देहरादून: प्रदेश भर से आई सैकड़ों भोजन माताओं ने स्थायी नियुक्ति और वेतन वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया. जहां पहले से मौजूद भारी पुलिस बलों द्वारा सचिवालय से पहले ही उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. ऐसे में पुलिस के रवैये और सरकार से नाराज भोजन माताएं सड़क पर ही बैठ गई. इस दौरान प्रदर्शकारी भोजन माताओं की आंखों में आंसू भी छलक उठे.
वहीं, प्रदर्शन के दौरान भोजन माताओं ने प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है. इस मौके पर प्रगतिशील भोजन माता संगठन की अध्यक्ष अंशी देवी ने कहा कि पूरे प्रदेश में सत्ताइस हजार भोजन माताएं हैं. जो विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. जिनमें से कई बीते अठ्ठारह सालों से अपनी सेवाएं दे रही है. उनसे खाना बनाने के अतिरिक्त स्कूल की साफ-सफाई, जंगलों से लकड़ी लाना जैसे कार्य भी करवाए जाते हैं. साथ ही मना करने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा नौकरी से निकालने की धमकी भी दी जाती है.
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अंशी देवी ने कहा कि अधिकांश भोजन माताएं गरीब परिवार से हैं. जिनपर अपने परिवार की समूची जिम्मेदारी है. इनमें से कुछ भोजन माताएं विधवा है, जो अपना गुजारा दो हजार रुपयों में कर रही हैं. ऐसे में बढ़ती महंगाई में दो हजार रुपयों में गुजारा करना उनके लिए बेहद मुश्किल है. उन्होंने कहा कि भोजन माताएं पहले भी कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे चुकी हैं. किंतु सरकार भोजन माताओं की लगातार अनदेखी कर रही है. ऐसे में अब भोजनमाताओं ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.