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IMA परेड: पहली बार दर्शक दीर्घा रहेगी खाली, तलवार-मेडल को नहीं छूएंगे कैडेट्स

इतिहास में पहली बार आईएमए की पासिंग आउट परेड सिर्फ रस्म अदायगी तक ही सीमित रहेगी.

IMA passing out parade
IMA की पासिंग आउट परेड में टूटेंगी कई परंपराएं
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Published : Jun 3, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 2:02 PM IST

देहरादून: इंडियन मिलिट्री एकेडमी की ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड पर कोरोना का काला साया बरकरार है. आइएमए के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है, जब 13 जून को होने वाली पासिंग आउट परेड में कैडेट्स के परिजनों को निमंत्रण नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कैडेट्स तलवार और मेडल को हाथ भी नहीं लगाएंगे.

ऐसा पहली बार है जब आइएमए की पासिंग आउट परेड सिर्फ रस्म अदायगी तक सीमित रहेगी. कोरोना संकट की वजह से पीओपी के तहत होने वाली विभिन्न गतिविधियों को सीमित कर दिया है. पासिंग आउट परेड में काफी बड़ी संख्या में देश-विदेश के युवा कैडेट पास आउट होते हैं और न केवल कैडेट्स के परिवार के लोग बल्कि देश विदेश से कई गणमान्य लोग इस परेड में शिरकत करते हैं.

IMA परेड पर कोरोना संकट.

कोरोना संकट की वजह से इस बार 13 जून को होने वाली पासिंग आउड परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रहेगा. इसके साथ ही कैडेट्स के परिजन इस बार चैटवुड बिल्डिंग के अंदर अंतिम पग पार करते हुए अपने बच्चों को भी नहीं देख पाएंगे. हालांकि, कैडेट्स के शौर्य को दर्शाने और उनके परिजनों के लिए परेड का सीधा प्रसारण किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में चाय के बागान क्यों नहीं हुए सफल, जानिए एक्सपर्ट की राय

कौन-कौन सी परंपरा टूटेंगी

आइएमए की कठिन ट्रेनिंग के बाद पास आउड कैडेट्स के लिए सबसे भावुक करने वाला पल तब होता है, जब उनके परिजन उनकी वर्दी पर रैंक लगाते हैं. लेकिन पहली बार कोरोना वायरस की वजह से इस बार यह परंपरा टूटने वाली है. इसके साथ ही इस बार पासिंग आउट परेड में कैडेट्स पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा का होना भी अधर में लटका हुआ है.

आइएमए की पासिंग आउट परेड में पीपिंग सेरेमनी में कसम खाने के बाद कैडेट्स द्वारा पुशअप कर एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने का नजारा ही कुछ अलग रहता है. शायद कोरोना वायरस और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते यह नजारा इस बार आइएमए में देखने को न मिले.

देहरादून स्थित आइएमए में 13 जून को होने वाले पासिंग आउट परेड में इस बार सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के आने की संभावना जताई जा रही है. कोरोना वायरस के कारण इस बार का पासिंग आउट परेड कुछ अलग अंदाज में नजर आएगा. इस बार बेस्ट प्रदर्शन करने वाली कंपनी और कैडेट्स को मेडल नहीं छूने की व्यवस्था की गई है. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं.

देहरादून: इंडियन मिलिट्री एकेडमी की ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड पर कोरोना का काला साया बरकरार है. आइएमए के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है, जब 13 जून को होने वाली पासिंग आउट परेड में कैडेट्स के परिजनों को निमंत्रण नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कैडेट्स तलवार और मेडल को हाथ भी नहीं लगाएंगे.

ऐसा पहली बार है जब आइएमए की पासिंग आउट परेड सिर्फ रस्म अदायगी तक सीमित रहेगी. कोरोना संकट की वजह से पीओपी के तहत होने वाली विभिन्न गतिविधियों को सीमित कर दिया है. पासिंग आउट परेड में काफी बड़ी संख्या में देश-विदेश के युवा कैडेट पास आउट होते हैं और न केवल कैडेट्स के परिवार के लोग बल्कि देश विदेश से कई गणमान्य लोग इस परेड में शिरकत करते हैं.

IMA परेड पर कोरोना संकट.

कोरोना संकट की वजह से इस बार 13 जून को होने वाली पासिंग आउड परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रहेगा. इसके साथ ही कैडेट्स के परिजन इस बार चैटवुड बिल्डिंग के अंदर अंतिम पग पार करते हुए अपने बच्चों को भी नहीं देख पाएंगे. हालांकि, कैडेट्स के शौर्य को दर्शाने और उनके परिजनों के लिए परेड का सीधा प्रसारण किया जाएगा.

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कौन-कौन सी परंपरा टूटेंगी

आइएमए की कठिन ट्रेनिंग के बाद पास आउड कैडेट्स के लिए सबसे भावुक करने वाला पल तब होता है, जब उनके परिजन उनकी वर्दी पर रैंक लगाते हैं. लेकिन पहली बार कोरोना वायरस की वजह से इस बार यह परंपरा टूटने वाली है. इसके साथ ही इस बार पासिंग आउट परेड में कैडेट्स पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा का होना भी अधर में लटका हुआ है.

आइएमए की पासिंग आउट परेड में पीपिंग सेरेमनी में कसम खाने के बाद कैडेट्स द्वारा पुशअप कर एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने का नजारा ही कुछ अलग रहता है. शायद कोरोना वायरस और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते यह नजारा इस बार आइएमए में देखने को न मिले.

देहरादून स्थित आइएमए में 13 जून को होने वाले पासिंग आउट परेड में इस बार सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के आने की संभावना जताई जा रही है. कोरोना वायरस के कारण इस बार का पासिंग आउट परेड कुछ अलग अंदाज में नजर आएगा. इस बार बेस्ट प्रदर्शन करने वाली कंपनी और कैडेट्स को मेडल नहीं छूने की व्यवस्था की गई है. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं.

Last Updated : Jun 4, 2020, 2:02 PM IST
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