विकासनगर: शक्तिनहर किनारे बसी अवैध बस्ती पर रविवार सुबह से ही सरकार का पीला पंजा गरजना शुरू हो गया है. बस्ती उजाड़ने से पहले ही यूजेवीएनएल ने सिर्फ 24 घंटे में अवैध बस्ती खाली करने का नोटिस दिया था. जिसके चलते स्थानीय बाशिंदों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. सुबह 8 बजे पुलिस के कड़े पहरे के बीच शक्ति नहर के किनारे बने मकानों पर जेसीबी चलाई गई. जिससे बस्ती में हड़कंप मच गया. इस दौरान अफरा-तफरी के माहौल लगा रहा.
बता दें कि तहसील विकासनगर क्षेत्र के अंतर्गत तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जहां अवैध कब्जाधारियों की भरमार हैं, जिन पर तहसील प्रशासन कार्रवाई भी करता रहता है. स्थानीय लोगों और कुछ विभागीय कर्मियों की मिलीभगत के चलते अवैध कब्जों का सिलसिला लगातार चल रहा है. इसी क्रम में आज विकासनगर में अवैध कब्जे के खिलाफ प्रशासन एवं उत्तराखंड जल विद्युत निगम की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली. जिसके चलते शक्ति नहर के किनारे सालों से उत्तराखंड जल विद्युत निगम की सैकड़ों बीघा जमीन पर कब्जा जमाए बैठे करीब 600 परिवार द्वारा किए गए अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलवाकर कार्रवाई को शुरू कर दी गई.
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भारी पुलिस बल और प्रशासन की मौजूदगी में हल्का विरोध देखने को मिला. इस दौरान एहतियात के तौर पर मौके पर विभिन्न थाना क्षेत्रों की पुलिस और एसटीएफ की टीम मौजूद रही. कार्रवाई के डर से कई जगह सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोग खुद ही अपना कब्जा हटाते हुए नजर आये. इस दौरान लोगों ने कहा वे सालों से यहां रहते आ रहे हैं. उनके पास रहने का कोई साधन नहीं है. इनके सर से छत छीन जाने के बाद उनका कोई ठिकाना नहीं है.
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के डीजीएम हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने कहा उत्तराखंड जल विद्युत निगम की भूमि पर अवैध अतिक्रमण हो रखे हैं. जिनको हटाने की कार्यवाही गतिमान है, जो चरणबद्ध तरीके से की जा रही है.