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Madrasas in Uttarakhand: जिलाधिकारियों से नहीं हो पा रही मदरसों की जांच, विभाग ने गठित की कमेटी

उत्तराखंड में सरकार से वित्त पोषित मदरसों की जांच का जिम्मा जिलाधिकारियों को सौंपा गया था, लेकिन जिलाधिकारियों से मदरसों की जांच नही हो पा रही है. लिहाजा, अब विभाग खुद ही इन मदरसों की जांच करेगा. बकायदा इसके लिए कमेटी का भी गठन कर लिया गया है.

Social Welfare and Minorities Welfare Department meeting
समाज कल्याण विभाग की बैठक
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Published : Feb 13, 2023, 4:42 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के मदरसों की अब समाज कल्याण विभाग की ओर से भी विभागीय जांच की जाएगी. इसके लिए कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास ने उत्तराखंड में सरकारी मदद से चल रहे मदरसों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है. इसकी जानकारी उन्होंने समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक में दी.

दरअसल, सोमवार को कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास ने समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक ली. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चंदन नाम दास ने बताया कि प्रदेश में पहली दफा वृद्धा और वृद्ध पेंशन योजना सभी के लिए शुरू किया गया है. पहले परिवार के एक सदस्य को ही पेंशन दी जाती थी. ऐसे में 80 हजार नए आवेदक बढ़े हैं, जिनके लिए पहली किश्त के रूप में पेंशन जारी कर दी गई है.

उत्तराखंड में चार लाख से ज्यादा दिव्यांग पंजीकृतः दिव्यांग पेंशन की धनराशि को भी 3 हजार से बढ़ाकर 8 हजार कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4,00,962 दिव्यांग पंजीकृत हैं. तमाम योजनाओं के तहत दिव्यांगजनों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. आरक्षण में भी उन्हें शामिल किया जा रहा है. साथ ही दिव्यांगों के लिए जल्द ही एक बड़ी योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माध्यम से करवाया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः हरिद्वार के इस मदरसे में संस्कृत और हिंदी की भी दी जा रही तालीम

उत्तराखंड में मदरसों की संख्या 419, सरकार 182 को दे रही सहायता राशिः अल्पसंख्यक मामलों पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने बताया कि उत्तराखंड में 419 मदरसे संचालित किए जा रहे हैं. जिनमें से 182 मदरसों को राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि प्रदान की जाती है. उन्होंने बताया कि एक महीने पहले सभी जिलाधिकारियों को राज्य सरकार से वित्त पोषित मदरसों की जांच के लिए कहा गया था, लेकिन जिलाधिकारियों की ओर से जांच नहीं की जा सकी. जिसे देखते हुए आज विभागीय जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है.

गैर सरकारी मदरसों पर पैनी नजर, विभागीय कमेटी करेगी जांचः कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि यह विभागीय कमेटी राज्य सरकार की ओर से वित्त पोषित मदरसों में तमाम व्यवस्थाओं की जांच करेंगे. उनके शिक्षा विभाग से मान्यता करवाएंगे. इसके अलावा प्रदेश में चल रहे निजी मदरसों को लेकर मंत्री राम दास का कहना है कि ऐसे मदरसों पर पैनी मॉनिटरिंग की जा रही है. अगर इस तरह के मदद से किसी भी अन्य गतिविधियों में सम्मिलित पाए जाते हैं तो तत्काल प्रभाव से अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः हरिद्वार और देहरादून में सबसे ज्यादा अवैध कब्जे, वक्फ बोर्ड ने जारी किया नोटिस

देहरादूनः उत्तराखंड के मदरसों की अब समाज कल्याण विभाग की ओर से भी विभागीय जांच की जाएगी. इसके लिए कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास ने उत्तराखंड में सरकारी मदद से चल रहे मदरसों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है. इसकी जानकारी उन्होंने समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक में दी.

दरअसल, सोमवार को कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास ने समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक ली. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चंदन नाम दास ने बताया कि प्रदेश में पहली दफा वृद्धा और वृद्ध पेंशन योजना सभी के लिए शुरू किया गया है. पहले परिवार के एक सदस्य को ही पेंशन दी जाती थी. ऐसे में 80 हजार नए आवेदक बढ़े हैं, जिनके लिए पहली किश्त के रूप में पेंशन जारी कर दी गई है.

उत्तराखंड में चार लाख से ज्यादा दिव्यांग पंजीकृतः दिव्यांग पेंशन की धनराशि को भी 3 हजार से बढ़ाकर 8 हजार कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4,00,962 दिव्यांग पंजीकृत हैं. तमाम योजनाओं के तहत दिव्यांगजनों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. आरक्षण में भी उन्हें शामिल किया जा रहा है. साथ ही दिव्यांगों के लिए जल्द ही एक बड़ी योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माध्यम से करवाया जाएगा.
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उत्तराखंड में मदरसों की संख्या 419, सरकार 182 को दे रही सहायता राशिः अल्पसंख्यक मामलों पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने बताया कि उत्तराखंड में 419 मदरसे संचालित किए जा रहे हैं. जिनमें से 182 मदरसों को राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि प्रदान की जाती है. उन्होंने बताया कि एक महीने पहले सभी जिलाधिकारियों को राज्य सरकार से वित्त पोषित मदरसों की जांच के लिए कहा गया था, लेकिन जिलाधिकारियों की ओर से जांच नहीं की जा सकी. जिसे देखते हुए आज विभागीय जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है.

गैर सरकारी मदरसों पर पैनी नजर, विभागीय कमेटी करेगी जांचः कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि यह विभागीय कमेटी राज्य सरकार की ओर से वित्त पोषित मदरसों में तमाम व्यवस्थाओं की जांच करेंगे. उनके शिक्षा विभाग से मान्यता करवाएंगे. इसके अलावा प्रदेश में चल रहे निजी मदरसों को लेकर मंत्री राम दास का कहना है कि ऐसे मदरसों पर पैनी मॉनिटरिंग की जा रही है. अगर इस तरह के मदद से किसी भी अन्य गतिविधियों में सम्मिलित पाए जाते हैं तो तत्काल प्रभाव से अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा.
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