हरिद्वार: उत्तराखंड के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष (single member dedicated commission) न्यायमूर्ति ब्रह्म सिंह वर्मा ने सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आयोग का प्रथम प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को सौंपा. एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुति हरिद्वार जनपद के लिए अंतरिम संस्तुति है, जो अंतिम प्रतिवेदन के अधीन होगी.
अंतरिम संस्तुति के तहत अंतरिम प्रतिवेदन में हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 171 (54.13 प्रतिशत) प्रधान पदों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 69 (22.03 प्रतिशत) पदों की संस्तुति की है. हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 3 (54.13 प्रतिशत) प्रमुख पदों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 1 (16.66 प्रतिशत) पद की संस्तुति की है. साथ ही ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया राज्य के अन्य 12 जनपदों में पूर्ण न होने के कारण जनपद हरिद्वार में अध्यक्ष जिला पंचायत पद के आरक्षण के सम्बन्ध में आयोग द्वारा कोई संस्तुति नहीं की गई है. अन्य पिछड़ा वर्ग के कुल 362 ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड) आरक्षित किये गये हैं.
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कतिपय ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक होने के कारण एकल समर्पित आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल 281 सदस्य (वार्ड) आरक्षित किये जाने की संस्तुति की है, जो कि 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का समग्र आरक्षण अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा के अन्तर्गत है.
वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 27 क्षेत्र पंचायत सदस्य (वार्ड) के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 27 सदस्य (वार्ड) आरक्षित किये जाने की संस्तुति की है, जो कि 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है. जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 6 जिला पंचायत सदस्य (वार्ड) के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 6 सदस्य ( वार्ड) आरक्षित किये जाने की संस्तुति की है, जो कि 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है. इस अवसर पर पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज, सचिव पंचायतीराज नितेश झा, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह उपस्थित थे.