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उत्तराखंड में सुधरेगा प्राइमरी एजुकेशन का स्तर, जल्द तैयार होंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस - improve primary education level in Uttarakhand

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रत्येक 5 किमी की परिधि में प्राथमिक और जूनियर के लिए एक ही स्कूल बनाया जाएगा. वहां पर 5 से 6 शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. साथ ही आसपास के कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के छात्रों को वहां प्रवेश दिया जाएगा. इस स्कूल में बच्चों के लिए यातायात की सुविधा भी उपलब्ध होगी.

Dehradun news
उत्तराखंड शिक्षा विभाग
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Published : Mar 16, 2022, 3:13 PM IST

देहरादून: प्रदेश में प्रारम्भिक और जूनियर शिक्षा के स्तर को सुधारने और अतिरिक्त आर्थिक बोझ कम करने के लिए शिक्षा विभाग नई कवायद करने जा रहा है. इस कवायद को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस थीम के नाम से शुरू किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के तैयार खाके के अनुसार प्रदेश में 5 किमी की परिधि में एक उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा. जहां पर छात्र-छात्राओं के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इन 5 किमी की परिधि में आने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों को वहां पर प्रवेश दिया जाएगा. छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल लाने और छोड़ने के लिए यातायात सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी.

सूबे की बात करें तो प्रदेश में कई सरकारी प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में कहीं कम छात्रों पर शिक्षक अधिक हैं तो कहीं ज्यादा छात्रों पर शिक्षकों की कमी है. फिर भी प्रत्येक स्कूल की देखभाल और अन्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग बजट आवंटित होता है. ऐसे में अब छात्र संख्या कम वाले स्कूलों और फिजूलखर्ची की समस्या से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के नाम से एक नया खाका तैयार किया है.

इसके अंतर्गत प्रत्येक 5 किमी की परिधि में प्राथमिक और जूनियर के लिए एक ही स्कूल बनाया जाएगा और वहां पर 5 से 6 शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. साथ ही आसपास के कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के छात्रों को वहां प्रवेश दिया जाएगा. हालांकि, इसमें यह भी है कि अगर कोई छात्र पुराने स्कूल को नहीं छोड़ना चाहता, तो उसे यथावत रखा जाएगा.
शिक्षा निदेशक प्रारम्भिक वंदना गर्ब्याल ने बताया कि शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से एक खाका तैयार किया गया है. जिससे 5 किमी की परिधि में एक उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा. शासन के निर्देश पर यह प्रयास इसलिए किया गया है जिससे कि कम छात्र संख्या के स्कूल की समस्या और राज्य और केंद्र सरकार की ओर से स्कूल के रख-रखाव के लिए जो बजट आता है, उसको एक ही स्थान पर लगाकर छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा दी जाएगी.

पढ़ें- हाथ में बम फोड़ने वाले कांग्रेस नेता ने अब पड़ोसी की दुकान का बोर्ड फाड़ा, गिरफ्तार

इस स्कूल में कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा. वहीं, अगर कोई अभिभावक अपने बच्चे को पुराने स्कूल में रखना चाहता है तो उसे यथावत रखा जाएगा. साथ ही 5 किमी की परिधि में आने वाले छात्रों के लिए इस स्कूल में यातायात की सुविधा दी जाएगी. अभी इस कवायद के भीतर कितने स्कूल आते हैं, यह कहना मुश्किल है. हालांकि, शासन की अंतरिम सहमति के बाद ही इस प्रोजेक्ट की आगे की स्थिति साफ हो पाएगी.

देहरादून: प्रदेश में प्रारम्भिक और जूनियर शिक्षा के स्तर को सुधारने और अतिरिक्त आर्थिक बोझ कम करने के लिए शिक्षा विभाग नई कवायद करने जा रहा है. इस कवायद को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस थीम के नाम से शुरू किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के तैयार खाके के अनुसार प्रदेश में 5 किमी की परिधि में एक उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा. जहां पर छात्र-छात्राओं के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इन 5 किमी की परिधि में आने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों को वहां पर प्रवेश दिया जाएगा. छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल लाने और छोड़ने के लिए यातायात सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी.

सूबे की बात करें तो प्रदेश में कई सरकारी प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में कहीं कम छात्रों पर शिक्षक अधिक हैं तो कहीं ज्यादा छात्रों पर शिक्षकों की कमी है. फिर भी प्रत्येक स्कूल की देखभाल और अन्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग बजट आवंटित होता है. ऐसे में अब छात्र संख्या कम वाले स्कूलों और फिजूलखर्ची की समस्या से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के नाम से एक नया खाका तैयार किया है.

इसके अंतर्गत प्रत्येक 5 किमी की परिधि में प्राथमिक और जूनियर के लिए एक ही स्कूल बनाया जाएगा और वहां पर 5 से 6 शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. साथ ही आसपास के कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के छात्रों को वहां प्रवेश दिया जाएगा. हालांकि, इसमें यह भी है कि अगर कोई छात्र पुराने स्कूल को नहीं छोड़ना चाहता, तो उसे यथावत रखा जाएगा.
शिक्षा निदेशक प्रारम्भिक वंदना गर्ब्याल ने बताया कि शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से एक खाका तैयार किया गया है. जिससे 5 किमी की परिधि में एक उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा. शासन के निर्देश पर यह प्रयास इसलिए किया गया है जिससे कि कम छात्र संख्या के स्कूल की समस्या और राज्य और केंद्र सरकार की ओर से स्कूल के रख-रखाव के लिए जो बजट आता है, उसको एक ही स्थान पर लगाकर छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा दी जाएगी.

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इस स्कूल में कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा. वहीं, अगर कोई अभिभावक अपने बच्चे को पुराने स्कूल में रखना चाहता है तो उसे यथावत रखा जाएगा. साथ ही 5 किमी की परिधि में आने वाले छात्रों के लिए इस स्कूल में यातायात की सुविधा दी जाएगी. अभी इस कवायद के भीतर कितने स्कूल आते हैं, यह कहना मुश्किल है. हालांकि, शासन की अंतरिम सहमति के बाद ही इस प्रोजेक्ट की आगे की स्थिति साफ हो पाएगी.

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