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शीतकालीन सत्रः सदन में 'अपनों' से घिरी त्रिवेंद्र सरकार, विपक्ष की भूमिका में नजर आए बीजेपी विधायक

त्रिवेंद्र सरकार के लिए सत्र का पहला दिन बीजेपी विधायकों के तीखे और विरोधी अंदाज भरे सवालों वाला रहा. सदन में बीजेपी विधायकों ने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए और कामों पर भी नाराजगी जाहिर की.

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बीजेपी विधायक
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Published : Dec 4, 2019, 9:51 PM IST

देहरादून: शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बीजेपी के कई विधायक विपक्ष की भूमिका में दिखाई दिए. सरकार की नीतियों और फैसलों समेत कार्यप्रणाली को लेकर बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार को घेरने की कोशिश की.

त्रिवेंद्र सरकार के लिए सत्र का पहला दिन बीजेपी विधायकों के तीखे और विरोधी अंदाज भरे सवालों वाला रहा. सदन में 57 विधायकों वाली सरकार को महज 11 विपक्षी कांग्रेसी घेरने की कोशिश करते रहे, लेकिन विपक्षी दलों से ज्यादा अपनों ने ही सरकार पर तीर कसे.

अपनों के सवालों से घिरी त्रिवेंद्र सरकार

पढ़ें- शीतकालीन सत्र: बीजेपी विधायक ने एनसीसी अकादमी पर सरकार के मांगा जवाब, मंत्री पांडेय ने दिया ये जवाब

इस दौरान बीजेपी विधायकों ने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए और सरकार द्वारा किए गए कामों पर भी नाराजगी जाहिर की. बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपने क्षेत्र में आईटीआई बंद करने के सरकार के आदेश पर सदन में बात रखी और सरकार को आईटीआई बंद करने पर सदन से लेकर सड़क तक घेरने की भी बात कही.

ऐसे कई विधायक थे जिन्होंने सदन में अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाई और यहां तक की सरकार के पिछले सत्र में दिए गए आश्वासन को भी झूठा साबित करने की कोशिश की. सुरेंद्र सिंह जीना ने भी अपने क्षेत्र में टस्कर हाथियों की समस्याओं को सदन में रखा और अपनी ही सरकार के वन मंत्री को घेरने की कोशिश की. विधायक ने कहा कि उन्होंने पिछले सत्र में भी इस बात को रखा था, लेकिन कोई भी व्यवस्था लोगों की जान को बचाने के लिए नहीं की गई और नतीजा यह है कि लगातार टस्कर हाथी लोगों की जान ले रहे हैं.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र: महंगाई को लेकर विपक्ष ने खोला मोर्चा, सदन में जमकर हंगामा

बीजेपी विधायकों के सदन में सवाल इस कदर तीखे थे कि कई बार तो सरकार के मंत्री इसमें घिरते हुए नजर आए. सहसपुर से बीजेपी विधायक ने भी अपने क्षेत्र के स्थानीय लोगों के मुद्दे को उठाते हुए ट्रंचिंग ग्राउंड पर सरकार के सामने इसकी शिफ्टिंग का मामला उठा दिया. जिस पर बकौल विधायक सहदेव पुंडीर मुख्यमंत्री से बात होने के बाद इस मामले पर समाधान निकालने की उम्मीद जता रहे.

सदन में बीजेपी विधायक के सवालों को लेकर जिस तरह पहला दिन रहा उससे यह साफ हो गया है कि सदन में सरकार के मंत्रियों को और भी ज्यादा तैयारी के साथ सदन में आना होगा. नहीं तो सदन के अंदर बीजेपी के विधायक ही सरकार की किरकिरी करा सकते हैं.

देहरादून: शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बीजेपी के कई विधायक विपक्ष की भूमिका में दिखाई दिए. सरकार की नीतियों और फैसलों समेत कार्यप्रणाली को लेकर बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार को घेरने की कोशिश की.

त्रिवेंद्र सरकार के लिए सत्र का पहला दिन बीजेपी विधायकों के तीखे और विरोधी अंदाज भरे सवालों वाला रहा. सदन में 57 विधायकों वाली सरकार को महज 11 विपक्षी कांग्रेसी घेरने की कोशिश करते रहे, लेकिन विपक्षी दलों से ज्यादा अपनों ने ही सरकार पर तीर कसे.

अपनों के सवालों से घिरी त्रिवेंद्र सरकार

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इस दौरान बीजेपी विधायकों ने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए और सरकार द्वारा किए गए कामों पर भी नाराजगी जाहिर की. बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपने क्षेत्र में आईटीआई बंद करने के सरकार के आदेश पर सदन में बात रखी और सरकार को आईटीआई बंद करने पर सदन से लेकर सड़क तक घेरने की भी बात कही.

ऐसे कई विधायक थे जिन्होंने सदन में अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाई और यहां तक की सरकार के पिछले सत्र में दिए गए आश्वासन को भी झूठा साबित करने की कोशिश की. सुरेंद्र सिंह जीना ने भी अपने क्षेत्र में टस्कर हाथियों की समस्याओं को सदन में रखा और अपनी ही सरकार के वन मंत्री को घेरने की कोशिश की. विधायक ने कहा कि उन्होंने पिछले सत्र में भी इस बात को रखा था, लेकिन कोई भी व्यवस्था लोगों की जान को बचाने के लिए नहीं की गई और नतीजा यह है कि लगातार टस्कर हाथी लोगों की जान ले रहे हैं.

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बीजेपी विधायकों के सदन में सवाल इस कदर तीखे थे कि कई बार तो सरकार के मंत्री इसमें घिरते हुए नजर आए. सहसपुर से बीजेपी विधायक ने भी अपने क्षेत्र के स्थानीय लोगों के मुद्दे को उठाते हुए ट्रंचिंग ग्राउंड पर सरकार के सामने इसकी शिफ्टिंग का मामला उठा दिया. जिस पर बकौल विधायक सहदेव पुंडीर मुख्यमंत्री से बात होने के बाद इस मामले पर समाधान निकालने की उम्मीद जता रहे.

सदन में बीजेपी विधायक के सवालों को लेकर जिस तरह पहला दिन रहा उससे यह साफ हो गया है कि सदन में सरकार के मंत्रियों को और भी ज्यादा तैयारी के साथ सदन में आना होगा. नहीं तो सदन के अंदर बीजेपी के विधायक ही सरकार की किरकिरी करा सकते हैं.

Intro:फीड एफटीपी से भेजी है

फोल्डर नाम-uk_deh_03_bjp_question_pkg_7206766


summary- शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में भाजपा के कई विधायक विपक्ष की भूमिका भी दिखाई दिए.. सरकार की नीतियों और फैसलों समेत कार्यप्रणाली को लेकर भाजपा विधायकों ने सदन में सरकार को घेरने की कोशिश की...


Body:त्रिवेंद्र सरकार के लिए सत्र का पहला दिन भाजपा विधायकों के तीखे और विरोधी अंदाज भरे सवालों वाला रहा... सदन में 57 विधायकों वाली सरकार को महज 11 विपक्षी कांग्रेसी घेरने की कोशिश करते रहे..लेकिन विपक्षी दलों से ज्यादा अपनों ने ही सरकार पर तीर कसे.. इस दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए और सरकार द्वारा किए गए कामों पर भी नाराजगी जाहिर की.. भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपने क्षेत्र में आईटीआई बंद करने के सरकार के आदेश पर सदन में बात रखी और सरकार को आरटीआई बंद करने पर सदन से लेकर सड़क तक घेरने की भी बात कही।

बाइट पूरन सिंह फर्त्याल बीजेपी विधायक

ऐसे कई विधायक थे जिन्होंने सदन में अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाई और यहां तक की सरकार के पिछले सत्र में दिए गए आश्वासन को भी झूठा साबित करने की कोशिश की.. सुरेंद्र सिंह जीना ने भी अपने छेत्र में तस्कर हाथियों की समस्याओं को सदन में रखा और अपनी ही सरकार के वन मंत्री को घेरने की कोशिश की.. विधायक ने कहा कि उन्होंने पिछले सत्र में भी इस बात को रखा था ..लेकिन इसके बावजूद कोई भी व्यवस्था लोगों की जान को बचाने के लिए नहीं की गई और नतीजा यह है कि लगातार टस्कर हाथी लोगों की जान ले रहे हैं।।

बाइट सुरेंद्र सिंह जीना, भाजपा विधायक

भाजपा विधायकों के सदन में सवाल इस कदर तीखे है...कि कई बार तो सरकार के मंत्री इसमें घिरते हुए नजर आए... सहसपुर से भाजपा विधायक ने भी अपने क्षेत्र के स्थानीय लोगों के मुद्दे को उठाते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड पर सरकार के सामने इसकी शिफ्टिंग का मामला उठा दिया..जिस पर बकौल विधायक सहदेव पुंडीर मुख्यमंत्री से बात होने के बाद इस मामले पर समाधान निकालने की उम्मीद जता रहे हैं

बाइट सहदेव पुंडीर विधायक भाजपा



Conclusion:सदन में भाजपा विधायक व्यक्ति के सवालों को लेकर जिस तरह पहला दिन रहा.. उससे यह साफ हो गया है कि सदन में सरकार के मंत्रियों को और भी ज्यादा तैयारी कर कर सदन में आना होगा.. नहीं तो सदन के अंदर भाजपा के विधायक ही सरकार की किरकिरी करा सकते हैं।।।
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