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अगर आप व्हाट्सएप चलाते हैं तो हो जाएं सावधान, ये खबर आपके लिए है - Dehradun Cybercrime News

स्मार्टफोन ने जिंदगी जितनी आसान बना दी है, उससे जुड़े एप साइबर ठगों के लिए लोगों के अकाउंट खाली करने का जरिया भी बन रहे हैं. इन दिनों व्हाट्सएप से भी ठगी होने लगी है. थोड़ी सी सावधानी से आप साइबर ठगों के जाल से बच सकते हैं.

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व्हाट्सएप से ठगी
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Published : Jan 7, 2021, 2:52 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 5:50 PM IST

देहरादून: आज के इस आधुनिक युग में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाला लगभग सभी व्यक्ति व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं. व्हाट्सएप के माध्यम से हम ना सिर्फ चैट कर सकते हैं बल्कि फ्री में वॉइस कॉल और वीडियो कॉल भी कर सकते हैं. लेकिन यह व्हाट्सएप जितना फायदेमंद है, उससे अधिक कई बार नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. जी हां, अगर आप भी व्हाट्सएप चलाते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है. आपकी छोटी सी लापरवाही का फायदा उठाकर साइबर ठग आपका व्हाट्सएप हैक कर सकते हैं. जिसका खामियाजा आपके जानकारों और रिश्तेदारों को भुगतना पड़ सकता है.

जानिए आखिर क्यों, किस तरह से व्हाट्सएप हैकिंग कर लोगों से ठगी की जा रही है. किस तरह से खुद को इस ठगी से बचा सकते हैं. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

सावधान होकर करें व्हाट्सएप का इस्तेमाल.

साइबर अपराधियों का नया हथियार है व्हाट्सएप

देश दुनिया में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है. जहां एक ओर साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फोन कॉल, सोशल एप्स, सोशल साइट्स आदि के माध्यम से लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे हैं तो वहीं, इन सब तरीकों के साथ ही साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को अपना ठगी का शिकार बना रहे हैं. जी हां, साइबर क्राइम जगत में एक ऐसा ही नया साइबर अपराध सामने आया है, जिसमें साइबर ठग मुख्य रूप से व्हाट्सएप हैकिंग के माध्यम से लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें शिकायत, वापस मिल सकती है राशि

थर्ड पार्टी एप हैं खतरनाक

साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए साइबर ठग, आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने लगे हैं. हमारी सुविधा के लिए जैसे जैसे नए-नए एप्लीकेशंस विकसित हो रहे हैं, तो वहीं यह एप्लीकेशन कई बार नुकसानदायक भी साबित हो जाते हैं. वर्तमान समय में एप स्टोर पर ऐसे तमाम थर्ड पार्टी एप मौजूद हैं जिनके माध्यम से किसी के भी व्हाट्सएप को हैक किया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए जिस व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक करना है उसके फोन की जरूरत होगी. लेकिन इससे उलट साइबर ठग इससे भी आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि दूर बैठे किसी भी व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक किया जा सके. फिर व्हाट्सएप हैक कर उनके रिश्तेदारों से पैसे मांगे जाते हैं. कुल मिलाकर देखें तो लोगों को सतर्क और जागरूक रहने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि किस तरह से उनके साथ साइबर अपराध हो सकता है और वह अनजाने में साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं.

Fraud from Phishing Link
कॉल फॉरवर्ड से ठगी

ठग ऐसे करते हैं व्हाट्सएप हैकिंग

कॉल फारवर्ड प्रक्रिया

इन दिनों साइबर ठग, व्हाट्सएप हैक करने के लिए एक लंबे प्रोसेस का प्रयोग करते हैं. इसमें सबसे पहले जिस व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक करना होता है उसको लॉटरी जैसे तमाम ऐसे प्रलोभन देते हैं, जिसके जरिए उसे अपने झांसे में लिया जा सके. उस व्यक्ति को झांसे में लेने के बाद ठग, उसे एक नंबर देते हैं जो स्टार (*) से शुरू होता है और हैस (#) पर खत्म होता है. यह नंबर देने के बाद ठग, इस पर कॉल करने को कहता है. ऐसे में अगर व्यक्ति इस नंबर पर कॉल कर देता है तो उस व्यक्ति के फोन पर आने वाले सभी कॉल साइबर ठग के नंबर पर फॉरवर्ड हो जाते हैं. इसके बाद फिर साइबर ठग अपने फोन में नया व्हाट्सएप इंस्टॉल कर उस व्यक्ति के नंबर से व्हाट्सएप चलाने लग जाता है. यानी उस व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक हो जाता है.

Fraud from Phishing Link
क्यूआर कोड से ठगी

क्यूआर कोड प्रक्रिया

इन दिनों प्ले स्टोर पर व्हाट्सएप क्यूआर कोड जनरेट करने के लिए तमाम एप्स मौजूद हैं. इसका इस्तेमाल कर साइबर ठग व्हाट्सएप हैक करने के लिए क्यूआर कोड भेजता है. क्यूआर कोड भेजकर उसे स्कैन करने के लिए कहता है. जैसे ही कोई व्यक्ति उस क्यूआर कोड को अपने व्हाट्सएप से स्कैन करता है उसके बाद ही उस व्यक्ति का व्हाट्सएप, ठग के फोन में भी एक्टिव हो जाता है. क्योंकि इन दिनों whatsapp web का हम आम तौर पर इस्तेमाल करते हैं इसका इस्तेमाल हम अपने लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप में व्हाट्सएप एक्सेस लेने के लिए करते हैं. इसी whatsapp web का प्रयोग कर ठग आपके व्हाट्सएप की कॉपी अपने फोन में बना लेता है. फिर आपके फोन की सारी जानकारियां उस तक पहुंच जाती हैं.

Fraud from Phishing Link
फिशिंग लिंक से ठगी

फिशिंग लिंक प्रक्रिया

इंटरनेट पर कोई भी चीज सर्च करने या फिर किसी भी वेबसाइट को देखने पर हमें तमाम तरह के विज्ञापन सामने नजर आते हैं. हालांकि उसमें से कुछ विज्ञापन सही होते हैं तो कुछ विज्ञापन लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाने के लिए डाले जाते हैं. मुख्य रूप से देखें तो लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए ठग अच्छे-अच्छे ऑफर्स का विज्ञापन देते हैं. इसमें कोई महंगी चीज सस्ती या फिर लॉटरी लगने जैसी स्कीम होती है. इसके साथ ही व्हाट्सएप पर अमूमन ऐसे लिंक लोगों द्वारा भेजे जाते हैं जिसमें किसी स्कीम के बारे में जानकारी दी जाती है. ऐसे लिंक पर क्लिक करने के बाद ही उसमें आपके बैंक खाते या फिर अकाउंट संबंधी जानकारियां मांगी जाती है. इसकी जानकारी देने पर आपका व्हाट्सएप सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाता है या फिर आपके बैंक खाते संबंधी सारी जानकारियां उसके पास पहुंच जाती हैं.

ये भी पढ़ें: सावधान ! कोराना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर ठगी

व्हाट्सएप हैक कर लोगों से मांगते हैं पैसा

साइबर ठग लोगों का व्हाट्सएप हैक करने के लिए तमाम तरीके अपनाते हैं और जब वह व्हाट्सएप हैक कर लेते हैं तो उसके बाद से शुरू होती है ठगी करने की प्रक्रिया. जी हां, व्हाट्सएप हैक करने के बाद ठग के पास उस व्यक्ति के रिश्तेदारों और जानकारों के नंबर आ जाते हैं. फिर ठग, उस व्यक्ति के रिश्तेदारों और जानकारों को मैसेज कर पैसे मांगता है. हालांकि इसके लिए साइबर ठग तमाम तरह के हथकंडे अपनाते हैं जिसमें वह अपनी कोई बड़ी समस्या या फिर पैसे की तत्काल जरूरत आदि तमाम ऐसे बहाने बताते हैं जिससे सामने वाला व्यक्ति पैसे दे देता है. फिर साइबर ठगी का शिकार हो जाता है.

मयंक का व्हाट्सएप हुआ हैक, रिश्तेदार हुए परेशान

राजधानी देहरादून में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें देहरादून निवासी मयंक सिंह (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में सूचना दी कि किसी व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर मैसेज कर इसके रिश्तेदार से पैसे ले लिए हैं. अब रिश्तेदार उस पैसे की मांग कर रहा है जबकि इसने अपने रिश्तेदार से पैसे लिए ही नहीं. मामला नया होने के चलते पहले तो पुलिस अधिकारियों को भी समझने में समय लगा. जांच में पता चला कि व्हाट्सएप हैक कर इस घटना को अंजाम दिया गया है.

दरअसल हुआ यूं कि कुछ दिन पहले मयंक को एक व्यक्ति का कॉल आया था जिसमें व्यक्ति ने मयंक को लॉटरी लगने की सूचना दी. फिर लॉटरी के पैसे को लेने के लिए प्रोसेसिंग फीस जमा करने की बात कही. जब मयंक ने पैसे देने से मना कर दिया तो फिर व्यक्ति ने एक क्यूआर कोड भेजा जिसे whatsapp web के जरिए स्कैन करने की बात कही. मयंक ने बिना जाने बूझे क्यूआर कोड को व्हाट्सएप से स्कैन कर दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि उस व्यक्ति के फोन में भी मयंक का व्हाट्सएप एक्टिव हो गया. यानी, मयंक के व्हाट्सएप में जो भी मैसेज या उसके फोन में जो भी कांटेक्ट सेव हैं उसे अब वह व्यक्ति भी देख सकता था.

ये भी पढ़ें: साइबर ठग खबरदार ! अब इंस्पेक्टर हैं तैयार

मयंक का व्हाट्सएप है हो गया है इसकी जानकारी खुद मयंक को नहीं थी. जिसके कुछ दिनों बाद ही मयंक के एक रिश्तेदार ने फोन कर 10 हजार रुपये वापस मांगे. इस पर मयंक चौक गया कि आखिर उसने अपने इस रिश्तेदार से पैसे कब लिए. यही नहीं, इसके बाद फिर कुछ जानकारों का भी फोन आया कि आपको पैसे की क्यों जरूरत है. ऐसे में मयंक परेशान हो गया कि उसने किसी को पैसे के लिए जब व्हाट्सएप पर मैसेज ही नहीं किया, तो लोग उसे क्यों फोन कर पूछ रहे हैं. ऐसे में जब उसे साइबर क्राइम की जानकारी लगी तो वह तत्काल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचा. मयंक ने पुलिस अधिकारियों को पूरी बात बताई.

जब मयंक का व्हाट्सएप जांचा गया तो पता चला कि उसका व्हाट्सएप किसी व्यक्ति द्वारा हैक कर लिया गया है. उसी व्यक्ति द्वारा मयंक के रिश्तेदारों और जानकारों को मैसेज कर पैसे मांगे जा रहे हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन मयंक के व्हाट्सएप हैक को डिएक्टिवेट कर जिन नंबरों से मयंक को फोन आया था और जिस खाते में पैसे मंगाए गए थे उन सभी की जांच करने में जुट गयी है.

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

देहरादून: आज के इस आधुनिक युग में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाला लगभग सभी व्यक्ति व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं. व्हाट्सएप के माध्यम से हम ना सिर्फ चैट कर सकते हैं बल्कि फ्री में वॉइस कॉल और वीडियो कॉल भी कर सकते हैं. लेकिन यह व्हाट्सएप जितना फायदेमंद है, उससे अधिक कई बार नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. जी हां, अगर आप भी व्हाट्सएप चलाते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है. आपकी छोटी सी लापरवाही का फायदा उठाकर साइबर ठग आपका व्हाट्सएप हैक कर सकते हैं. जिसका खामियाजा आपके जानकारों और रिश्तेदारों को भुगतना पड़ सकता है.

जानिए आखिर क्यों, किस तरह से व्हाट्सएप हैकिंग कर लोगों से ठगी की जा रही है. किस तरह से खुद को इस ठगी से बचा सकते हैं. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

सावधान होकर करें व्हाट्सएप का इस्तेमाल.

साइबर अपराधियों का नया हथियार है व्हाट्सएप

देश दुनिया में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है. जहां एक ओर साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फोन कॉल, सोशल एप्स, सोशल साइट्स आदि के माध्यम से लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे हैं तो वहीं, इन सब तरीकों के साथ ही साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को अपना ठगी का शिकार बना रहे हैं. जी हां, साइबर क्राइम जगत में एक ऐसा ही नया साइबर अपराध सामने आया है, जिसमें साइबर ठग मुख्य रूप से व्हाट्सएप हैकिंग के माध्यम से लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें शिकायत, वापस मिल सकती है राशि

थर्ड पार्टी एप हैं खतरनाक

साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए साइबर ठग, आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने लगे हैं. हमारी सुविधा के लिए जैसे जैसे नए-नए एप्लीकेशंस विकसित हो रहे हैं, तो वहीं यह एप्लीकेशन कई बार नुकसानदायक भी साबित हो जाते हैं. वर्तमान समय में एप स्टोर पर ऐसे तमाम थर्ड पार्टी एप मौजूद हैं जिनके माध्यम से किसी के भी व्हाट्सएप को हैक किया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए जिस व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक करना है उसके फोन की जरूरत होगी. लेकिन इससे उलट साइबर ठग इससे भी आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि दूर बैठे किसी भी व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक किया जा सके. फिर व्हाट्सएप हैक कर उनके रिश्तेदारों से पैसे मांगे जाते हैं. कुल मिलाकर देखें तो लोगों को सतर्क और जागरूक रहने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि किस तरह से उनके साथ साइबर अपराध हो सकता है और वह अनजाने में साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं.

Fraud from Phishing Link
कॉल फॉरवर्ड से ठगी

ठग ऐसे करते हैं व्हाट्सएप हैकिंग

कॉल फारवर्ड प्रक्रिया

इन दिनों साइबर ठग, व्हाट्सएप हैक करने के लिए एक लंबे प्रोसेस का प्रयोग करते हैं. इसमें सबसे पहले जिस व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक करना होता है उसको लॉटरी जैसे तमाम ऐसे प्रलोभन देते हैं, जिसके जरिए उसे अपने झांसे में लिया जा सके. उस व्यक्ति को झांसे में लेने के बाद ठग, उसे एक नंबर देते हैं जो स्टार (*) से शुरू होता है और हैस (#) पर खत्म होता है. यह नंबर देने के बाद ठग, इस पर कॉल करने को कहता है. ऐसे में अगर व्यक्ति इस नंबर पर कॉल कर देता है तो उस व्यक्ति के फोन पर आने वाले सभी कॉल साइबर ठग के नंबर पर फॉरवर्ड हो जाते हैं. इसके बाद फिर साइबर ठग अपने फोन में नया व्हाट्सएप इंस्टॉल कर उस व्यक्ति के नंबर से व्हाट्सएप चलाने लग जाता है. यानी उस व्यक्ति का व्हाट्सएप हैक हो जाता है.

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क्यूआर कोड से ठगी

क्यूआर कोड प्रक्रिया

इन दिनों प्ले स्टोर पर व्हाट्सएप क्यूआर कोड जनरेट करने के लिए तमाम एप्स मौजूद हैं. इसका इस्तेमाल कर साइबर ठग व्हाट्सएप हैक करने के लिए क्यूआर कोड भेजता है. क्यूआर कोड भेजकर उसे स्कैन करने के लिए कहता है. जैसे ही कोई व्यक्ति उस क्यूआर कोड को अपने व्हाट्सएप से स्कैन करता है उसके बाद ही उस व्यक्ति का व्हाट्सएप, ठग के फोन में भी एक्टिव हो जाता है. क्योंकि इन दिनों whatsapp web का हम आम तौर पर इस्तेमाल करते हैं इसका इस्तेमाल हम अपने लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप में व्हाट्सएप एक्सेस लेने के लिए करते हैं. इसी whatsapp web का प्रयोग कर ठग आपके व्हाट्सएप की कॉपी अपने फोन में बना लेता है. फिर आपके फोन की सारी जानकारियां उस तक पहुंच जाती हैं.

Fraud from Phishing Link
फिशिंग लिंक से ठगी

फिशिंग लिंक प्रक्रिया

इंटरनेट पर कोई भी चीज सर्च करने या फिर किसी भी वेबसाइट को देखने पर हमें तमाम तरह के विज्ञापन सामने नजर आते हैं. हालांकि उसमें से कुछ विज्ञापन सही होते हैं तो कुछ विज्ञापन लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाने के लिए डाले जाते हैं. मुख्य रूप से देखें तो लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए ठग अच्छे-अच्छे ऑफर्स का विज्ञापन देते हैं. इसमें कोई महंगी चीज सस्ती या फिर लॉटरी लगने जैसी स्कीम होती है. इसके साथ ही व्हाट्सएप पर अमूमन ऐसे लिंक लोगों द्वारा भेजे जाते हैं जिसमें किसी स्कीम के बारे में जानकारी दी जाती है. ऐसे लिंक पर क्लिक करने के बाद ही उसमें आपके बैंक खाते या फिर अकाउंट संबंधी जानकारियां मांगी जाती है. इसकी जानकारी देने पर आपका व्हाट्सएप सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाता है या फिर आपके बैंक खाते संबंधी सारी जानकारियां उसके पास पहुंच जाती हैं.

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व्हाट्सएप हैक कर लोगों से मांगते हैं पैसा

साइबर ठग लोगों का व्हाट्सएप हैक करने के लिए तमाम तरीके अपनाते हैं और जब वह व्हाट्सएप हैक कर लेते हैं तो उसके बाद से शुरू होती है ठगी करने की प्रक्रिया. जी हां, व्हाट्सएप हैक करने के बाद ठग के पास उस व्यक्ति के रिश्तेदारों और जानकारों के नंबर आ जाते हैं. फिर ठग, उस व्यक्ति के रिश्तेदारों और जानकारों को मैसेज कर पैसे मांगता है. हालांकि इसके लिए साइबर ठग तमाम तरह के हथकंडे अपनाते हैं जिसमें वह अपनी कोई बड़ी समस्या या फिर पैसे की तत्काल जरूरत आदि तमाम ऐसे बहाने बताते हैं जिससे सामने वाला व्यक्ति पैसे दे देता है. फिर साइबर ठगी का शिकार हो जाता है.

मयंक का व्हाट्सएप हुआ हैक, रिश्तेदार हुए परेशान

राजधानी देहरादून में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें देहरादून निवासी मयंक सिंह (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में सूचना दी कि किसी व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर मैसेज कर इसके रिश्तेदार से पैसे ले लिए हैं. अब रिश्तेदार उस पैसे की मांग कर रहा है जबकि इसने अपने रिश्तेदार से पैसे लिए ही नहीं. मामला नया होने के चलते पहले तो पुलिस अधिकारियों को भी समझने में समय लगा. जांच में पता चला कि व्हाट्सएप हैक कर इस घटना को अंजाम दिया गया है.

दरअसल हुआ यूं कि कुछ दिन पहले मयंक को एक व्यक्ति का कॉल आया था जिसमें व्यक्ति ने मयंक को लॉटरी लगने की सूचना दी. फिर लॉटरी के पैसे को लेने के लिए प्रोसेसिंग फीस जमा करने की बात कही. जब मयंक ने पैसे देने से मना कर दिया तो फिर व्यक्ति ने एक क्यूआर कोड भेजा जिसे whatsapp web के जरिए स्कैन करने की बात कही. मयंक ने बिना जाने बूझे क्यूआर कोड को व्हाट्सएप से स्कैन कर दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि उस व्यक्ति के फोन में भी मयंक का व्हाट्सएप एक्टिव हो गया. यानी, मयंक के व्हाट्सएप में जो भी मैसेज या उसके फोन में जो भी कांटेक्ट सेव हैं उसे अब वह व्यक्ति भी देख सकता था.

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मयंक का व्हाट्सएप है हो गया है इसकी जानकारी खुद मयंक को नहीं थी. जिसके कुछ दिनों बाद ही मयंक के एक रिश्तेदार ने फोन कर 10 हजार रुपये वापस मांगे. इस पर मयंक चौक गया कि आखिर उसने अपने इस रिश्तेदार से पैसे कब लिए. यही नहीं, इसके बाद फिर कुछ जानकारों का भी फोन आया कि आपको पैसे की क्यों जरूरत है. ऐसे में मयंक परेशान हो गया कि उसने किसी को पैसे के लिए जब व्हाट्सएप पर मैसेज ही नहीं किया, तो लोग उसे क्यों फोन कर पूछ रहे हैं. ऐसे में जब उसे साइबर क्राइम की जानकारी लगी तो वह तत्काल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचा. मयंक ने पुलिस अधिकारियों को पूरी बात बताई.

जब मयंक का व्हाट्सएप जांचा गया तो पता चला कि उसका व्हाट्सएप किसी व्यक्ति द्वारा हैक कर लिया गया है. उसी व्यक्ति द्वारा मयंक के रिश्तेदारों और जानकारों को मैसेज कर पैसे मांगे जा रहे हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन मयंक के व्हाट्सएप हैक को डिएक्टिवेट कर जिन नंबरों से मयंक को फोन आया था और जिस खाते में पैसे मंगाए गए थे उन सभी की जांच करने में जुट गयी है.

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

Last Updated : Jan 7, 2021, 5:50 PM IST
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