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कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 73वीं पुण्यतिथि, कविताओं को संरक्षण करने की मांग उठी - मसूरी न्यूज

मसूरी में कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल जी की 73वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर अतिथियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कार्यक्रम में भाषण, कविता और संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

मसूरी में कवि चंद्र कुंवर जी की 73वीं पुण्यतिथि मनाई गई
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Published : Sep 15, 2019, 1:49 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में प्रकृति के चितेरे कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 73 वीं पुण्यतिथि और जन्मशती मनाई गई. हिंदी काव्य में कुंवर जी का खासा योगदान रहा है. उनकी पुण्यतिथि पर विद्यालयी भाषण प्रतियोगिता और संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अतिथियों ने कुंवर बर्तवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.

कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 73वीं पुण्यतिथि.

कार्यक्रम की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व काबीना मंत्री प्रीतम पंवार, पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की. इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि कवि कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल ने महज 28 साल की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी. कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की तुलना पश्चिम के जॉन कीट्स विलियम वॉट्सवर्थ से भी की जा सकती है.

वहीं, कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल शोध संस्था के अध्यक्ष शूरवीर भंडारी का कहा कि सरकार द्वारा उनकी रचनाओं को कॉलेज स्तर के साथ प्राइमरी, बेसिक और प्राथमिक स्कूलों के पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके बारे में जान सके. भंडारी ने आगे कहा कि उनकी कई ऐसी काव्य और रचनाएं हैं, जिसे सरकार द्वारा संरक्षित किए जाने की जरूरत है.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में प्रकृति के चितेरे कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 73 वीं पुण्यतिथि और जन्मशती मनाई गई. हिंदी काव्य में कुंवर जी का खासा योगदान रहा है. उनकी पुण्यतिथि पर विद्यालयी भाषण प्रतियोगिता और संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अतिथियों ने कुंवर बर्तवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.

कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 73वीं पुण्यतिथि.

कार्यक्रम की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व काबीना मंत्री प्रीतम पंवार, पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की. इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि कवि कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल ने महज 28 साल की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी. कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की तुलना पश्चिम के जॉन कीट्स विलियम वॉट्सवर्थ से भी की जा सकती है.

वहीं, कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल शोध संस्था के अध्यक्ष शूरवीर भंडारी का कहा कि सरकार द्वारा उनकी रचनाओं को कॉलेज स्तर के साथ प्राइमरी, बेसिक और प्राथमिक स्कूलों के पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके बारे में जान सके. भंडारी ने आगे कहा कि उनकी कई ऐसी काव्य और रचनाएं हैं, जिसे सरकार द्वारा संरक्षित किए जाने की जरूरत है.

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मसूरी के होटल में प्रकृति के चितेरे कवि चंद्र कुँवर बर्तवाल की 73 वी पुण्यतिथि और जन्मशती के अवसर पर हिंदी काव्य में चंद्र कुँवर बर्तवाल के योगदान विषय पर अंतर विद्यालयी भाषण प्रतियोगिता और संगोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ,पूर्व काबीना मंत्री प्रीतम पंवार पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने सयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर के किया इससे पूर्व माल रोड पर कवि चंद्र कुँवर बर्तवाल की प्रतिमा में माल्यापर्ण कर श्रदांजलि अर्पित की गई अंतर विद्यालय भाषण प्रतियोगिता के प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को मोमेंटो और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया


Body:इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि चंद्र कुंवर बर्तवाल एक प्रकृति के चितेरे कवि थे और उन्होंने मात्र 28 साल की कम उम्र में अपनी कविताओं के माध्यम से प्रकृति हिमालय साहित्य राजनीति पशु पक्षी ब्रिटिश शासन विश्वयुद्ध जिस स्थान पर गए वहां की स्थिति सहित की पतंगों तक पर कविताएं लिखी उन्होंने एक पंक्ति से लेकर 1000 पंक्ति तक की कविताएं लिखी चंद्र कुँवर बर्तवाल एक ऐसे कवि थे जिनकी तुलना पश्चिम के जॉन कीट्स विलियम वाटवर्थ से की जा सकती है विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि चंद्रकुंवर के द्वारा अल्प आयु में राष्ट्रवाद और प्रकृति की रचना की गई जिसका सरकार द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है वहीं सरकार द्वारा शिक्षा के पाठ्यक्रम में उनकी कई रचनाओं को शामिल किया गया है

पूर्व मंत्री प्रीतम पंवार ने कहा कि संस्था द्वारा चंद्रकुँवर शोध संस्थान द्वारा चंद्र कुँवर के काव्य और रचना को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है जो एक अच्छी पहल है ऐसे में सरकार को भी उनके कई अनछुए काव्य और रचनाओं को संरक्षित करने के लिए काम करना चाहिए


Conclusion:चंद्र कुंवर बर्तवाल शोध संस्था मसूरी के अध्यक्ष शूरवीर भंडारी ने कहा कि सरकार द्वारा विख्यात कवि चंद्रकुँवर बर्तवाल के द्वारा रचित रचनाओं और कविताओं को संग्रहित करने के लिए ठोस नीति बनाई गई है वह कॉलेज स्तर पर चंद्रकुँवर1 जी की रचनाएं और कविताओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है पर संस्थान की कोशिश है कि बर्तवाल जी की रचनाएं और कविताएं को प्राइमरी बेसिक और प्राथमिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाए जिससे आने वाली पीढ़ी उनके बारे में जान सकें वह उनके द्वारा प्रकृति को संरक्षित करने के लिए किए गए कार्य को याद कर सके उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसे अनछुए काव्य और रचनाएं हैं जिसको सरकार द्वारा संग्रक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है
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