देहरादून: पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड के अधीक्षण अभियंता की तरफ से टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत के साथ कोतवाली पटेल नगर में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. आरोप है कि कई कंपनियों की तरफ से टेंडर के दौरान पूल करते हुए सरकारी उपक्रम की टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की गई. मामले में विभिन्न धाराओं के तहत एफ आई आर दर्ज कर ली गई है.
जांच में हुआ मामले का खुलासा: पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड में टेंडर के दौरान गड़बड़ी से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इसके तहत निगम के अधीक्षण अभियंता सूर्य प्रकाश आर्य की तरफ से पटेल नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज भी करवाई गई है. तहरीर के अनुसार विभिन्न सब स्टेशन के इक्विपमेंटस को अपग्रेड और बदलने से जुड़े टेंडर की प्रक्रिया को पिटकुल की तरफ से किया जा रहा था, जिसमें विभिन्न लोगों ने प्रतिभाग करते हुए अलग-अलग कंपनी के नाम से टेंडर सबमिट किए. लेकिन जब निगम की तरफ से इसकी जांच की गई तो पता चला कि तीन कंपनियों की तरफ से दिए गए ड्राफ्ट एक ही खाते और बैंक से निकाले गए थे.
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मामले में तहरीर के बाद मुकदमा दर्ज: इस तरह निगम के अधीक्षण अभियंता ने तीनों कंपनियों द्वारा टेंडर में पूल करने की लिखित तहरीर दी. साथ ही इन कंपनियों पर टेंडर में धोखाधड़ी करने और आपराधिक षड्यंत्र करने का भी आरोप है. अधीक्षण अभियंता की शिकायत पर पटेल नगर कोतवाली ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें अवधेश कुमार, राजेंद्र मिमानी, रवि शंकर पांडे, गिरीश चैतन्य, सुमार ब्रह्मभट्ट और नरेंद्र ए कोडे को आरोपी बनाया गया है. मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और अब इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर दीपक रावत इस पूरे मामले की जांच करेंगे. फिलहाल मुकदमा धारा 420, और 120 बी में दर्ज किया गया है.