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इस औषधीय पौधशाला में तैयार किया जा रहा कैंसर रोधी पौधा, एक ग्राम की कीमत ₹3.60 लाख

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Published : Jun 30, 2019, 9:10 AM IST

Updated : Jun 30, 2019, 9:18 AM IST

देववन औषधीय पौधशाला में ऐसा पौधा तैयार किया जा रहा है, जो कैंसर से लड़ने की क्षमता रखता है. इस पौधे का नाम है टैक्सस (थुनेर).

उत्तराखंड में कैंसर रोधी पौधा

विकासनगर: चकराता वन प्रभाग की देववन औषधीय पौधशाला में कैंसर रोधी पौधे टैक्सस (थूनेर) की पौध तैयार की जा रही है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने शोध में पाया की इस पौधे की पत्तियों में कैंसर रोधी गुण हैं. बता दें, देव वन पौधशाला में 55 प्रकार की औषधीय पौध तैयार की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से टैक्सस (थुनेर) की पौध विशेष रूप से 10 से 35 डिग्री के तापमान पर तैयार की जा रही है.

उत्तराखंड में कैंसर रोधी पौधा.

समुंद्र तल से लगभग 9 हजार फीट की ऊंचाई पर इस पौध तैयार करने में काफी समय लग जाता है. वन विभाग चकराता द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट की जंगलों में काफी संख्या में थूनेर के पौधों का रोपण किया हैं. साथ ही 60 हजार पौधे विभिन्न रैजों में भेजे गए हैं.

डिप्टी रेंजर कातकू राम ने बताया कि देववन की इस पौधशाला के माध्यम में देश के विभिन्न राज्यों से IFS, PFS, डीडीआर क्लास, फॉरेस्ट क्लास, आयुर्वेदिक कॉलेज अलीगढ़ व ग्रामीणों को औषधीय पौधों की जानकारी दी गई है. विकासनगर पहुंचे तमिलनाडु के कोयंबटूर से 29 सदस्यों को डिप्टी रेंजर कातकू राम ने कैंसर रोधी औषधीय पौधे टैक्सस (थुनेर) के बारे में जानकारी दी.

पढ़ें- टिहली झील में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम, 3 जुलाई को लगेगी मुहर

डिप्टी रेंजर चकराता वन प्रभाग के कातकू राम ने बताया की अमेरिकी विज्ञानिकों ने टैक्सस (थुनेर) के पौधों की पत्तियों से निकलने वाली मेडिसिन टेकसॉल कहा जाता है, जो कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने की क्षमता रखता है, तीन साल पहले थूनेर की एक ग्राम की कीमत तीन लाख साठ हजार आंकी गई थी.

विकासनगर: चकराता वन प्रभाग की देववन औषधीय पौधशाला में कैंसर रोधी पौधे टैक्सस (थूनेर) की पौध तैयार की जा रही है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने शोध में पाया की इस पौधे की पत्तियों में कैंसर रोधी गुण हैं. बता दें, देव वन पौधशाला में 55 प्रकार की औषधीय पौध तैयार की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से टैक्सस (थुनेर) की पौध विशेष रूप से 10 से 35 डिग्री के तापमान पर तैयार की जा रही है.

उत्तराखंड में कैंसर रोधी पौधा.

समुंद्र तल से लगभग 9 हजार फीट की ऊंचाई पर इस पौध तैयार करने में काफी समय लग जाता है. वन विभाग चकराता द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट की जंगलों में काफी संख्या में थूनेर के पौधों का रोपण किया हैं. साथ ही 60 हजार पौधे विभिन्न रैजों में भेजे गए हैं.

डिप्टी रेंजर कातकू राम ने बताया कि देववन की इस पौधशाला के माध्यम में देश के विभिन्न राज्यों से IFS, PFS, डीडीआर क्लास, फॉरेस्ट क्लास, आयुर्वेदिक कॉलेज अलीगढ़ व ग्रामीणों को औषधीय पौधों की जानकारी दी गई है. विकासनगर पहुंचे तमिलनाडु के कोयंबटूर से 29 सदस्यों को डिप्टी रेंजर कातकू राम ने कैंसर रोधी औषधीय पौधे टैक्सस (थुनेर) के बारे में जानकारी दी.

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डिप्टी रेंजर चकराता वन प्रभाग के कातकू राम ने बताया की अमेरिकी विज्ञानिकों ने टैक्सस (थुनेर) के पौधों की पत्तियों से निकलने वाली मेडिसिन टेकसॉल कहा जाता है, जो कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने की क्षमता रखता है, तीन साल पहले थूनेर की एक ग्राम की कीमत तीन लाख साठ हजार आंकी गई थी.

Intro:चकराता वन प्रभाग के देव वन औषधीय पौधशाला में कैंसर रोधी पौधे टैक्सस( थूनेर) की पौध तैयार की जा रही है अमेरिकी वैज्ञानिकों ने शोध में पाया की इस पौधे की पत्तियों में कैंसर रोधी गुण पाए गए हैं


Body:चकराता वन प्रभाग के देव वन पौधशाला में 55 प्रकार की औषधीय पौध तैयार की जाती है जिसमें की मुख्य रूप से टैक्सस (थूनेर) की पौध विशेष रूप से 10 से 35 डिग्री के तापमान पर तैयार की जा रही है समुंद्र तल से लगभग 9000 फिट की ऊंचाई पर देव वन में इस पौधशाला से कैंसर रोधी टैक्सस( थूनेर)की पौध बड़ी मात्रा में तैयार की जा रही है पौध तैयार करने में काफी समय लग जाता है वन विभाग चकराता द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट की जंगलों में काफी संख्या में थूनेर के पौधों का रोपण किया है व 60000 पौधे विभिन्न रैजों में भेजी गई है. डिप्टी रेंजर कातकू राम ने बताया कि देववन की इस पौधशाला में देश के विभिन्न राज्यों से आई एफ एस, पी एफ एस, डीडीआर क्लास, फारेस्ट क्लास, आयुर्वेदिक कॉलेज अलीगढ़ व स्थानीय ग्रामीणों के वेधों सहित औषधीय पौधों की जानकारी दी गई है. कोयंबटूर तमिलनाडु से 29 सदस्यों वन विभाग के रेंजरों के दल को डिप्टी रेंजर कातकू राम ने कैंसर रोधी औषधीय पौधे टैक्सस (थूनेर) के बारे में जानकारी दी.


Conclusion:डिप्टी रेंजर चकराता वन प्रभाग के कातकू राम ने बताया की अमेरिकी विज्ञानिकों ने टैक्सस (थूनेर )के पौधों की पत्तियों से निकलने वाली मेडिसिन टेकसोल कहा जाता है जो कैंसर जैसी बीमारी से लडने की क्षमता रखता है जिसकी एक ग्राम की किमत तीन वर्ष पूर्व तीन लाख साठ हजार आंकी गई थी.

Last Updated : Jun 30, 2019, 9:18 AM IST
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