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हंगामेदार रहा उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र का पहला दिन, गैरसैंण के मुद्दे पर विपक्ष मुखर

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र (Uttarakhand budget session 2022) हंगामे के साथ शुरू हो गया है. वहीं बजट सत्र गैरसैंण में ना करने को लेकर विपक्ष मुखर है. वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान भी और अब सरकार बनने के बाद भी लगातार गैरसैंण की अनदेखी करके जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

Uttarakhand budget session 2022
Uttarakhand budget session 2022
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Published : Jun 14, 2022, 11:31 AM IST

Updated : Jun 14, 2022, 8:02 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र (Uttarakhand budget session 2022) शुरू हो गया है. इस बजट से आम आदमी को बहुत उम्मीदें हैं. वहीं बजट सत्र गैरसैंण में ना करने को लेकर विपक्ष मुखर हो गया है. कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने सदन के बाहर गैरसैंण की उपेक्षा को लेकर धरना दिया. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान भी और अब सरकार बनने के बाद भी लगातार गैरसैंण की अनदेखी करके जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल नाममात्र के लिए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है. सदन में कांग्रेस ने जनप्रतिनिधियों के कथित अपमान को लेकर नारेबाजी की और हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.

इससे पहले सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के विधायकों ने सदन के बाहर गैरसैंण में बजट सत्र ना करवाने को लेकर धरना दिया और कहा कि सरकार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है. इस दौरान विपक्ष के विधायक सदन के बाहर हाथों में तख्तियां पकड़ कर बैठे रहे. ईटीवी भारत के खास बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान भी और अब सरकार बनने के बाद भी लगातार गैरसैंण की अनदेखी करके जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.
पढ़ें-Uttarakhand Budget: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू, गैरसैंण के मुद्दे पर कांग्रेस का धरना

उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल नाममात्र के लिए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है और विधानसभा का जो बजट सत्र गैरसैंण में होना था, वह देहरादून में करवाया जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि सरकार ने केवल गैरसैंण को लेकर दो लाइन का प्रस्ताव पास किया है, जो केवल दिखावा है. उन्होंने कहा कि गैरसैंण से उत्तराखंड के लोगों की जन भावनाएं जुड़ी हैं और इसके अनुरूप कार्य नहीं हो रहा है. जिसका जवाब भाजपा को देना होगा.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने क्या कहा: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य खुद धरने पर बैठे. उन्होंने कहा कि गैरसैंण हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा कि गैरसैंण शहीदों का सपना है. हमारे आंदोलनकारियों का संकल्प गैरसैंण है. बीजेपी की सरकार जनता को गुमराह कर गैरसैंण की अनदेखी कर रही है. बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि जब ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण है तो वहीं सत्र चलाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरेंगे. भंडारी ने चारधाम यात्रा में लापरवाही का भी आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बावजूद बीजेपी सरकार वहां सत्र नहीं करा रही है. नेगी ने कहा कि बेरोजगारी विकराल रूप से चुकी है. पीड़ित जनता पर सरकार को दया नहीं आ रही है. कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जनता सरकार से नाराज है.

विधानसभा के बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से शिष्टाचार भेंट की. इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल भी उपस्थित थे. वहीं, भू-कानून की मांग को लेकर नेहरू कॉलोनी फव्वारा चौक से विधानसभा कूच करने पहुंचे भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान संगठन से जुड़े सदस्यों को पुलिस ने रिस्पना पुल बैरिकेडिंग पर रोक दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

₹63 हजार करोड़ से अधिक का बजट होगा पेश: गौर हो कि पहले दिन वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 63 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया जाएगा. जिस तरह विपक्ष के तेवर हैं उससे जाहिर है कि सत्तापक्ष व विपक्ष के मध्य जोर आजमाइश होने पर सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष ने सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, किसानों की उपेक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को सदन के भीतर व बाहर घेरने की रणनीति बनाई है. 14 से 20 जून तक देहरादून में यह सत्र आहूत किया जाएगा. पांचवीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र है. मार्च में हुआ पहला सत्र बेहद संक्षिप्त रहा था. तब दो दिवसीय सत्र में सरकार ने लेखानुदान पारित कराया था. धामी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट है. सत्र के लिए विधायकों ने 530 प्रश्न लगाए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र (Uttarakhand budget session 2022) शुरू हो गया है. इस बजट से आम आदमी को बहुत उम्मीदें हैं. वहीं बजट सत्र गैरसैंण में ना करने को लेकर विपक्ष मुखर हो गया है. कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने सदन के बाहर गैरसैंण की उपेक्षा को लेकर धरना दिया. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान भी और अब सरकार बनने के बाद भी लगातार गैरसैंण की अनदेखी करके जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल नाममात्र के लिए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है. सदन में कांग्रेस ने जनप्रतिनिधियों के कथित अपमान को लेकर नारेबाजी की और हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.

इससे पहले सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के विधायकों ने सदन के बाहर गैरसैंण में बजट सत्र ना करवाने को लेकर धरना दिया और कहा कि सरकार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है. इस दौरान विपक्ष के विधायक सदन के बाहर हाथों में तख्तियां पकड़ कर बैठे रहे. ईटीवी भारत के खास बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान भी और अब सरकार बनने के बाद भी लगातार गैरसैंण की अनदेखी करके जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.
पढ़ें-Uttarakhand Budget: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू, गैरसैंण के मुद्दे पर कांग्रेस का धरना

उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल नाममात्र के लिए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है और विधानसभा का जो बजट सत्र गैरसैंण में होना था, वह देहरादून में करवाया जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि सरकार ने केवल गैरसैंण को लेकर दो लाइन का प्रस्ताव पास किया है, जो केवल दिखावा है. उन्होंने कहा कि गैरसैंण से उत्तराखंड के लोगों की जन भावनाएं जुड़ी हैं और इसके अनुरूप कार्य नहीं हो रहा है. जिसका जवाब भाजपा को देना होगा.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने क्या कहा: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य खुद धरने पर बैठे. उन्होंने कहा कि गैरसैंण हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा कि गैरसैंण शहीदों का सपना है. हमारे आंदोलनकारियों का संकल्प गैरसैंण है. बीजेपी की सरकार जनता को गुमराह कर गैरसैंण की अनदेखी कर रही है. बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि जब ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण है तो वहीं सत्र चलाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरेंगे. भंडारी ने चारधाम यात्रा में लापरवाही का भी आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बावजूद बीजेपी सरकार वहां सत्र नहीं करा रही है. नेगी ने कहा कि बेरोजगारी विकराल रूप से चुकी है. पीड़ित जनता पर सरकार को दया नहीं आ रही है. कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जनता सरकार से नाराज है.

विधानसभा के बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से शिष्टाचार भेंट की. इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल भी उपस्थित थे. वहीं, भू-कानून की मांग को लेकर नेहरू कॉलोनी फव्वारा चौक से विधानसभा कूच करने पहुंचे भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान संगठन से जुड़े सदस्यों को पुलिस ने रिस्पना पुल बैरिकेडिंग पर रोक दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

₹63 हजार करोड़ से अधिक का बजट होगा पेश: गौर हो कि पहले दिन वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 63 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया जाएगा. जिस तरह विपक्ष के तेवर हैं उससे जाहिर है कि सत्तापक्ष व विपक्ष के मध्य जोर आजमाइश होने पर सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष ने सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, किसानों की उपेक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को सदन के भीतर व बाहर घेरने की रणनीति बनाई है. 14 से 20 जून तक देहरादून में यह सत्र आहूत किया जाएगा. पांचवीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र है. मार्च में हुआ पहला सत्र बेहद संक्षिप्त रहा था. तब दो दिवसीय सत्र में सरकार ने लेखानुदान पारित कराया था. धामी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट है. सत्र के लिए विधायकों ने 530 प्रश्न लगाए हैं.

Last Updated : Jun 14, 2022, 8:02 PM IST
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