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मसूरी में फूड फेस्टिवल का शुभारंभ, पर्यटकों ने पहाड़ी व्यंजनों का उठाया लुत्फ

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Published : Dec 27, 2021, 8:34 PM IST

मसूरी में उत्तराखंड फूड फेस्टिवल का आगाज हो चुका है. जहां आपको पहाड़ी व्यंजनों का जायके का लुत्फ उठाने को मिलेगा. साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति को करीब से जानने को भी मिलेगा. वहीं, पर्यटक भी पहाड़ी व्यंजनों का जमकर स्वाद ले रहे हैं.

Uttarakhand Food Festival
मसूरी में फूड फेस्टिवल का शुभारंभ

मसूरीः उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (Uttarakhand Tourism Development Council) की ओर से मसूरी में तीन दिवसीय उत्तराखंड फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. जिसका शुभारंभ कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने किया. फूड फेस्टिवल मसूरी के मॉल रोड पर 27, 28 और 29 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है. फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. विभिन्न व्यंजनों और मिठाइयों का स्वाद चखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.

फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊंनी व्यंजन जैसे धूमरू पल्लर, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, मंडुवा और जौ की रोटी, कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, झंगोरे की खीर, मीठा भात, गुलगुला, तुअर दाल, झंगोरा एवं कंडाली का साग आदि व्यंजनों का स्वाद चखकर देश विदेश के पर्यटक मोहित हो गए. इतना ही नहीं पर्यटकों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद ऐसा भाया कि हर व्यंजन को खाने से खुद को नहीं रोक पाए.

मसूरी में फूड फेस्टिवल का शुभारंभ.

ये भी पढ़ेंः पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को प्रमोट कर रहे पंकज, कहा-सरकार नहीं कर रही पहल

फूड फेस्टिवल में उत्तराखंडी लोक नृत्य, लाइव बैंड और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है. साथ ही बच्चों के लिए विभिन्न खेल गतिविधियां भी आयोजित किए जा रहे हैं. फेस्टिवल में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार प्रदेश की संस्कृति और कला को भी प्रदर्शित कर रहे हैं. फूड फेस्टिवल में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जाएंगी. जबकि, विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (ganesh joshi inaugurated Uttarakhand Food Festival) ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति (Culture of Uttarakhand) और व्यंजनों को कार्निवाल के माध्यम से प्रदर्शित कर प्रचार प्रसार करने का प्रयास अच्छा है. सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की बोली भाषा के साथ यहां के उत्पादों से तैयार व्यंजनों को देश विदेश तक पहुंचाना है.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा में हिमालयी दुर्लभ औषधीय उत्पादों की लगाई गई प्रदर्शनी

उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के प्रचार प्रसार से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को रोजगार का जरिया भी मिलेगा. इससे पहाड़ से पलायन पर भी रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के बाद अब प्रदेश की संस्कृति के साथ व्यंजनों की धूम अन्य प्रदेशों और विदेशों में भी देखी जा रही है.

उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में प्रतिभाग करते हुए गढ़वाल सभा की महिलाओं ने कहा कि उन्होंने खासकर पहाड़ में मिलने और परोसे जाने वाले व्यंजन तैयार किए हैं. जिन्हें पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार की ओर से आयोजित फूड फेस्टिवल एक अच्छा प्रयास है, लेकिन व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के फेस्टिवल अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी आयोजित किए जाने चाहिए.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बिखरी पहाड़ की परंपरा और संस्कृति की छटा

वहीं, मसूरी पहुंचे पर्यटकों ने भी जमकर उत्तराखंड फूड फेस्टिवल (Uttarakhand Food Festival) में पहुंचकर पहाड़ी व्यंजनों को छका और जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि अकसर वो रेस्टोरेंट और होटल में रोज मिलने वाले खाने का खाते हैं, लेकिन गढ़वाल और कुमाऊं में परोसे जाने वाले व्यंजनों को खाकर काफी खुश हैं. उनका मानना है कि उत्तराखंड के व्यजनों को सभी बड़े होटल, रेस्टोरेंट में भी परोसे जाना चाहिए.

मसूरीः उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (Uttarakhand Tourism Development Council) की ओर से मसूरी में तीन दिवसीय उत्तराखंड फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. जिसका शुभारंभ कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने किया. फूड फेस्टिवल मसूरी के मॉल रोड पर 27, 28 और 29 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है. फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. विभिन्न व्यंजनों और मिठाइयों का स्वाद चखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.

फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊंनी व्यंजन जैसे धूमरू पल्लर, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, मंडुवा और जौ की रोटी, कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, झंगोरे की खीर, मीठा भात, गुलगुला, तुअर दाल, झंगोरा एवं कंडाली का साग आदि व्यंजनों का स्वाद चखकर देश विदेश के पर्यटक मोहित हो गए. इतना ही नहीं पर्यटकों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद ऐसा भाया कि हर व्यंजन को खाने से खुद को नहीं रोक पाए.

मसूरी में फूड फेस्टिवल का शुभारंभ.

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फूड फेस्टिवल में उत्तराखंडी लोक नृत्य, लाइव बैंड और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है. साथ ही बच्चों के लिए विभिन्न खेल गतिविधियां भी आयोजित किए जा रहे हैं. फेस्टिवल में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार प्रदेश की संस्कृति और कला को भी प्रदर्शित कर रहे हैं. फूड फेस्टिवल में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जाएंगी. जबकि, विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (ganesh joshi inaugurated Uttarakhand Food Festival) ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति (Culture of Uttarakhand) और व्यंजनों को कार्निवाल के माध्यम से प्रदर्शित कर प्रचार प्रसार करने का प्रयास अच्छा है. सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की बोली भाषा के साथ यहां के उत्पादों से तैयार व्यंजनों को देश विदेश तक पहुंचाना है.

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उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के प्रचार प्रसार से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को रोजगार का जरिया भी मिलेगा. इससे पहाड़ से पलायन पर भी रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के बाद अब प्रदेश की संस्कृति के साथ व्यंजनों की धूम अन्य प्रदेशों और विदेशों में भी देखी जा रही है.

उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में प्रतिभाग करते हुए गढ़वाल सभा की महिलाओं ने कहा कि उन्होंने खासकर पहाड़ में मिलने और परोसे जाने वाले व्यंजन तैयार किए हैं. जिन्हें पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार की ओर से आयोजित फूड फेस्टिवल एक अच्छा प्रयास है, लेकिन व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के फेस्टिवल अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी आयोजित किए जाने चाहिए.

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वहीं, मसूरी पहुंचे पर्यटकों ने भी जमकर उत्तराखंड फूड फेस्टिवल (Uttarakhand Food Festival) में पहुंचकर पहाड़ी व्यंजनों को छका और जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि अकसर वो रेस्टोरेंट और होटल में रोज मिलने वाले खाने का खाते हैं, लेकिन गढ़वाल और कुमाऊं में परोसे जाने वाले व्यंजनों को खाकर काफी खुश हैं. उनका मानना है कि उत्तराखंड के व्यजनों को सभी बड़े होटल, रेस्टोरेंट में भी परोसे जाना चाहिए.

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