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BKU तोमर गुट का आरोप, कमिश्नर ने किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए - आशा रोटी चेक पोस्ट

भारतीय किसान यूनियन (तोमर गुट) ने स्टेट जीएसटी कमिश्नर पर किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया है. यूनियन ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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भारतीय किसान यूनियन
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Published : Sep 10, 2020, 10:31 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 11:50 AM IST

देहरादून: भारतीय किसान यूनियन (तोमर गुट) के नेता और कार्यकर्ताओं ने राज्य कर विभाग के कार्यालय में ज्वाइंट और असिस्टेंट कमिश्नर को बंधक बनाकर ओवरलोडिंग में पकड़े गए ट्रकों को छुड़ा लिया था. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन और ट्रक यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों ने जीएसटी अधिकारियों पर एक बड़ा आरोप लगाया है. वहीं, किसान यूनियन तोमर ग्रुप के पदाधिकारियों ने देहरादून प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए संबंधित अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

कमिश्नर ने किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए.

पैसे लेकर ट्रक छोड़ने का आरोप

किसान यूनियन द्वारा अधिकारी वीपी सिंह पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा कुछ ट्रक वालों से पैसा लेकर उन्हें छोड़ा गया है. कुछ ट्रकों को रोक लिया गया. जिसका विरोध करते हुए किसान यूनियन और ट्रक ऑपरेटरों ने ज्वाइंट कमिश्नर वीपी सिंह से बात की और उनसे सवाल किया कि इस तरह ईंटों को वाहनों से उतरवाने के बाद उनकी ढलाई और चढ़ाई का खर्चा कौन देगा. जिसके बाद ज्वाइंट कमिश्नर वीपी सिंह ने उनसे माफी मांगी और झूठे विश्वास में आकर भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप ने उनकी बात मान ली. उसके बाद अधिकारियों ने किसानों के ऊपर झूठे मुकदमे लगा दिए. इसके विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप के नेताओं ने किसानों के ऊपर लगे झूठे मुकदमे वापस लिए जाने समेत टैक्स अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

मुकदमे वापस नहीं लिए तो जेल भरो आंदोलन की धमकी

ट्रक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र बालियान ने कहा कि किसानों और ट्रक ऑपरेटरों पर लगे मुकदमे अगर वापस नहीं लिए गए तो किसान यूनियन और ट्रक ऑपरेटर अधिकारियों के खिलाफ जेल भरो आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे प्रपत्र होने के बावजूद भी ट्रक ऑपरेटरों को परेशान किया जाता है, और उनसे अवैध वसूली की जाती है.

पढ़ें: गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, 193.24 करोड़ ₹ हुए स्वीकृत

बता दें कि, आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर बीते शनिवार को हुए घटनाक्रम के बाद भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप ने मीडिया के समक्ष आकर ट्रकों को छोड़ने के एवज में संबंधित अधिकारियों पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं. भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप का कहना है कि जीएसटी प्रपत्र होने के बाद भी कर अधिकारी ने उनसे रिश्वत मांगी. जब रिश्वत दिए जाने से मना किया गया तो कर अधिकारी ने 19 वाहनों में से 14 वाहनों के कांटे कराए, कांटे कराए जाने के उपरांत वाहन में मानक से अधिक माल पाया गया. अधिक माल पाए जाने के बाद कर अधिकारी ने ट्रक चालकों से 10 हजार रुपये प्रति वाहन छोड़े जाने की बात कही.

पढ़ें: गन्ना किसानों की मांगों को लेकर सड़क पर कांग्रेस, किया विरोध प्रदर्शन

कर अधिकारी ने कहा कि अगर रुपये नहीं दिए गए तो वाहनों को आरटीओ में भेज दिया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप ने इस बात से भी इनकार किया कि यूनियन के नेता और कार्यकर्ताओं की तरफ से अधिकारी को बंधक बनाया गया था. उन्होंने कहा कि आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर कोरोना जांच के लिए हमेशा 10 से 15 पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं. अगर किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता ने अधिकारी को बंधक बनाया तो ऐसे में उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और 100 नंबर पर सूचना क्यों नहीं दी. किसानों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

देहरादून: भारतीय किसान यूनियन (तोमर गुट) के नेता और कार्यकर्ताओं ने राज्य कर विभाग के कार्यालय में ज्वाइंट और असिस्टेंट कमिश्नर को बंधक बनाकर ओवरलोडिंग में पकड़े गए ट्रकों को छुड़ा लिया था. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन और ट्रक यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों ने जीएसटी अधिकारियों पर एक बड़ा आरोप लगाया है. वहीं, किसान यूनियन तोमर ग्रुप के पदाधिकारियों ने देहरादून प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए संबंधित अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

कमिश्नर ने किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए.

पैसे लेकर ट्रक छोड़ने का आरोप

किसान यूनियन द्वारा अधिकारी वीपी सिंह पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा कुछ ट्रक वालों से पैसा लेकर उन्हें छोड़ा गया है. कुछ ट्रकों को रोक लिया गया. जिसका विरोध करते हुए किसान यूनियन और ट्रक ऑपरेटरों ने ज्वाइंट कमिश्नर वीपी सिंह से बात की और उनसे सवाल किया कि इस तरह ईंटों को वाहनों से उतरवाने के बाद उनकी ढलाई और चढ़ाई का खर्चा कौन देगा. जिसके बाद ज्वाइंट कमिश्नर वीपी सिंह ने उनसे माफी मांगी और झूठे विश्वास में आकर भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप ने उनकी बात मान ली. उसके बाद अधिकारियों ने किसानों के ऊपर झूठे मुकदमे लगा दिए. इसके विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप के नेताओं ने किसानों के ऊपर लगे झूठे मुकदमे वापस लिए जाने समेत टैक्स अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

मुकदमे वापस नहीं लिए तो जेल भरो आंदोलन की धमकी

ट्रक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र बालियान ने कहा कि किसानों और ट्रक ऑपरेटरों पर लगे मुकदमे अगर वापस नहीं लिए गए तो किसान यूनियन और ट्रक ऑपरेटर अधिकारियों के खिलाफ जेल भरो आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे प्रपत्र होने के बावजूद भी ट्रक ऑपरेटरों को परेशान किया जाता है, और उनसे अवैध वसूली की जाती है.

पढ़ें: गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, 193.24 करोड़ ₹ हुए स्वीकृत

बता दें कि, आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर बीते शनिवार को हुए घटनाक्रम के बाद भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप ने मीडिया के समक्ष आकर ट्रकों को छोड़ने के एवज में संबंधित अधिकारियों पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं. भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप का कहना है कि जीएसटी प्रपत्र होने के बाद भी कर अधिकारी ने उनसे रिश्वत मांगी. जब रिश्वत दिए जाने से मना किया गया तो कर अधिकारी ने 19 वाहनों में से 14 वाहनों के कांटे कराए, कांटे कराए जाने के उपरांत वाहन में मानक से अधिक माल पाया गया. अधिक माल पाए जाने के बाद कर अधिकारी ने ट्रक चालकों से 10 हजार रुपये प्रति वाहन छोड़े जाने की बात कही.

पढ़ें: गन्ना किसानों की मांगों को लेकर सड़क पर कांग्रेस, किया विरोध प्रदर्शन

कर अधिकारी ने कहा कि अगर रुपये नहीं दिए गए तो वाहनों को आरटीओ में भेज दिया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन तोमर ग्रुप ने इस बात से भी इनकार किया कि यूनियन के नेता और कार्यकर्ताओं की तरफ से अधिकारी को बंधक बनाया गया था. उन्होंने कहा कि आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर कोरोना जांच के लिए हमेशा 10 से 15 पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं. अगर किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता ने अधिकारी को बंधक बनाया तो ऐसे में उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और 100 नंबर पर सूचना क्यों नहीं दी. किसानों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 11:50 AM IST
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