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शिक्षा दिवस विशेष: राष्ट्रीय शैक्षिक प्रणाली को अस्तित्व में लाए थे मौलाना आजाद - national education policy 2019

भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में मनाया जाता है. मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को सउदी अरब के मक्का शहर में हुआ था, जिसके बाद उनका परिवार कलकत्ता आ गया था.

शिक्षा दिवस
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Published : Nov 11, 2019, 8:15 AM IST

लखनऊ: महान शिक्षाविद लेखक ,पत्रकार और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का में हुआ था. मौलाना शब्द उनके नाम का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक सम्मान है, जिसका अर्थ है सीखा हुआ आदमी.

राष्ट्रीय शैक्षिक प्रणाली को अस्तित्व में लाए थे मौलाना आजाद.

एक युवा के रूप में, वह साहित्य, दर्शन, धर्म और पत्रकारिता में रुचि रखते थे. महात्मा गांधी से परिचित होने के बाद, आजाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए. वे 15 अगस्त, 1947 से 2 फरवरी, 1958 तक देश के शिक्षा मंत्री रहे. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य भी रहे. वे 1923 में 35 वर्ष की आयु में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे सबसे युवा अध्यक्ष बने. उन्होंने असहयोग आन्दोलन, स्वदेशी आन्दोलन, धरसना सत्याग्रह तथा भारत छोड़ो आन्दोलनों में हिस्सा लिया तथा देश की स्वतंत्रता के लिए सक्रिय होकर कार्य किया.

देश के पहले शिक्षा मंत्री
1947 में जब भारत को आजादी मिली पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनीं तो आजाद को देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. वह एक राष्ट्रीय शैक्षिक प्रणाली की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे.उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों को शिक्षित करने और लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने पर विशेष जोर दिया.

ये भी पढ़ें:-एटा: जुलूस-ए-मोहम्मदी में दिया गया 'पानी बचाओ, बेटी बचाओ' का संदेश

मुफ्त प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत
मौलाना अबुल कलाम आजाद ने मुफ्त प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों जैसे IIT की स्थापना की. उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है.

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत
मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को पहचानने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत की गई. इस दिन पूरे भारत में स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों और छात्रों को इस अवसर पर विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें:- आगरा: राम मंदिर के लिए सोने की ईंट देगा मुगल शासक का वंशज

दो पत्रिकाओं का किया संपादन

मौलाना अबुल कलाम आजाद ने मुसलमानों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए अल हिलाल नाम से एक साप्ताहिक उर्दू पत्रिका प्रारम्भ की. जिसने हिंदू मुसलमानों के बीच के मनमुटाव को दूर करने का काम किया. गरम दल के विचारों को हवा देने का अल हिलाल मुख्य पत्र बन गया था,जिसे सरकार ने साल 1914 में अलगाववादी विचारों को फैलाने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था. आजाद ने तब हिन्दू-मुस्लिम एकता पर आधारित भारतीय राष्ट्रवाद और क्रांतिकारी विचारों के प्रचार के लक्ष्य के साथ एक और साप्ताहिक पत्रिका ‘अल बलाघ’ शुरू की. साल1916 में सरकार ने इस पत्रिका पर भी प्रतिबंध लगा दिया.

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) रिपोर्ट 2019

  • इस सर्वेक्षण में देश में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों को शामिल किया गया है, जो AISHE पोर्टल www.aishe.gov.in में AISHE कोड के साथ पंजीकृत है.
  • संस्थानों को 3 व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है.
  • इसमें विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्टैंड-अलोन संस्थान शामिल हैं.
  • एआईएसएचई वेब पोर्टल पर 993 विश्वविद्यालय, 39931 कॉलेज और 10725 स्टैंड अलोन संस्थान सूचीबद्ध हैं.
  • 385 विश्वविद्यालयों को निजी तौर पर प्रबंधित किया जाता है.
  • 394 विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं.
  • 60.53% कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं,जिनमें 11.04% कॉलेज विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं.
  • उच्च शिक्षा में कुल 47,427 विदेशी छात्र नामांकित हैं.

2018 में शिक्षा की गुणवत्ता पर ASER की रिपोर्ट

कक्षा 5 के मात्र 50.3 प्रतिशत विद्यार्थी ही कक्षा 2 की किताब पढ़ पाते हैं.
केरल में इन छात्रों की किताबें पढ़ने की क्षमता में 10 प्रतिशत की वृद्धि, वहीं 2016 में ओडिश, छत्तीसगढ़ में 7 प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश में 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है..
पिछले पांच सालों में निजी स्कूलों में 6-14 वर्ष के बच्चों का दाखिला 30 प्रतिशत बढ़ा है.

ये भी पढें:-हाथरस में सड़क का नाम रखा गया 'शहीद वीर अब्दुल हमीद मार्ग'

द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020

भारत ने द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 में भारत ने महत्वपूर्ण रूप से छलांग लगाई है. हालांकि 2012 के बाद पहली बार एक भी भारतीय विश्वविद्यालय ने शीर्ष 300 की सूची में जगह नहीं बनाई. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ ने टॉप 350 में जगह बनाई है. पिछले साल 49 भारतीय संस्थान शामिल थे. वहीं इस साल 56 संस्थानों को जगह मिली है.

भारत का अनुसंधान एवं विकास व्यय

भारत के निवेश में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है. हालांकि यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक अंश है. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 0.6% से 0.7% पर स्थिर बना हुआ है. यह अमेरिका (2.8), चीन (2.1), इजरायल (4.3) और कोरिया (4.2) जैसे देशों के खर्च से नीचे है.

भारत की ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग
शैक्षिक सांख्यिकी 2018 एक नजर
प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों की संख्या (साक्षार भारत)

वर्ष महिला पुरूष कुल
2016-17 13,226,056 6,057,019 19,283,075
2015-16 13,397,738 5,840,589 19,238,327
2014-15 7,607,631 3,082,314 10,689,945

लखनऊ: महान शिक्षाविद लेखक ,पत्रकार और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का में हुआ था. मौलाना शब्द उनके नाम का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक सम्मान है, जिसका अर्थ है सीखा हुआ आदमी.

राष्ट्रीय शैक्षिक प्रणाली को अस्तित्व में लाए थे मौलाना आजाद.

एक युवा के रूप में, वह साहित्य, दर्शन, धर्म और पत्रकारिता में रुचि रखते थे. महात्मा गांधी से परिचित होने के बाद, आजाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए. वे 15 अगस्त, 1947 से 2 फरवरी, 1958 तक देश के शिक्षा मंत्री रहे. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य भी रहे. वे 1923 में 35 वर्ष की आयु में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे सबसे युवा अध्यक्ष बने. उन्होंने असहयोग आन्दोलन, स्वदेशी आन्दोलन, धरसना सत्याग्रह तथा भारत छोड़ो आन्दोलनों में हिस्सा लिया तथा देश की स्वतंत्रता के लिए सक्रिय होकर कार्य किया.

देश के पहले शिक्षा मंत्री
1947 में जब भारत को आजादी मिली पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनीं तो आजाद को देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. वह एक राष्ट्रीय शैक्षिक प्रणाली की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे.उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों को शिक्षित करने और लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने पर विशेष जोर दिया.

ये भी पढ़ें:-एटा: जुलूस-ए-मोहम्मदी में दिया गया 'पानी बचाओ, बेटी बचाओ' का संदेश

मुफ्त प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत
मौलाना अबुल कलाम आजाद ने मुफ्त प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों जैसे IIT की स्थापना की. उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है.

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत
मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को पहचानने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत की गई. इस दिन पूरे भारत में स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों और छात्रों को इस अवसर पर विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें:- आगरा: राम मंदिर के लिए सोने की ईंट देगा मुगल शासक का वंशज

दो पत्रिकाओं का किया संपादन

मौलाना अबुल कलाम आजाद ने मुसलमानों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए अल हिलाल नाम से एक साप्ताहिक उर्दू पत्रिका प्रारम्भ की. जिसने हिंदू मुसलमानों के बीच के मनमुटाव को दूर करने का काम किया. गरम दल के विचारों को हवा देने का अल हिलाल मुख्य पत्र बन गया था,जिसे सरकार ने साल 1914 में अलगाववादी विचारों को फैलाने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था. आजाद ने तब हिन्दू-मुस्लिम एकता पर आधारित भारतीय राष्ट्रवाद और क्रांतिकारी विचारों के प्रचार के लक्ष्य के साथ एक और साप्ताहिक पत्रिका ‘अल बलाघ’ शुरू की. साल1916 में सरकार ने इस पत्रिका पर भी प्रतिबंध लगा दिया.

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) रिपोर्ट 2019

  • इस सर्वेक्षण में देश में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों को शामिल किया गया है, जो AISHE पोर्टल www.aishe.gov.in में AISHE कोड के साथ पंजीकृत है.
  • संस्थानों को 3 व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है.
  • इसमें विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्टैंड-अलोन संस्थान शामिल हैं.
  • एआईएसएचई वेब पोर्टल पर 993 विश्वविद्यालय, 39931 कॉलेज और 10725 स्टैंड अलोन संस्थान सूचीबद्ध हैं.
  • 385 विश्वविद्यालयों को निजी तौर पर प्रबंधित किया जाता है.
  • 394 विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं.
  • 60.53% कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं,जिनमें 11.04% कॉलेज विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं.
  • उच्च शिक्षा में कुल 47,427 विदेशी छात्र नामांकित हैं.

2018 में शिक्षा की गुणवत्ता पर ASER की रिपोर्ट

कक्षा 5 के मात्र 50.3 प्रतिशत विद्यार्थी ही कक्षा 2 की किताब पढ़ पाते हैं.
केरल में इन छात्रों की किताबें पढ़ने की क्षमता में 10 प्रतिशत की वृद्धि, वहीं 2016 में ओडिश, छत्तीसगढ़ में 7 प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश में 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है..
पिछले पांच सालों में निजी स्कूलों में 6-14 वर्ष के बच्चों का दाखिला 30 प्रतिशत बढ़ा है.

ये भी पढें:-हाथरस में सड़क का नाम रखा गया 'शहीद वीर अब्दुल हमीद मार्ग'

द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020

भारत ने द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 में भारत ने महत्वपूर्ण रूप से छलांग लगाई है. हालांकि 2012 के बाद पहली बार एक भी भारतीय विश्वविद्यालय ने शीर्ष 300 की सूची में जगह नहीं बनाई. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ ने टॉप 350 में जगह बनाई है. पिछले साल 49 भारतीय संस्थान शामिल थे. वहीं इस साल 56 संस्थानों को जगह मिली है.

भारत का अनुसंधान एवं विकास व्यय

भारत के निवेश में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है. हालांकि यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक अंश है. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 0.6% से 0.7% पर स्थिर बना हुआ है. यह अमेरिका (2.8), चीन (2.1), इजरायल (4.3) और कोरिया (4.2) जैसे देशों के खर्च से नीचे है.

भारत की ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग
शैक्षिक सांख्यिकी 2018 एक नजर
प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों की संख्या (साक्षार भारत)

वर्ष महिला पुरूष कुल
2016-17 13,226,056 6,057,019 19,283,075
2015-16 13,397,738 5,840,589 19,238,327
2014-15 7,607,631 3,082,314 10,689,945
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SAURABH THE GREAT


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