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BJP Founder Member Passed Away: बीजेपी के संस्थापक सदस्य सरदार संत सिंह लूथरा का निधन, सीएम धामी ने जताया शोक

भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य सरदार संत सिंह लूथरा का निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार कल कर्णप्रयाग संगम पर किया जाएगा.

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Published : Feb 13, 2023, 8:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की आन, बान और शान, कर्णप्रयाग खालसा होटल के मालिक सरदार संत सिंह लूथरा का निधन हो गया है. सरदार संत सिंह लूथरा के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. सरदार संत सिंह लूथरा जनसंघ से जुटे और फिर आरएसएस के साथ-साथ संगठन के लिए भी काम किया.

सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा जनसंघ एवं भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक, विचार परिवार के संगठनों की मजबूती के लिए सदैव संघर्षरत सरदार संत जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

  • जनसंघ एवं @BJP4India के संस्थापक सदस्यों में से एक, विचार परिवार के संगठनों की मजबूती के लिए सदैव संघर्षरत आदरणीय श्री सरदार संत जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।

    ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। pic.twitter.com/lqgwPAshVr

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरदार संत सिंह लूथरा बीसी खंडूड़ी सरकार में परिवहन मंत्रालय में राज्यमंत्री (दर्जाधारी) भी रह चुके हैं. कर्णप्रयाग का नवनिर्मित पुल उनकी ही देन है, कर्णप्रयाग शिशु मंदिर के संस्थापक, सदा शिव रामलीला मंडली कर्णप्रयाग उनकी ही देन है. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वयं सरदार संत सिंह लूथरा बताते थे कि पाकिस्तान में मेवों का व्यापार उनके पिता और दादा करते थे और दिल्ली, सहारनपुर आदि स्थानों तक उनके मेवे बिक्री के लिए पहुंचाए जाते थे.

ये भी पढ़ें: Shardanath Ghat: अलकनंदा में गिरता रहा सीवर का गंदा पानी, स्नान घाट का उद्घाटन कर चलते बने धन सिंह रावत

रामलीला में निभाते थे अहम रोल: कर्णप्रयाग में वर्षों से वे राजा दशरथ के पात्र का अभिनय करते थे. वे राजा दशरथ के पात्र को इतना आत्मसात करते, राम के वनवास जाते ही दशरथ के देह त्याग की लीला के दिन वे भी राजा दशरथ के साथ ही मरणासन्न हो जाते और बेहोशी की हालत में तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, जहां उन्हें बमुश्किल होश में लाया जाता था.

सरदार संत सिंह लूथरा को आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया भी गया था. सरदार संत सिंह लूथरा के निधन से पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है. मंगलवार 14 फरवरी को कर्णप्रयाग संगम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड की आन, बान और शान, कर्णप्रयाग खालसा होटल के मालिक सरदार संत सिंह लूथरा का निधन हो गया है. सरदार संत सिंह लूथरा के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. सरदार संत सिंह लूथरा जनसंघ से जुटे और फिर आरएसएस के साथ-साथ संगठन के लिए भी काम किया.

सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा जनसंघ एवं भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक, विचार परिवार के संगठनों की मजबूती के लिए सदैव संघर्षरत सरदार संत जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

  • जनसंघ एवं @BJP4India के संस्थापक सदस्यों में से एक, विचार परिवार के संगठनों की मजबूती के लिए सदैव संघर्षरत आदरणीय श्री सरदार संत जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।

    ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। pic.twitter.com/lqgwPAshVr

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरदार संत सिंह लूथरा बीसी खंडूड़ी सरकार में परिवहन मंत्रालय में राज्यमंत्री (दर्जाधारी) भी रह चुके हैं. कर्णप्रयाग का नवनिर्मित पुल उनकी ही देन है, कर्णप्रयाग शिशु मंदिर के संस्थापक, सदा शिव रामलीला मंडली कर्णप्रयाग उनकी ही देन है. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वयं सरदार संत सिंह लूथरा बताते थे कि पाकिस्तान में मेवों का व्यापार उनके पिता और दादा करते थे और दिल्ली, सहारनपुर आदि स्थानों तक उनके मेवे बिक्री के लिए पहुंचाए जाते थे.

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रामलीला में निभाते थे अहम रोल: कर्णप्रयाग में वर्षों से वे राजा दशरथ के पात्र का अभिनय करते थे. वे राजा दशरथ के पात्र को इतना आत्मसात करते, राम के वनवास जाते ही दशरथ के देह त्याग की लीला के दिन वे भी राजा दशरथ के साथ ही मरणासन्न हो जाते और बेहोशी की हालत में तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, जहां उन्हें बमुश्किल होश में लाया जाता था.

सरदार संत सिंह लूथरा को आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया भी गया था. सरदार संत सिंह लूथरा के निधन से पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है. मंगलवार 14 फरवरी को कर्णप्रयाग संगम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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