देहरादून: राजधानी देहरादून में सड़कों पर भाजपा के अनुशासन की एक अजीबो-गरीब तस्वीर देखने की मिल रही है. यहां स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सहूलियतों के लिए लगाये जाने वाले साइन बोर्ड्स पर भाजपा के पोस्टर टंगे हुए हैं. जिससे साइन बोर्ड्स को लगाने का ही औचित्य खत्म होता नजर आ रहा है.
इन साइन बोर्ड्स को देखकर लगता है मानो ये पोस्टर और बैनर लगाने के लिए ही बने हैं, तभी तो एक जिम्मेदार पार्टी सभी कायदे, कानूनों को दरकिनार कर इन पर पोस्टर और बैनर टांग रही है. दिशा सूचक बोर्ड पर लगाए गये ये बैनर-पोस्टर शहर की खूबसूरती बिगाड़ने की भी काम करते हैं. ऐसा नहीं है कि राजधानी में साइन बोर्ड्स के ऊपर दिख रहे ये पोस्टर-बैनर बिना किसी की परमिशन के लगाये गये हैं, मगर यहां वो कहावत सही बैठती है 'जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का'.
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शहर में कहीं भी इस तरह के पोस्टर -बैनर लगाने के लिए नगर निगम की परमिशन लेनी होती है. इससे बाकायदा नगर निगम को राजस्व मिलता है. मगर राजधानी देहरादून में मिलीभगत कई जगहों के साइन बोर्ड्स पर भाजपा नेताओं के बाधाई पोस्टर टांग दिये गये हैं. ऐसा तब हो रहा है जब राजधानी के नगर निगम पर बीजेपी का कब्जा है.
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बता दें कि हर शहर में प्रचार-प्रसार के लिए कुछ साइट निर्धारित की जाती हैं. जहां से हर साल नगर निगम करोड़ों का राजस्व अर्जित करता है. मगर भाजपा के नेताओं के प्रचार-प्रसार के लिए लगे यह बैनर-पोस्टर कहीं भी टांग दिये जाते हैं. इतना ही नहीं इस तरह कहीं भी पोस्टर-बैनर टांगने पर नगर निगम भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं करता है, जो कि अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.