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जौनसार बावर में बिस्सू पर्व की धूम, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जमकर थिरके लोग - Jaunsar Baavar

जौनसार बावर में खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक माने जाने बिस्सू पर्व का आगाज हो गया है.  पर्व के पहले दिन फुलियात पर्व मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने इष्ट देवता को बुरांश के फूल अर्पित  करते हैं. इस पर्व का जौनसार के रहने वाले लोगों के लिए खास महत्व है.

बिस्सू पर्व पर  आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर थिरकते लोग.
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Published : Apr 14, 2019, 3:32 PM IST

विकास नगर: जौनसार बावर में खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक माने जाने बिस्सू पर्व का आगाज हो गया है. पर्व के पहले दिन फुलियात पर्व मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने इष्ट देवता को बुरांश के फूल अर्पित करते हैं. इस पर्व का जौनसार के रहने वाले लोगों के लिए खास महत्व है. बिस्सू के कारण क्षेत्र के बाजारों में भी रौनक देखी जा सकती है. वहीं बिस्सू पर्व पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर स्थानीय लोग जमकर थिरके.

खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक बिस्सू पर्व पर जानकारी देते स्थानीय निवासी रणवीर सिंह .

बिस्सू पर्व पर ग्रामीणों में पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला. स्थानीय लोग विस्सू पर्व के रंग में रंगे दिखाई दिए. वहीं ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊ की थाप पर चांचरी नृत्य किया. वहीं ग्रामीणों ने एक दूसरे को गले लगाकर त्यौहार की बधाई दी. इस दौरान अधिकांश स्थानीय लोग पारंपरिक वेशभूषा पहने दिखाई दिए. लोगों ने नृत्य करते हुए अपने इष्ट देव को बुरांश के फूल अर्पित कर खुशहाली का आशीर्वाद मांगा.

ये भी पढ़े: यहां सुरंग की खुदाई में मिली थी मां काली की मूर्ति, आज दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु

बता दें कि जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर पूरे विश्व में अनूठी लोक संस्कृति के लिए विख्यात है. जौनसार बावर का प्रमुख बिस्सू पर्व रविवार से शुरू हो गई है. पहले दिन गांव के हर घर से मुखिया ने जंगल से बुरांश के फूल लाकर मंदिरों में देवता को अर्पित कर मन्नत मांगी. जौनसार बावर के महासू, शिलगुर, परशुराम विजट देवता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने बुरांश के फूल देवताओं को अर्पित कर खुशहाली की मन्नतें मांगी .वहीं लोगों ने पंचायती आंगन में देव डोली को कंधे पर उठाकर नचाया. जौनसार बावर क्षेत्र के करीब 400 से ज्यादा गांव बिस्सू पर्व का जश्न मनाते हैं.साथ ही जौनसार बावर में जगह-जगह बिस्सू पर्व में मेलों का आयोजन किया जाता है.

विकास नगर: जौनसार बावर में खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक माने जाने बिस्सू पर्व का आगाज हो गया है. पर्व के पहले दिन फुलियात पर्व मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने इष्ट देवता को बुरांश के फूल अर्पित करते हैं. इस पर्व का जौनसार के रहने वाले लोगों के लिए खास महत्व है. बिस्सू के कारण क्षेत्र के बाजारों में भी रौनक देखी जा सकती है. वहीं बिस्सू पर्व पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर स्थानीय लोग जमकर थिरके.

खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक बिस्सू पर्व पर जानकारी देते स्थानीय निवासी रणवीर सिंह .

बिस्सू पर्व पर ग्रामीणों में पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला. स्थानीय लोग विस्सू पर्व के रंग में रंगे दिखाई दिए. वहीं ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊ की थाप पर चांचरी नृत्य किया. वहीं ग्रामीणों ने एक दूसरे को गले लगाकर त्यौहार की बधाई दी. इस दौरान अधिकांश स्थानीय लोग पारंपरिक वेशभूषा पहने दिखाई दिए. लोगों ने नृत्य करते हुए अपने इष्ट देव को बुरांश के फूल अर्पित कर खुशहाली का आशीर्वाद मांगा.

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बता दें कि जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर पूरे विश्व में अनूठी लोक संस्कृति के लिए विख्यात है. जौनसार बावर का प्रमुख बिस्सू पर्व रविवार से शुरू हो गई है. पहले दिन गांव के हर घर से मुखिया ने जंगल से बुरांश के फूल लाकर मंदिरों में देवता को अर्पित कर मन्नत मांगी. जौनसार बावर के महासू, शिलगुर, परशुराम विजट देवता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने बुरांश के फूल देवताओं को अर्पित कर खुशहाली की मन्नतें मांगी .वहीं लोगों ने पंचायती आंगन में देव डोली को कंधे पर उठाकर नचाया. जौनसार बावर क्षेत्र के करीब 400 से ज्यादा गांव बिस्सू पर्व का जश्न मनाते हैं.साथ ही जौनसार बावर में जगह-जगह बिस्सू पर्व में मेलों का आयोजन किया जाता है.

Intro:जौनसार बावर में बिस्सू.पर्व शुरू बुरांश के फूलों अपने इष्ट देवता को अर्पित कर सजाए गए घर पर्व को लेकर सवाई गांव में मंदिर से शिरगुल देवता की डोली भी निकाली गई मंदिर से बाहर लोगों ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की


Body: जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर का प्रमुख बिस्सू पर्व रविवार थे शुरू हो गया है पहले दिन फुल याद पर हर घर के मुखिया स्नान कर जंगल से बुरांश के फूल लाए और अपने अपने गांव के मंदिरों में देवता को अर्पित कर खुशहाली की कामना की फिर फूलों से घरों को सजाया गया जौनसार बावर के महासू शिलगुर परशुराम विजट देवता आदि मंदिरों के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया ग्रामीणों ने बुरांश के फूल देवता को अर्पित कर खुशहाली की मन्नतें मांगी पूरे जौनसार बावर मेंबिस्सू पर्व को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है। जौनसार बावर क्षेत्र के करीब 400 से ज्यादा गांव मजरो फुलियात पर्व का जश्न देखने को मिला


Conclusion:पौराणिक परंपरा के तहत बिस्सू पर्व के पहले दिन फूलियात पर्व मनाया फुलियात मे हर घर का मुखिया ने जंगल से बुराश के फूल चुनकर लाते हैं सभी ग्रामीण गांव के पास एकत्र होकर ढोल दमोह के थाप पर नाचते गाते अपने इष्ट देव को फूल अर्पित करते हैं एवं देव डोली को विधिपूर्वक पूजा अर्चना घर मंदिर से दर्शन के लिए बाहर निकालते हैं साथ ही पंचायती आंगन में देव डोली को कंधे पर उठाकर नचाया जाता है ग्रामीण भगत सिंह चौहान व रणवीर सिंह चौहान ने बताया की फुलियात पर्व खुशहाली व समृद्धि का प्रतीक है इसलिए बुरांश के फूल को लेकर नाचते गाते अपने इष्ट देवता को अर्पित करते हैं और आज से बिस्सू पर्व का आगाज हो चुका है जौनसार बावर में जगह जगह बिस्सू पर्व में मेलों का आयोजन होगा

बाइट- स्थानीय ग्रामीण -
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