देहरादून: बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी बुधवार को एनआईवीएच (राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान) पहुंची, जहां उन्होंने संस्थान के निदेशक नचिकेता राउत के साथ स्कूल की प्राचार्य से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने संस्थान के अंदर हुई छेड़खानी और कुकर्म जैसे मामलों पर चिंता जाहिर की.
आशा नेगी ने एनआईवीएच के निदेशक को संस्थान में व्यवस्थाएं सुधारने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. इसके अलावा संस्थान के एक-एक बच्चे की हर महीने काउंसिलिंग करने के भी निर्देश दिए. साथ ही बच्चों को कुछ ऐसी कहानियां सुनाने को भी कहा है जिससे वे देश के अच्छे नागरिक बन सकें.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि संस्थान के छात्रों को मोबाइल फोन से दूर रखना चाहिए. यदि कोई छात्र मोबाइल का इस्तेमाल करता भी है तो इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए.
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एनआईवीएच के निदेशक ने बताया कि भविष्य में इस तरह की घटना न इसको ध्यान में रखते हुए चौथी और पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अलग हॉस्टल की व्यवस्था कर दी गई है. इसके साथ ही हॉस्टल के वार्डन और सिक्योरिटी गार्ड्स को भी हर घंटे हॉस्टल की मॉनिटरिंग करने को कहा गया है.
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बता दें कि एनआईवीएच में बीते दिनों छात्र के साथ कुकर्म का एक मामला सामने आया था. इस मामले में बीती 11 सितंबर को राजपुर थाने में आरोपी छात्र के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था. जिसके बाद आरोपी छात्र को हिरासत में ले लिया गया था. इस पूरे मामले में आरोपी छात्र से पूछताछ के दौरान जो सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात सामने आई थी कि वह पहले भी संस्थान में कई और छात्रों के साथ इस तरह की हरकत कर चुका है. इसी के बाद बुधवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने एनआईवीएच का निरीक्षण किया.