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1993 मुठभेड़ में बरामद रिवॉल्वर 23 साल से 'गायब', जानें अनसुलझी गुत्थी

देहरादून पुलिस का एक अजीब-ओ-गरीब मामला सामने आया है. हालांकि ये मामला उत्तराखंड राज्य गठन से पहले का है, लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद भी 20 साल तक देहरादून पुलिस इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में लगी रही और अब 23 साल बाद देहरादून पुलिस लाइन शस्त्र भंडार से गायब हुई रिवॉल्वर के मामले में मुकदमा दर्ज कराया है.

Dehradun Police
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Published : Jul 6, 2022, 3:15 PM IST

Updated : Jul 7, 2022, 7:47 PM IST

देहरादून: पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने में लेटलतीफी के मामले तो अपने बहुत सुने होंगे लेकिन आज हम आपको देहरादून पुलिस की नई कारस्तानी से रूबरू करा रहे हैं. इस मामले में दून पुलिस ने 23 साल तक मुकदमा ही दर्ज नहीं करवाया. हालांकि, अब मामला सामने आया तो 23 साल बाद केस दर्ज किया गया है. ये पूरा मामला शस्त्र भंडार से रिवॉल्वर गायब होने का है.

जानकारी के मुताबिक, साल 1993 में एक मुठभेड़ के दौरान बरामद रिवॉल्वर को शस्त्र भंडार में रखा गया था. इसके बाद 1999 में उस रिवॉल्वर को बैलेस्टिक जांच के लिए आगरा लैब भेजा गया था, लेकिन उसके बाद से लेकर आजतक रिवॉल्वर नहीं मिली. चौंकाने वाली बात ये है कि अपनी लापरवाही छिपाने के लिए पुलिसकर्मी ने 23 साल तक इस मामले को दबाए रखा. हालांकि, अब देहरादून पुलिस लाइन के प्रतिसार की तहरीर पर नेहरू कॉलोनी थाने में 23 बाद इस मामले में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है.
पढ़ें- चोरी के 9 वाहनों के साथ चोर गिरफ्तार, नेपाल और यूपी में गाड़ियों को लगाता था ठिकाने

पुलिस लाइन के प्रतिसार जगदीश चंद पंत ने अपनी शिकायत में बताया कि साल 1993 में मुठभेड़ को लेकर धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे में बरामद .38 रिवॉल्वर भी बरामद की गई थी, जिसको पुलिस शस्त्र भंडार में रखा गया था. इस रिवॉल्वर को 16 नवंबर 1999 को बैलेस्टिक जांच के लिए दारोगा जसवीर सिंह आगरा लैब लेकर गए थे. उसके बाद से ही रिवॉल्वर गायब है. उसके बाद 2005 में पुलिस जीडी और अन्य रिकॉर्ड को निपटाया जा चुका था. उस दौरान रिवॉल्वर का निस्तारण नहीं हो पाया था.

गायब हुई रिवॉल्वर की खोजबीन 2020 में शुरू की गई. दून पुलिस द्वारा मार्च 2020 में आगरा लैब को पत्र भेजा गया, लेकिन लैब से उस दौरान का रिकॉर्ड नहीं होने की जानकारी दी. इसके बाद यूपी पुलिस से रिकॉर्ड लेकर दारोगा जसवीर सिंह की तलाश की गई तो पता चला कि वो यूपी पुलिस में साल 2000 में रिटायर हो चुके हैं. पुलिस जसवीर सिंह के गांव बुलंदशहर पहुंचे तो पता चला कि अधिक उम्र होने के कारण याददाश्त कमजोर हो गई है और इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से जसवीर सिंह ने मना कर दिया.
पढ़ें- व्यापारी से 20 लाख की रंगदारी मांगने का मामला, दूसरा आरोपी भी चढ़ा पुलिस के हत्थे

पुलिस द्वारा जसवीर सिंह की रिवॉल्वर लेकर रवानगी जीडी तलाशी गई तो पता लगा कि जीडी रिकॉर्ड भी नष्ट कर दिया गया है. थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पुलिस लाइन के प्रतिसार जगदीश चंद्र पंत की तहरीर के आधार पर पुलिस रिकॉर्ड से रिवॉल्वर गायब होने को लेकर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.

देहरादून: पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने में लेटलतीफी के मामले तो अपने बहुत सुने होंगे लेकिन आज हम आपको देहरादून पुलिस की नई कारस्तानी से रूबरू करा रहे हैं. इस मामले में दून पुलिस ने 23 साल तक मुकदमा ही दर्ज नहीं करवाया. हालांकि, अब मामला सामने आया तो 23 साल बाद केस दर्ज किया गया है. ये पूरा मामला शस्त्र भंडार से रिवॉल्वर गायब होने का है.

जानकारी के मुताबिक, साल 1993 में एक मुठभेड़ के दौरान बरामद रिवॉल्वर को शस्त्र भंडार में रखा गया था. इसके बाद 1999 में उस रिवॉल्वर को बैलेस्टिक जांच के लिए आगरा लैब भेजा गया था, लेकिन उसके बाद से लेकर आजतक रिवॉल्वर नहीं मिली. चौंकाने वाली बात ये है कि अपनी लापरवाही छिपाने के लिए पुलिसकर्मी ने 23 साल तक इस मामले को दबाए रखा. हालांकि, अब देहरादून पुलिस लाइन के प्रतिसार की तहरीर पर नेहरू कॉलोनी थाने में 23 बाद इस मामले में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है.
पढ़ें- चोरी के 9 वाहनों के साथ चोर गिरफ्तार, नेपाल और यूपी में गाड़ियों को लगाता था ठिकाने

पुलिस लाइन के प्रतिसार जगदीश चंद पंत ने अपनी शिकायत में बताया कि साल 1993 में मुठभेड़ को लेकर धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे में बरामद .38 रिवॉल्वर भी बरामद की गई थी, जिसको पुलिस शस्त्र भंडार में रखा गया था. इस रिवॉल्वर को 16 नवंबर 1999 को बैलेस्टिक जांच के लिए दारोगा जसवीर सिंह आगरा लैब लेकर गए थे. उसके बाद से ही रिवॉल्वर गायब है. उसके बाद 2005 में पुलिस जीडी और अन्य रिकॉर्ड को निपटाया जा चुका था. उस दौरान रिवॉल्वर का निस्तारण नहीं हो पाया था.

गायब हुई रिवॉल्वर की खोजबीन 2020 में शुरू की गई. दून पुलिस द्वारा मार्च 2020 में आगरा लैब को पत्र भेजा गया, लेकिन लैब से उस दौरान का रिकॉर्ड नहीं होने की जानकारी दी. इसके बाद यूपी पुलिस से रिकॉर्ड लेकर दारोगा जसवीर सिंह की तलाश की गई तो पता चला कि वो यूपी पुलिस में साल 2000 में रिटायर हो चुके हैं. पुलिस जसवीर सिंह के गांव बुलंदशहर पहुंचे तो पता चला कि अधिक उम्र होने के कारण याददाश्त कमजोर हो गई है और इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से जसवीर सिंह ने मना कर दिया.
पढ़ें- व्यापारी से 20 लाख की रंगदारी मांगने का मामला, दूसरा आरोपी भी चढ़ा पुलिस के हत्थे

पुलिस द्वारा जसवीर सिंह की रिवॉल्वर लेकर रवानगी जीडी तलाशी गई तो पता लगा कि जीडी रिकॉर्ड भी नष्ट कर दिया गया है. थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पुलिस लाइन के प्रतिसार जगदीश चंद्र पंत की तहरीर के आधार पर पुलिस रिकॉर्ड से रिवॉल्वर गायब होने को लेकर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.

Last Updated : Jul 7, 2022, 7:47 PM IST
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