forces are working in coordination. Rescue operation is underway." pic.twitter.com/PpnedympDt

    — ANI (@ANI) February 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

NTPC प्रोजेक्ट से आई तस्वीरें को देखकर लगता है कि यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन काफी मुश्किल है. पूरी सरंग मलबे से भरी हुई है. ITBP के जवान बेहद सावधानी से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. ITBP, आर्मी, SDRF और NDRF की संयुक्त टीम चमोली के तपोवन टनल में बचाव कार्य में जुटी हुई है.

ये भी पढे़ं: एक क्लिक में पढ़ें चमोली त्रासदी की पूरी कहानी, जानें कब और कैसे हुई शुरुआत

100 मीटर से आगे नहीं जा सकी रेस्क्यू टीम

तपोवन के सुरंग नंबर 2 में भारी कीचड़ की वजह से अंदर जा रही रेस्क्यू टीम को वापस लौटना पड़ा है. ये टीम विशेष कैमरा, स्निफर डॉग के साथ अंदर जाने की कोशिश कर रही थी, ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस ये टीम काफी मशक्कत के बाद 100 मीटर से आगे नहीं बढ़ सकी. इसके बाद इस टीम को वापस लौटना पड़ा. अब मशीनों के जरिए कीचड़ और गाद को साफ किया जा रहा है.

तपोवन में आर्मी ने बनाया अस्थायी अस्पताल

आर्मी ने संकट की स्थिति के लिए तपोवन में इमरजेंसी के लिए 6 बेड वाला एक अस्थायी अस्पताल बना दिया है. बहुत संभव है कि सुरंग से कुछ लोग बेहोशी की हालत में निकलें, ऐसी स्थिति में उनका यहां पर प्राथमिक उपचार किया जाएगा.

UN ने की मदद की पेशकश

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि UN आपदा की इस घड़ी में भारत को हर तरह की सहायता करने को तैयार है. अगर भारत को रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी तरह की मदद की जरूरत है तो हम अपने संसाधनों के साथ भारत को मदद करने के लिए तैयार है.

देहरादून: चमोली के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने के बाद पानी का तेज बहाव नीचे की ओर आया. इसका पानी सबसे पहले तपोवन स्थित NTPC के पावर प्रोजेक्ट में लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला.

तपोवन में टनल से मलबा निकालने का काम जारी है. NDRF, आईटीबीपी, सेना, एसडीआरएफ की टीमें मलबे में तलाशी भी कर रही है. मलबे में फंसे लोगों का सुराग ढूंढ़ने के लिए NDRF की टीम सभी मशीनों का सहारा ले रही है.

वहीं, NDRF के डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है. सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं. सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है. जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं.

तपोवन टनल में चुनौतियां

2.5 किलोमीटर लंबे इस टनल में कई जगह मोड और स्टोरेज के लिए जगह छोड़ी गई हैं. ऐसे में मशीनों को मवूमेंट के लिए ज्यादा मेहनत करना पड़ा रहा है. तपोवन टनल में रेस्क्यू काम में जुड़े लोगों का कहना है कि सुरंग के अंदर भारी कीचड़, गाद और बोल्डर की वजह से राहत बचाव कार्य में समय लग रहा है. हालांकि टीमें ऑक्सीजन की मशीनें स्टैंडबाय में रखी है.

  • Uttarakhand: CM Trivendra Singh Rawat holds meeting with ITBP, NDRF, SDRF, Uttarakhand Police & other agencies in Joshimath on rescue efforts in Tapovan.

    He says, "All four forces are working in coordination. Rescue operation is underway." pic.twitter.com/PpnedympDt

    — ANI (@ANI) February 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

NTPC प्रोजेक्ट से आई तस्वीरें को देखकर लगता है कि यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन काफी मुश्किल है. पूरी सरंग मलबे से भरी हुई है. ITBP के जवान बेहद सावधानी से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. ITBP, आर्मी, SDRF और NDRF की संयुक्त टीम चमोली के तपोवन टनल में बचाव कार्य में जुटी हुई है.

ये भी पढे़ं: एक क्लिक में पढ़ें चमोली त्रासदी की पूरी कहानी, जानें कब और कैसे हुई शुरुआत

100 मीटर से आगे नहीं जा सकी रेस्क्यू टीम

तपोवन के सुरंग नंबर 2 में भारी कीचड़ की वजह से अंदर जा रही रेस्क्यू टीम को वापस लौटना पड़ा है. ये टीम विशेष कैमरा, स्निफर डॉग के साथ अंदर जाने की कोशिश कर रही थी, ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस ये टीम काफी मशक्कत के बाद 100 मीटर से आगे नहीं बढ़ सकी. इसके बाद इस टीम को वापस लौटना पड़ा. अब मशीनों के जरिए कीचड़ और गाद को साफ किया जा रहा है.

तपोवन में आर्मी ने बनाया अस्थायी अस्पताल

आर्मी ने संकट की स्थिति के लिए तपोवन में इमरजेंसी के लिए 6 बेड वाला एक अस्थायी अस्पताल बना दिया है. बहुत संभव है कि सुरंग से कुछ लोग बेहोशी की हालत में निकलें, ऐसी स्थिति में उनका यहां पर प्राथमिक उपचार किया जाएगा.

UN ने की मदद की पेशकश

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि UN आपदा की इस घड़ी में भारत को हर तरह की सहायता करने को तैयार है. अगर भारत को रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी तरह की मदद की जरूरत है तो हम अपने संसाधनों के साथ भारत को मदद करने के लिए तैयार है.

Last Updated : Feb 8, 2021, 9:48 PM IST
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