देहरादून: उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने पंचायत चुनाव से ठीक पहले एक अहम फैसला लिया था. जिसकी दो से ज्यादा संतान होगी वो चुनाव नहीं लड़ सकता है. इसके साथ ही शैक्षिक योग्यता का भी निर्धारण किया था. इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार अध्यादेश भी लाई थी. सरकार के इस फैसले को कुछ लोगों ने नियम विरुद्ध बताकर नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी है. जिस पर हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
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वहीं इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट से सांसद अजय भट्ट का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि न्यायालय जो निर्देश देगा उसके आधार पर राज्य सरकार काम करेगी. हालांकि उन्होंने राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की है.
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भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने जो कदम उठाया है वह एक आदर्श कदम है. आज नहीं तो कल भारत में ये स्थिति आनी ही है. देश में जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है उतने ही गति से संसाधन घट रहे हैं. गांव में पहले 10 आदमी थे आज वहां 200-300 आदमी रह रहे हैं. जनसंख्या बढ़ने की वजह से भूमि, जल, लकड़ी, जंगल, चारा, खाद्यपदार्थ सहित सभी चीजों में कमी आ रही है. यही स्थिति रही तो आने वाले समय में भयावह स्तिथि आने वाली है. भविष्य में इस स्थिति से बचने के लिए अभी से कोई न कोई उपाय करना चाहिए. जिस की पहल उत्तराखंड राज्य ने की है.