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छात्रवृत्ति घोटाला: UP के सहारनपुर स्थित यूनिवर्सिटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज, दो गिरफ्तार - देहरादून छात्रवृत्ति दो गिरफ्तार

उत्तराखंड का चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. एसएसटी के मुताबिक छात्रवृत्ति घोटाले के दोनों ही अभियुक्तों के खिलाफ देहरादून के डालनवाला और विकास नगर थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

Uttarakhand scholarship scam
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Published : Jan 6, 2021, 7:50 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी टीम ने एक और घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. एसआईटी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर आदर्श एरिया स्थित शैक्षणिक संस्थान शोभित यूनिवर्सिटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कॉलेज संचालक और एजेंट सहित दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.

आरोप के मुताबिक, शोभित यूनिवर्सिटी के संचालकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत की. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं के नाम कॉलेज में फर्जी दाखिला दिलाया और फिर करीब एक करोड़ की धनराशि सरकारी खजाने से गबन की गई है. इस मामले में कॉलेज के एजेंट सहित संचालक राकेश कुमार, सुनील तोमर को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. राकेश कुमार सहारनपुर जनपद के बेहट थाना क्षेत्र के रामपुर का रहने वाला है और सुनील तोमर देहरादून के कालसी तहसील क्षेत्र के बीजाउ गांव का रहने वाला है.

साल 2013-14 में हुआ छात्रवृत्ति घोटाले का खेल

एसआईटी से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर आदर्श एरिया में स्थित शोभित यूनिवर्सिटी के खिलाफ साल 2013-14 में यह छात्रवृत्ति घोटाला किया गया. जांच में पता चला कि कॉलेज ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 99 लाख 52 हजार रुपए का गबन किया. इस में समाज कल्याण अधिकारी की मिलीभगत रही. जांच में पता चला कि कॉलेज के सचिव शाकुंभरी पैरामेडिकल सहारनपुर के बैंक खाते में यह धनराशि ट्रांसफर हुई, जिसका संचालन एकमात्र राकेश कुमार द्वारा किया जा रहा था.

पढ़ें- कोरोना को मात देकर वापस देहरादून लौटे सीएम त्रिवेंद्र, हुआ भव्य स्वागत

घोटालेबाज कॉलेज के एजेंट के खाते में भी लाखों की धनराशि जमा

वहीं, हाईकोर्ट के आदेश पर गठित की गई देहरादून-हरिद्वार एसआईटी टीम की जांच में पता चला कि कथित छात्रों के रजिस्ट्रेशन संबंधी विश्वविद्यालय में किसी प्रकार का दाखिला होना नहीं पाया गया. इतना ही नहीं छात्रों द्वारा किसी तरह की कोई दस्तावेज कॉलेज को मुहैया कराए गए. उधर, दूसरी तरफ 32 वर्षीय सुनील सिंह तोमर निवासी कालसी देहरादून द्वारा अपने खाते में 15 लाख रुपए छात्रवृत्ति घोटाले की रकम भी ट्रांसफर होने के सबूत प्राप्त हुए.

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी टीम ने एक और घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. एसआईटी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर आदर्श एरिया स्थित शैक्षणिक संस्थान शोभित यूनिवर्सिटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कॉलेज संचालक और एजेंट सहित दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.

आरोप के मुताबिक, शोभित यूनिवर्सिटी के संचालकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत की. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं के नाम कॉलेज में फर्जी दाखिला दिलाया और फिर करीब एक करोड़ की धनराशि सरकारी खजाने से गबन की गई है. इस मामले में कॉलेज के एजेंट सहित संचालक राकेश कुमार, सुनील तोमर को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. राकेश कुमार सहारनपुर जनपद के बेहट थाना क्षेत्र के रामपुर का रहने वाला है और सुनील तोमर देहरादून के कालसी तहसील क्षेत्र के बीजाउ गांव का रहने वाला है.

साल 2013-14 में हुआ छात्रवृत्ति घोटाले का खेल

एसआईटी से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर आदर्श एरिया में स्थित शोभित यूनिवर्सिटी के खिलाफ साल 2013-14 में यह छात्रवृत्ति घोटाला किया गया. जांच में पता चला कि कॉलेज ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 99 लाख 52 हजार रुपए का गबन किया. इस में समाज कल्याण अधिकारी की मिलीभगत रही. जांच में पता चला कि कॉलेज के सचिव शाकुंभरी पैरामेडिकल सहारनपुर के बैंक खाते में यह धनराशि ट्रांसफर हुई, जिसका संचालन एकमात्र राकेश कुमार द्वारा किया जा रहा था.

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घोटालेबाज कॉलेज के एजेंट के खाते में भी लाखों की धनराशि जमा

वहीं, हाईकोर्ट के आदेश पर गठित की गई देहरादून-हरिद्वार एसआईटी टीम की जांच में पता चला कि कथित छात्रों के रजिस्ट्रेशन संबंधी विश्वविद्यालय में किसी प्रकार का दाखिला होना नहीं पाया गया. इतना ही नहीं छात्रों द्वारा किसी तरह की कोई दस्तावेज कॉलेज को मुहैया कराए गए. उधर, दूसरी तरफ 32 वर्षीय सुनील सिंह तोमर निवासी कालसी देहरादून द्वारा अपने खाते में 15 लाख रुपए छात्रवृत्ति घोटाले की रकम भी ट्रांसफर होने के सबूत प्राप्त हुए.

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