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निजी अस्पताल बने मानवता के हत्यारे, सड़क पर तड़प रहे गरीब, रसूखदारों के लिए बेड रिजर्व

सूत्रों के मुताबिक राजधानी देहरादून में कई अस्पताल ऐसे हैं, जो फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती कर रहे हैं. ताकि बेड की संख्या को फुल दिखाया जा सके और बाद में उन्हें मोटे मुनाफे पर रसूखदार को दिया जा सके.

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Published : May 8, 2021, 4:46 PM IST

Updated : May 8, 2021, 5:35 PM IST

इंसानियत की 'सौदबाजी'
इंसानियत की 'सौदबाजी'

देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर कितनी घातक साबित हो रही है, इसकी तस्दीक खुद कोरोना के बढ़ते आंकड़े और मौत की संख्या बता रही है. एक तरफ जहां मरीज हॉस्पिटल में बेड की कमी से सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इंसानियत के विलेन मजबूरों से जिंदगी का सौदा करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इंसानियत की सौदबाजी करने वाले ऐसे सौदागरों पर भी अब पुलिस-प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.

निजी अस्पताल बने मानवता के हत्यारे.

दरअसल, सूत्रों से कुछ इस तरह की जानकारी मिली है कि राजधानी देहरादून में कई अस्पताल ऐसे हैं, जो फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती कर रहे हैं. ताकि बेड की संख्या को फुल दिखाया जा सके. जब कोई रसूखदार बड़ा आदमी अस्पतालों में बेड की मांग करता है तो ऐसे में अस्पताल फर्जी तरीके से भर्ती हुए मरीजों को डिस्चार्ज कर देते हैं. उसकी दूसरे मरीज को बेड दे देते हैं. इस तरह प्राइवेट हॉस्पिटल बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. हालांकि अब पुलिस-प्रशासन ने मानवता के इन गिद्दों पर नजर रखनी शुरू कर दी है.

पढ़ें- घरवालों ने छोड़ा साथ, पुलिस ने संक्रमित को डोली पर बिठाकर 2 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

डीजीपी अशोक कुमार की मानें तो यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कालाबाजारी और अस्पतालों की मनमानी को रोकने के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. कोई यदि इन नंबरों पर सूचना देता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं शिकायत करने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. जिसके लिए कई टीमों को तैनात किया हुआ है.

पुलिस के अलावा प्रशासन भी अपने स्तर पर ऐसा लोगों पर निगरानी रख रहा है. जिलाधिकारी ने कई टीमों का गठन किया है, जो लगातार हॉस्पिटलों में जाकर छापेमारी कर रही हैं. अगर कहीं भी कुछ ऐसी गड़बड़ी मिलती है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा रही है.

देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर कितनी घातक साबित हो रही है, इसकी तस्दीक खुद कोरोना के बढ़ते आंकड़े और मौत की संख्या बता रही है. एक तरफ जहां मरीज हॉस्पिटल में बेड की कमी से सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इंसानियत के विलेन मजबूरों से जिंदगी का सौदा करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इंसानियत की सौदबाजी करने वाले ऐसे सौदागरों पर भी अब पुलिस-प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.

निजी अस्पताल बने मानवता के हत्यारे.

दरअसल, सूत्रों से कुछ इस तरह की जानकारी मिली है कि राजधानी देहरादून में कई अस्पताल ऐसे हैं, जो फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती कर रहे हैं. ताकि बेड की संख्या को फुल दिखाया जा सके. जब कोई रसूखदार बड़ा आदमी अस्पतालों में बेड की मांग करता है तो ऐसे में अस्पताल फर्जी तरीके से भर्ती हुए मरीजों को डिस्चार्ज कर देते हैं. उसकी दूसरे मरीज को बेड दे देते हैं. इस तरह प्राइवेट हॉस्पिटल बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. हालांकि अब पुलिस-प्रशासन ने मानवता के इन गिद्दों पर नजर रखनी शुरू कर दी है.

पढ़ें- घरवालों ने छोड़ा साथ, पुलिस ने संक्रमित को डोली पर बिठाकर 2 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

डीजीपी अशोक कुमार की मानें तो यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कालाबाजारी और अस्पतालों की मनमानी को रोकने के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. कोई यदि इन नंबरों पर सूचना देता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं शिकायत करने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. जिसके लिए कई टीमों को तैनात किया हुआ है.

पुलिस के अलावा प्रशासन भी अपने स्तर पर ऐसा लोगों पर निगरानी रख रहा है. जिलाधिकारी ने कई टीमों का गठन किया है, जो लगातार हॉस्पिटलों में जाकर छापेमारी कर रही हैं. अगर कहीं भी कुछ ऐसी गड़बड़ी मिलती है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : May 8, 2021, 5:35 PM IST
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