देहरादून: जोशीमठ भू धंसाव को लेकर इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की थी. इन सैटेलाइट तस्वीरें को लेकर दावा किया जा रहा है कि बीते 12 दिनों में जोशीमठ करीब 5.4 सेंटीमीटर तक धंसा है. हालांकि, इस बारे में जब उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इसरो के निदेशक से खुद बात की है. इसरो के निदेशक ने बताया है कि खबरों में जो जोशीमठ के धंसने की बात कही जा रही है, वो इसरो का आधिकारिक बयान नहीं है.
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक, इसरो के निदेशक ने उनसे कहा है कि वो सैटेलाइट तस्वीरें को लेकर आज आधिकारिक बयान जारी करेंगे और बताएंगे कि जोशीमठ की वास्तविक स्थिति क्या है. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, इस मामले पर वो इसरो के अधिकृत बयान के बाद ही कुछ कह पाएंगे. वहीं, रावत का कहना है कि इस समय जोशीमठ के लोग काफी डरे हुए हैं. ऐसे में इन तस्वीरों की आना सही नहीं है. वैसे इसरो ने खुद माना है कि उनकी तरफ कोई ऐसी आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है.
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वहीं, कैबिनेट बैठक को लेकर मंत्री ने कहा कि आज जोशीमठ को लेकर कैबिनेट में विस्तार से चर्चा हुई. जोशीमठ के लोगों ने मुख्यमंत्री, उन्हें खुद और प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी समस्या बताई है और उनकी कुछ मांगें हैं, उन पर सब पर कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई है.
इसरो की रिपोर्ट में दावा: बता दें कि खबरों में इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों को लेकर दावा किया गया कि अप्रैल से नवंबर 2022 तक जमीन धंसने का मामला धीमा था, इस सात महीनों में जोशीमठ 8.9 सेंटीमीटर घंसा है, लेकिन 27 दिसंबर से 2022 से लेकर 7 जनवरी 2023 तक यानी 12 दिनों में जमीन धंसने की तीव्रता 5.4 सेंटीमीटर हो गई. यानी 12 दिनों में जोशीमठ को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. हालांकि इन दावों को कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने इसरो की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं बताया है.