देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव खत्म हो गए हैं. प्रदेश में मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब विभिन्न विधानसभा सीटों पर जीत-हार का गुणा भाग किया जा रहा है. इस दौरान कांग्रेस के अंक गणित में चुनावी नंबर को पाने के लिए कई सीटों पर आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का अड़ंगा भी कांग्रेस की चिंता का सबब बना हुआ है. दरअसल प्रदेश में कई सीटों पर काफी कम वोटों से जीत हार तय होती है और ऐसी जगहों पर बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं.
बता दें कि, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2017 के परिणाम भले ही कांग्रेस के लिए बहुत अच्छे न रहे हों, लेकिन कांग्रेस अपने मत प्रतिशत को करीब जस का तस बनाए रखने में कामयाब रही थी. हालांकि विधानसभा सीटों के रूप में यह मत प्रतिशत कांग्रेस के बहुत ज्यादा काम नहीं आ सका था. इस बार उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए न केवल वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने की बड़ी चुनौती है, बल्कि आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की मौजूदगी के बीच सीटों को निकालना भी बड़ी चिंता बना हुआ है.
बता दें कि, प्रदेश की करीब 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे रूप में बड़ा नुकसान पहुंचा रही है. उधर आम आदमी पार्टी के नेता भी 12 से 15 सीटों पर कांग्रेस के लिए परेशानी बने हुए हैं. बहुजन समाज पार्टी के अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के वोटर्स कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं.
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कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि कोई भी पार्टी कांग्रेस के लिए कभी परेशानी नहीं रही है. इस बार जिस तरह से कांग्रेस ने चुनाव लड़ा है, उसने कांग्रेस को सरकार बनाने की तरफ आगे बढ़ाया है. कांग्रेस पार्टी इस बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है.