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निलंबन से भड़के लाखी राम जोशी, कहा- पार्टी से ऊपर नहीं सीएम रावत

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने लाखी राम जोशी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है. लाखी राम जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था.

Uttarakhand BJP Letter bomb
निलंबित होने पर भड़के लाखी राम जोशी
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Published : Nov 13, 2020, 3:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी में चल रहा घमासान अब और तेज हो गया है. लाखी राम जोशी के लेटर बम के बाद बीजेपी की कार्रवाई ने पार्टी के अंदर इस विवाद को हवा दे दी है. लाखी राम जोशी ने अपने नए बयान में अब सीधे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह पर ही हमला बोल दिया है.

लाखी राम जोशी ने बीजेपी और सीएम त्रिवेंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी निलंबन की कार्रवाई बीजेपी की बौखलाहट को दिखाती है. उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जिस तरह जांच से बचने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं, ऐसे में पूरी दाल ही काली है. जोशी ने कहा कि पार्टी में मुख्यमंत्री के खिलाफ इस बात को लेकर काफी नेता आक्रोशित और उनके विरोध में हैं.

निलंबित होने पर भड़के लाखी राम जोशी.

वहीं, पूरे मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने जोशी के पत्र को अनुशासनहीनता करार दिया है. बंशीधर भगत ने कहा कि जोशी ने जो पत्र लिखा है, उसे पार्टी संगठन के सामने रखना चाहिए था. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनुशासनहीनता की है. जिसको लेकर उन्हें नोटिस और निलंबित किया गया है.

ये भी पढ़ें: 'लेटर बम' का जवाब: बीजेपी नेता लाखी राम जोशी पार्टी से निलंबित, कारण बताओ नोटिस जारी

क्या है पूरा मामला?

गौर हो कि उत्तराखंड गठन में अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे लाखी राम जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की नीतियां जनविरोधी हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के बयानों और फैसलों को संगठन व सरकार को शर्मसार करने वाला बताया है. लाखीराम जोशी ने हाईकोर्ट के सीबीआई जांच वाले आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आपने (प्रधानमंत्री मोदी) 2016 में नोटबंदी की थी, जिसमें जनता ने आपका भरपूर समर्थन किया था, लेकिन आज उत्तराखंड की जनता इस बात से हतप्रभ है कि उनका मुख्यमंत्री नोटबंदी के दौरान झारखंड का पार्टी प्रभारी होने के नाते वहां से अपने करीबियों के खाते में कालाधन जमा करवाया था.

जोशी ने लिखा है कि, नैनीताल हाई कोर्ट ने इस गंभीर मामले को देखते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इस कारण पार्टी की छवि आए दिन धूमिल हो रही है. समय रहते इस गंभीर मामले का पार्टी नेतृत्व को संज्ञान लेना चाहिए. उक्त भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों को देखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को तत्काल मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए. जिससे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.

देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी में चल रहा घमासान अब और तेज हो गया है. लाखी राम जोशी के लेटर बम के बाद बीजेपी की कार्रवाई ने पार्टी के अंदर इस विवाद को हवा दे दी है. लाखी राम जोशी ने अपने नए बयान में अब सीधे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह पर ही हमला बोल दिया है.

लाखी राम जोशी ने बीजेपी और सीएम त्रिवेंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी निलंबन की कार्रवाई बीजेपी की बौखलाहट को दिखाती है. उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जिस तरह जांच से बचने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं, ऐसे में पूरी दाल ही काली है. जोशी ने कहा कि पार्टी में मुख्यमंत्री के खिलाफ इस बात को लेकर काफी नेता आक्रोशित और उनके विरोध में हैं.

निलंबित होने पर भड़के लाखी राम जोशी.

वहीं, पूरे मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने जोशी के पत्र को अनुशासनहीनता करार दिया है. बंशीधर भगत ने कहा कि जोशी ने जो पत्र लिखा है, उसे पार्टी संगठन के सामने रखना चाहिए था. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनुशासनहीनता की है. जिसको लेकर उन्हें नोटिस और निलंबित किया गया है.

ये भी पढ़ें: 'लेटर बम' का जवाब: बीजेपी नेता लाखी राम जोशी पार्टी से निलंबित, कारण बताओ नोटिस जारी

क्या है पूरा मामला?

गौर हो कि उत्तराखंड गठन में अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे लाखी राम जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की नीतियां जनविरोधी हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के बयानों और फैसलों को संगठन व सरकार को शर्मसार करने वाला बताया है. लाखीराम जोशी ने हाईकोर्ट के सीबीआई जांच वाले आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आपने (प्रधानमंत्री मोदी) 2016 में नोटबंदी की थी, जिसमें जनता ने आपका भरपूर समर्थन किया था, लेकिन आज उत्तराखंड की जनता इस बात से हतप्रभ है कि उनका मुख्यमंत्री नोटबंदी के दौरान झारखंड का पार्टी प्रभारी होने के नाते वहां से अपने करीबियों के खाते में कालाधन जमा करवाया था.

जोशी ने लिखा है कि, नैनीताल हाई कोर्ट ने इस गंभीर मामले को देखते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इस कारण पार्टी की छवि आए दिन धूमिल हो रही है. समय रहते इस गंभीर मामले का पार्टी नेतृत्व को संज्ञान लेना चाहिए. उक्त भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों को देखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को तत्काल मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए. जिससे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.

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