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...तो दिखावटी है 'युवा मुख्यमंत्री, युवा सरकार' का नारा, मोदी पर ही है दारोमदार

भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) की तैयारियों में जुटी है. बीजेपी ने इस बार युवा मुख्यमंत्री युवा सरकार, अबकी बार 60 पार का नारा दिया लेकिन पार्टी के कैंपेन से लेकर रैलियों में केवल मोदी को ही प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है. इस पर कांग्रेस ने चुटकी ली है.

uttarakhand assembly election 2022
बीजेपी का एजेंडा मोदी
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Published : Dec 19, 2021, 4:47 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड भाजपा ने राज्य में 'युवा मुख्यमंत्री' 'युवा सरकार', अबकी बार 60 पार का नारा तो दिया है लेकिन हकीकत में पार्टी के एजेंडे में चुनाव के दौरान केवल मोदी ही चेहरा रहेंगे. यह बात भारतीय जनता पार्टी के तमाम मंच और प्रचार के लिए निकली गाड़ियों को देखकर समझा जा सकता है.

हाल ही में भाजपा ने प्रदेश भर में पार्टी के चुनाव प्रचार और रीती नीतियों को बताने के लिए एलईडी स्क्रीन वाली गाड़ियों को रवाना किया है. इन गाड़ियों में पार्टी के कार्यक्रमों और योजनाओं को स्क्रीन के जरिए आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा. लेकिन खास बात यह है कि प्रचार प्रसार में भाजपा ने जिन स्लोगन का इस्तेमाल किया है, वह यह जाहिर करने के लिए काफी है कि पार्टी का फोकस युवा मुख्यमंत्री या युवा सोच पर नहीं बल्कि मोदी पर ही है.

इस बार मोदी पर ही दारोमदार.

दरअसल, पार्टी के नारों में मोदी के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश की गई है, जबकि इसमें युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को चेहरा बनाने की कोशिश नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि, इस मामले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश जोशी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय चेहरा है और पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं. लिहाजा, उनके नाम के प्रचार प्रसार या योजनाओं को पार्टी द्वारा आगे बढ़ाना लाजमी ही है. पार्टी युवा मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी के चेहरे को भी जनता के बीच में जाकर राज्य सरकार की योजनाओं को भी लोगों के सामने रखना चाहती है.

पढ़ें- उत्तराखंड में नए जिलों के गठन पर सियासत शुरू, दर्जनभर सीटों पर प्रभाव डालने का पैंतरा

बीजेपी की मजबूरी: भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार से जुड़े नारों में मोदी को फोकस करना पार्टी की एक मजबूरी भी है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी को दूर करने के लिए मोदी ही एक ऐसा चेहरा है, जिस पर पार्टी दांव खेल सकती है. पुष्कर सिंह धामी हाल ही में मुख्यमंत्री बने हैं और उन पर फोकस करना या उन्हें चेहरा बनाने का रिस्क पार्टी नहीं लेना चाहती. हालांकि, पार्टी ने युवा कार्ड खेलते हुए कुछ नारे जरूर दिए हैं लेकिन पार्टी की पूरी रणनीति मोदी नाम पर आधारित है.

मोदी की बिना चुनाव नहीं लड़ सकती है बीजेपी: इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह कहते हैं कि भाजपा की करनी और कथनी में हमेशा ही अंतर रहा है. भाजपा कितना भी कुछ कहले लेकिन वह मोदी नाम से हटकर चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं है.

देहरादून: उत्तराखंड भाजपा ने राज्य में 'युवा मुख्यमंत्री' 'युवा सरकार', अबकी बार 60 पार का नारा तो दिया है लेकिन हकीकत में पार्टी के एजेंडे में चुनाव के दौरान केवल मोदी ही चेहरा रहेंगे. यह बात भारतीय जनता पार्टी के तमाम मंच और प्रचार के लिए निकली गाड़ियों को देखकर समझा जा सकता है.

हाल ही में भाजपा ने प्रदेश भर में पार्टी के चुनाव प्रचार और रीती नीतियों को बताने के लिए एलईडी स्क्रीन वाली गाड़ियों को रवाना किया है. इन गाड़ियों में पार्टी के कार्यक्रमों और योजनाओं को स्क्रीन के जरिए आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा. लेकिन खास बात यह है कि प्रचार प्रसार में भाजपा ने जिन स्लोगन का इस्तेमाल किया है, वह यह जाहिर करने के लिए काफी है कि पार्टी का फोकस युवा मुख्यमंत्री या युवा सोच पर नहीं बल्कि मोदी पर ही है.

इस बार मोदी पर ही दारोमदार.

दरअसल, पार्टी के नारों में मोदी के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश की गई है, जबकि इसमें युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को चेहरा बनाने की कोशिश नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि, इस मामले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश जोशी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय चेहरा है और पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं. लिहाजा, उनके नाम के प्रचार प्रसार या योजनाओं को पार्टी द्वारा आगे बढ़ाना लाजमी ही है. पार्टी युवा मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी के चेहरे को भी जनता के बीच में जाकर राज्य सरकार की योजनाओं को भी लोगों के सामने रखना चाहती है.

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बीजेपी की मजबूरी: भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार से जुड़े नारों में मोदी को फोकस करना पार्टी की एक मजबूरी भी है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी को दूर करने के लिए मोदी ही एक ऐसा चेहरा है, जिस पर पार्टी दांव खेल सकती है. पुष्कर सिंह धामी हाल ही में मुख्यमंत्री बने हैं और उन पर फोकस करना या उन्हें चेहरा बनाने का रिस्क पार्टी नहीं लेना चाहती. हालांकि, पार्टी ने युवा कार्ड खेलते हुए कुछ नारे जरूर दिए हैं लेकिन पार्टी की पूरी रणनीति मोदी नाम पर आधारित है.

मोदी की बिना चुनाव नहीं लड़ सकती है बीजेपी: इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह कहते हैं कि भाजपा की करनी और कथनी में हमेशा ही अंतर रहा है. भाजपा कितना भी कुछ कहले लेकिन वह मोदी नाम से हटकर चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं है.

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