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भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले उत्तराखंडी क्रिकेटर ने लिया संन्यास, जानें आगे का प्लॉन

भारत को 2012 में जूनियर वर्ल्ड कप क्रिकेट चैंपियन बनाने वाले कप्तान उन्मुक्त चंद ने संन्यास ले लिया है. उन्मुक्त ने अमेरिकी लीग में खेलने के लिए संन्यास की घोषणा की है. दरअसल भारतीय खिलाड़ी उन लीग में नहीं खेल सकते, जिन्हें बीसीसीआई की मान्यता नहीं होती. ऐसे में खिलाड़ी के पास इन लीग में खेलने का एकमात्र रास्ता संन्यास लेना होता है.

unmukt Chand
उन्मुक्त चंद
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Published : Aug 13, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 7:57 PM IST

देहरादूनः हाल के दिनों में कई देशों के क्रिकेटरों ने अमेरिकी लीग में खेलने के लिए संन्यास लिया है. इस कड़ी में श्रीलंका, पाकिस्तान के कई घरेलू और इंटरनेशनल क्रिकेटर शामिल रहे हैं. अब भारत के भी एक क्रिकेटर उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने संन्यास लेकर अमेरिकी लीग में खेलने की तरफ कदम बढ़ाए हैं. मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के खड़कू भल्या गांव निवासी उन्मुक्त चंद पिछले सीजन में उन्मुक्त उत्तराखंड की क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे थे.

उन्मुक्त चंद ने संन्यास की घोषणा की है और वो अब अमेरिका जाने की तैयारी में हैं. उन्मुक्त चंद भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम के कप्तान रहे हैं. उनकी कप्तानी में 2012 में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था. वे दिल्ली, उत्तराखंड जैसी टीमों की ओर से घरेलू क्रिकेट में खेले हैं. उन्मुक्त ने दोनों टीमों की कप्तानी भी की.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड की बेटी स्नेह राणा क्रिकेट में बिखेर रहीं जलवा, कहा- देवभूमि में प्रतिभा की कमी नहीं

वहीं, आईपीएल में उन्होंने मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स की ओर से किस्मत आजमाई थी. उन्मुक्त चंद से पहले स्मित पटेल ने भी ऐसा ही कदम उठाया था. वे भी 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे और उन्मुक्त के साथी थे. स्मित पटेल ने मई में विदेशी लीग में खेलने के लिए संन्यास लिया था.

उन्मुक्त चंद ने ट्वीट कर अपने संन्यास का ऐलान किया है. हालांकि इसमें उन्होंने अभी नहीं लिखा है कि वो अमेरिका की तरफ से खेलेंगे. उन्मुक्त चंद ने लिखा,

क्रिकेट एक यूनिवर्सल खेल है और हो सकता है कि मतलब बदल जाएं लेकिन मकसद हमेशा एक ही रहता है और वह है- सर्वोच्च स्तर पर खेलना. साथ ही मेरे सभी समर्थकों और चाहने वालों का शुक्रिया जिन्होंने हमेशा मुझे दिल में जगह दी. आप जैसे हैं उससे लोग प्यार करें इससे बेहतर कोई भावना नहीं होती. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे पास ऐसे लोग हैं. सबका शुक्रिया. अगले अध्याय की तरफ बढ़ते हैं.

ये भी पढ़ेंः ओलंपिक 'हैट्रिक गर्ल' वंदना ने साझा किया 'हरिद्वार से टोक्यो' तक का सफर, जानिए संघर्ष गाथा

उन्मुक्त का क्रिकेट करियर: उन्मुक्त ने 67 रणजी मैचों में 31.57 की औसत से 3379 रन बनाए. उन्होंने इस फॉर्मेट में आठ शतक और 16 फिफ्टी लगाई. वहीं 120 लिस्ट ए मैचों में 41.33 की औसत से 4505 रन उन्होंने बनाए. इसमें सात शतक और 32 अर्धशतक उनके नाम थे. उन्मुक्त सबसे पहले 2012 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतकर ही सुर्खियों में आए थे. तब उन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 111 रन की पारी खेलते हुए भारत को वर्ल्ड कप जिताया था. फिर रणजी ट्रॉफी में अपने चौथे ही मैच में शतक लगा दिया था.

उत्तराखंड से हैं उन्मुक्त चंद: उन्मुक्त चंद उत्तराखंड से संबंध रखते हैं. उनका जन्म 26 मार्च 1993 को हुआ. वह मूल रूप से पिथौरागढ़ के खड़कू भल्या गांव निवासी हैं. उनके पिता भारत चंद्र पेशे से दिल्ली में शिक्षक हैं.

देहरादूनः हाल के दिनों में कई देशों के क्रिकेटरों ने अमेरिकी लीग में खेलने के लिए संन्यास लिया है. इस कड़ी में श्रीलंका, पाकिस्तान के कई घरेलू और इंटरनेशनल क्रिकेटर शामिल रहे हैं. अब भारत के भी एक क्रिकेटर उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने संन्यास लेकर अमेरिकी लीग में खेलने की तरफ कदम बढ़ाए हैं. मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के खड़कू भल्या गांव निवासी उन्मुक्त चंद पिछले सीजन में उन्मुक्त उत्तराखंड की क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे थे.

उन्मुक्त चंद ने संन्यास की घोषणा की है और वो अब अमेरिका जाने की तैयारी में हैं. उन्मुक्त चंद भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम के कप्तान रहे हैं. उनकी कप्तानी में 2012 में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था. वे दिल्ली, उत्तराखंड जैसी टीमों की ओर से घरेलू क्रिकेट में खेले हैं. उन्मुक्त ने दोनों टीमों की कप्तानी भी की.

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वहीं, आईपीएल में उन्होंने मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स की ओर से किस्मत आजमाई थी. उन्मुक्त चंद से पहले स्मित पटेल ने भी ऐसा ही कदम उठाया था. वे भी 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे और उन्मुक्त के साथी थे. स्मित पटेल ने मई में विदेशी लीग में खेलने के लिए संन्यास लिया था.

उन्मुक्त चंद ने ट्वीट कर अपने संन्यास का ऐलान किया है. हालांकि इसमें उन्होंने अभी नहीं लिखा है कि वो अमेरिका की तरफ से खेलेंगे. उन्मुक्त चंद ने लिखा,

क्रिकेट एक यूनिवर्सल खेल है और हो सकता है कि मतलब बदल जाएं लेकिन मकसद हमेशा एक ही रहता है और वह है- सर्वोच्च स्तर पर खेलना. साथ ही मेरे सभी समर्थकों और चाहने वालों का शुक्रिया जिन्होंने हमेशा मुझे दिल में जगह दी. आप जैसे हैं उससे लोग प्यार करें इससे बेहतर कोई भावना नहीं होती. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे पास ऐसे लोग हैं. सबका शुक्रिया. अगले अध्याय की तरफ बढ़ते हैं.

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उन्मुक्त का क्रिकेट करियर: उन्मुक्त ने 67 रणजी मैचों में 31.57 की औसत से 3379 रन बनाए. उन्होंने इस फॉर्मेट में आठ शतक और 16 फिफ्टी लगाई. वहीं 120 लिस्ट ए मैचों में 41.33 की औसत से 4505 रन उन्होंने बनाए. इसमें सात शतक और 32 अर्धशतक उनके नाम थे. उन्मुक्त सबसे पहले 2012 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतकर ही सुर्खियों में आए थे. तब उन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 111 रन की पारी खेलते हुए भारत को वर्ल्ड कप जिताया था. फिर रणजी ट्रॉफी में अपने चौथे ही मैच में शतक लगा दिया था.

उत्तराखंड से हैं उन्मुक्त चंद: उन्मुक्त चंद उत्तराखंड से संबंध रखते हैं. उनका जन्म 26 मार्च 1993 को हुआ. वह मूल रूप से पिथौरागढ़ के खड़कू भल्या गांव निवासी हैं. उनके पिता भारत चंद्र पेशे से दिल्ली में शिक्षक हैं.

Last Updated : Aug 13, 2021, 7:57 PM IST
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