विकास नगर: जौनसार बावर में खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक माने जाने बिस्सू पर्व का आगाज हो गया है. पर्व के पहले दिन फुलियात पर्व मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने इष्ट देवता को बुरांश के फूल अर्पित करते हैं. इस पर्व का जौनसार के रहने वाले लोगों के लिए खास महत्व है. बिस्सू के कारण क्षेत्र के बाजारों में भी रौनक देखी जा सकती है. वहीं बिस्सू पर्व पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर स्थानीय लोग जमकर थिरके.
बिस्सू पर्व पर ग्रामीणों में पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला. स्थानीय लोग विस्सू पर्व के रंग में रंगे दिखाई दिए. वहीं ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊ की थाप पर चांचरी नृत्य किया. वहीं ग्रामीणों ने एक दूसरे को गले लगाकर त्यौहार की बधाई दी. इस दौरान अधिकांश स्थानीय लोग पारंपरिक वेशभूषा पहने दिखाई दिए. लोगों ने नृत्य करते हुए अपने इष्ट देव को बुरांश के फूल अर्पित कर खुशहाली का आशीर्वाद मांगा.
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बता दें कि जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर पूरे विश्व में अनूठी लोक संस्कृति के लिए विख्यात है. जौनसार बावर का प्रमुख बिस्सू पर्व रविवार से शुरू हो गई है. पहले दिन गांव के हर घर से मुखिया ने जंगल से बुरांश के फूल लाकर मंदिरों में देवता को अर्पित कर मन्नत मांगी. जौनसार बावर के महासू, शिलगुर, परशुराम विजट देवता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने बुरांश के फूल देवताओं को अर्पित कर खुशहाली की मन्नतें मांगी .वहीं लोगों ने पंचायती आंगन में देव डोली को कंधे पर उठाकर नचाया. जौनसार बावर क्षेत्र के करीब 400 से ज्यादा गांव बिस्सू पर्व का जश्न मनाते हैं.साथ ही जौनसार बावर में जगह-जगह बिस्सू पर्व में मेलों का आयोजन किया जाता है.