देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसव पीड़ित महिलाओं को लेकर बेड बढ़ाने की तैयारी चल रही है. अस्पताल में एक ही बेड पर दो महिलाओं को अलॉट करना पड़ रहा था, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने गर्भवती महिलाओं के लिए नए वार्ड के साथ ही बेड बढ़ाने का निर्णय लिया है.
अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक रोजाना करीब 25 से 30 गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए दून अस्पताल आती हैं. गर्भवती महिलाओं को एवरेज ड्यूरेशन में चार से पांच दिन अस्पताल में एडमिट रखा जाता है. उन्होंने बताया कि नॉर्मल डिलीवरी की स्थिति में महिला को तीन से चार दिन, जबकि सिजेरियन सेक्शन की अवस्था में 5 से 7 दिन एडमिट किया जाता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में 7 से 8 सिजेरियन सेक्शन होते हैं, बाकी करीब 20 महिलाओं की रोजाना नॉर्मल डिलीवरी की जाती है.
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डॉ. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि यदि प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव की सुविधा मिल जाए तो दून अस्पताल में मरीजों का दबाव कम हो जाएगा. अन्य अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव के चलते मरीज दून अस्पताल आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि बेड की कमी को देखते हुए नए वार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है. आने वाले दिनों में गर्भवती महिलाओं के लिए एक्स्ट्रा बेड की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. डॉ अग्रवाल का कहना है कि अस्पताल में बिना रेफर किए मरीज पहुंच जाते हैं.उनको अस्पताल की ओर से समुचित उपचार दिए जाने की पूरी कोशिश की जाती है.
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उन्होंने बताया कि एक ही बेड दो महिलाओं को अलॉट करने से इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में इस ओर पूरे सिस्टम का ध्यान केंद्रित है और जल्द ही गर्भवती महिलाओं के लिए नए वार्ड और एक्स्ट्रा बेड की सुविधा मुहैया करा दी जाएगी. अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक हॉस्पिटल में इमरजेंसी बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर भी करीब 10 बेड लगाए जाएंगे. यह भी निर्णय लिया गया है कि ओटी एंड इमरजेंसी ब्लॉक के पहले फ्लोर पर भी फ्री डिलीवरी वाली महिलाओं के लिए बेड बढ़ाए जाएंगे.महिलाओं को सुविधा देने के उद्देश्य से गैलरी में कुछ कुर्सियां भी लगाई जाएगी.