देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उत्तराखंड बीजेपी की प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा विपक्ष के निशाने पर आ गए थे. जिसके बाद बीजेपी सरकार और संगठन दोनों पर सरकारी पैसे के दुरुपयोग करने का आरोप लगा था. हालांकि इस मामले में ज्यादा किरकिरी होने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने माना कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. साथ ही उन्होंने गलती मानते हुए कहा कि इन दोनों यात्राओं पर जो भी खर्चा हुआ है वो बीजेपी संगठन देगा.
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सरकारी पैसे के दुरुपयोग करने का आरोप लगने के बाद शुक्रवार को इस मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनका एक मंत्री के साथ बागेश्वर जाने का कार्यक्रम था. मंत्री पहले ही गाड़ी से बागेश्वर चले गए थे. इसीलिए उन्होंने समय की बचत के लिए हेलीकॉप्टर से बागेश्वर जाना पड़ा. ऐसे ही उत्तराखंड बीजेपी की प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा के साथ भी हुआ. वे भी मंत्री के साथ नैनीताल गई थीं. लेकिन वहां से अचानक उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र में जाना पड़ा. समय के अभाव में उन्होंने ने भी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया.
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प्रदेश अध्यक्ष कौशिक खुद मानते हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए. अब जब मामला बढ़ गया और बीजेपी सरकार और संगठन दोनों विपक्ष के निशाने पर आ गए थे तो उन्होंने किरकिरी से बचने के लिए कहा कि इन दोनों ही यात्राओं का खर्च बीजेपी संगठन उठाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी रूप में उनकी सरकार पारदर्शी रूप से चले ये उनकी कोशिश है. पिछले चार साल से उनकी सरकार पारदर्शी रूप से चल भी रही है. पिछले चार सालों में उनकी सरकार पर किसी तरह की उंगली नहीं उठ पाई है. संगठन ने निर्णय लिया है कि इन दोनों यात्राओं का जो भी खर्च होगा वे सरकार को देंगे.
बागेश्वर में गार्ड ऑफ ऑनर वाले मामले पर प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने कहा कि जब वे वहां पहुंचे तो पहले तैयारी हो रखी थी. उन्होंने भी इस बात का ध्यान नहीं दिया. हालांकि ये गलती से हुआ है. लेकिन राजनीति में इस तरह की गलतियों को स्वीकार कर लेना चाहिए.
बता दें कि हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उत्तराखंड बीजेपी की सह प्रभारी रेखा वर्मा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल निजी कार्यक्रम के लिए किया था. जिसके बाद दोनों पर ही कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेता सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. मामला काफी बढ़ गया था, जिसके बाद शुक्रवार को अपनी गलती मानते हुए बीजेपी ने दोनों यात्राओं का खर्च उठाने का निर्णय लिया है.