देहरादून: शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बीजेपी के कई विधायक विपक्ष की भूमिका में दिखाई दिए. सरकार की नीतियों और फैसलों समेत कार्यप्रणाली को लेकर बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार को घेरने की कोशिश की.
त्रिवेंद्र सरकार के लिए सत्र का पहला दिन बीजेपी विधायकों के तीखे और विरोधी अंदाज भरे सवालों वाला रहा. सदन में 57 विधायकों वाली सरकार को महज 11 विपक्षी कांग्रेसी घेरने की कोशिश करते रहे, लेकिन विपक्षी दलों से ज्यादा अपनों ने ही सरकार पर तीर कसे.
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इस दौरान बीजेपी विधायकों ने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए और सरकार द्वारा किए गए कामों पर भी नाराजगी जाहिर की. बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपने क्षेत्र में आईटीआई बंद करने के सरकार के आदेश पर सदन में बात रखी और सरकार को आईटीआई बंद करने पर सदन से लेकर सड़क तक घेरने की भी बात कही.
ऐसे कई विधायक थे जिन्होंने सदन में अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाई और यहां तक की सरकार के पिछले सत्र में दिए गए आश्वासन को भी झूठा साबित करने की कोशिश की. सुरेंद्र सिंह जीना ने भी अपने क्षेत्र में टस्कर हाथियों की समस्याओं को सदन में रखा और अपनी ही सरकार के वन मंत्री को घेरने की कोशिश की. विधायक ने कहा कि उन्होंने पिछले सत्र में भी इस बात को रखा था, लेकिन कोई भी व्यवस्था लोगों की जान को बचाने के लिए नहीं की गई और नतीजा यह है कि लगातार टस्कर हाथी लोगों की जान ले रहे हैं.
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बीजेपी विधायकों के सदन में सवाल इस कदर तीखे थे कि कई बार तो सरकार के मंत्री इसमें घिरते हुए नजर आए. सहसपुर से बीजेपी विधायक ने भी अपने क्षेत्र के स्थानीय लोगों के मुद्दे को उठाते हुए ट्रंचिंग ग्राउंड पर सरकार के सामने इसकी शिफ्टिंग का मामला उठा दिया. जिस पर बकौल विधायक सहदेव पुंडीर मुख्यमंत्री से बात होने के बाद इस मामले पर समाधान निकालने की उम्मीद जता रहे.
सदन में बीजेपी विधायक के सवालों को लेकर जिस तरह पहला दिन रहा उससे यह साफ हो गया है कि सदन में सरकार के मंत्रियों को और भी ज्यादा तैयारी के साथ सदन में आना होगा. नहीं तो सदन के अंदर बीजेपी के विधायक ही सरकार की किरकिरी करा सकते हैं.