देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल को चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी ने उन्हें देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट से टिकट दिया है. रामशरण नौटियाल इसके पहले चकराता से ही जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं. पिता के लिए वोट मांगने जुबिन नौटियाल भी देहरादून पहुंच चुके हैं. देहरादून में उन्होंने चुनाव को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल की चकराता विधानसभा क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ है. वे जमीन से जुड़े नेता हैं. लोगों के बीच उनकी काफी अच्छी पहुंच है. जुबिन नौटियाल के परिवार का जौनसार बावर और चकराता से गहरा रिश्ता है. उनका परिवार यहीं का रहने वाला है.
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जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल की सीधी टक्कर कांग्रेस के दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से होगी. बता दें कि कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन प्रीतम सिंह का चकराता से टिकट पक्का माना जा रहा है. प्रीतम सिंह 1991 का चुनाव हारे थे. इसके बाद 1993 में उन्होंने चकराता से दोबारा अपनी किस्मत आजमाई थी. तब से लेकर आजतक वे एक भी चुनाव नहीं हारे थे. इसीलिए कहा जा सकता है कि रामशरण नौटियाल की चकराता विधानसभा सीट पर राह आसान नहीं होगी.
कहा जा रहा है कि जुबिन नौटियाल ने चकराता और जौनसार बाबर क्षेत्र में अपनी अच्छी पकड़ बनाई है. इसका फायदा उनके पिता रामशरण नौटियाल को चुनाव में मिलेगा. उत्तराखंड की सभी सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है. ऐसे में यहां जुबिन नौटियाल भी पिता रामशरण नौटियाल के साथ कंधे से कंधा मिलकर चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. 14 फरवरी तक जुबिन नौटियाल पिता के साथ क्षेत्र में रहकर प्रचार-प्रसार करेंगे और जनता से बीजेपी के लिए वोट की अपील करेंगे.
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जुबिन नौटियाल और उनके पिता रामशरण नौटियाल का कहना है कि इस इलाके में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कोई खास काम नहीं हुआ है. पर्यटन के लिहाज से भी यहां किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया गया है. उत्तराखंड का सबसे पिछड़ा हुआ इलाका कहे जाने वाले जौनसार बावर में इस बार विकास के नाम पर मतदान होगा.
रामशरण नौटियाल का कहना है कि यहां सुविधाओं का काफी अभाव है. गर्भवती महिला को प्रसव के लिए देहरादून जाना पड़ता है. कई बार तो ऐसा परिस्थितियां बनती हैं कि उन्हें बीच रास्ते में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा है. ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की जान पर बन आती है. ये सभी मुद्दे होंगे जिनको लेकर वे चुनावी मैदान में उतरेंगे और लोगों के वोट मांगेंगे.