ETV Bharat / state

देहरादून के वेल्हम स्कूल पर हलाल मीट परोसने का आरोप, बजरंग दल ने किया प्रदर्शन - देहरादून न्यूज

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वेल्हम बॉयज स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया है. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्कूल के मेस में हलाल मीट परोसा जाता है. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली डालनवाला में तहरीर दी है.

Dehradun
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Jun 29, 2021, 4:31 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 7:37 PM IST

देहरादून: बजरंग दल कार्यकर्ताओं का राजधानी दून के वेल्हम बॉयज स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला है. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्कूल के मेस में हलाल मीट परोसा जाता है. इसे लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के गेट के बाहर एकत्रित होकर विरोध-प्रदर्शन किया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से वार्ता करने पहुंचे स्कूल के उप प्रधानाचार्य महेश कांडपाल ने बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल 29 जुलाई को आएंगी. उसके बाद आगे की वार्ता की जाएगी. वहीं, बजरंग दल के विभाग संयोजक विकास वर्मा का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से हलाल मीट और पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति के लिए टेंडर नोटिस जारी किए गए थे, जिसका बजरंग दल कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं.

वेल्हम स्कूल पर हलाल मीट परोसने का आरोप.

बजरंग दल के लोगों का आरोप है कि वेल्हम बॉयज स्कूल में एक धर्म विशेष के खाने को वरीयता दी जा रही है. जिसको लेकर स्कूल प्रशासन द्वारा बाकायदा सप्लाई के लिए टेंडर भी जारी किया गया था. टेंडर में स्पष्ट तौर से एक धर्म विशेष के खाने को बढ़ावा देने वाले शब्द का प्रयोग किया गया है. इसके अलावा डालनवाला थाने में बजरंग दल संगठन की ओर से एक मुकदमे की तहरीर स्कूल प्रशासन के लिए दी गई.

Dehradun
स्कूल का हलाल मीट को लेकर जारी टेंडर.

ये भी पढ़ें: वन्यजीव प्रेमियों को गैंडा देखने के लिए करना होगा इंतजार, ठंडे बस्ते में 'राइनो प्रोजेक्ट'

वहीं, वाइस प्रिंसिपल से हुई वार्ता से संतोषजनक आश्वासन नहीं मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ता कोतवाली डालनवाला पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी है और स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने SDM के माध्यम से सीएम तीरथ और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा है.

Dehradun
वेल्हम स्कूल पर हलाल मीट परोसने का आरोप.

बजरंग दल कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वेल्हम बॉयज स्कूल में हलाल मांस देने की अनिवार्यता रखी गई है, जो पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के 2015 में जारी किए गए उस नोटिफिकेशन का उल्लंघन हैं, जिसमें हलाल शब्द का उपयोग गैरकानूनी बताया गया है.

बजरंग दल के नेता विकास वर्मा का कहना है कि देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल में सभी संप्रदाय के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. लेकिन स्कूल प्रबंधक धर्मांतरण की लालसा से स्कूल की कैंटीन में हलाल मीट परोसने के लिए टेंडर जारी किया है. जिससे छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों के साथ-साथ हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचा है. बजरंग दल ने तत्काल स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

Dehradun
हंगामा करते बजरंग दल के कार्यकर्ता.

स्कूल प्रशासन की सफाई

पूरे मामले में स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल ने केवल एक धर्म विशेष से जुड़े मांस को लेकर टेंडर नहीं निकाला है. बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए विकल्प की उपलब्धता रखी है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वेल्हम बॉयज स्कूल के वॉइस प्रिंसिपल महेश कांडपाल ने बताया कि स्कूल प्रशासन द्वारा हलाल मीट के लिए अलग से टेंडर निकाला गया है और झटका मीट के लिए भी अलग से टेंडर जारी किया जाता है. हालांकि जब ईटीवी भारत ने उनसे दोनों टेंडर पत्र उपलब्ध कराने की बात कही तो उनके द्वारा टेंडर पत्र उपलब्ध नहीं करवाए गए.

क्या है हलाल मीट

हलाल में जानवर के शरीर से खून का अंतिम कतरा निकलने तक उसका जिंदा रहना जरूरी होता है. यह ‘झटका’ की तुलना में काफी दर्दनाक है. हलाल विधि में जानवर की गर्दन को थोड़ा सा काटकर एक टब में छोड़ देते हैं. ऐसा करने से जानवर की धीरे-धीरे खून बहने से तड़प-तड़प कर मौत हो जाती है. मुस्लिम समुदाय के लोग हलाल मीट खाते हैं.

क्या है झटका मीट

झटका विधि में जानवर को एक झटके में काट दिया जाता है. इस कारण उसकी तुरंत मौत हो जाती है. इसके पीछे ये मान्यता है कि जानवर को ज्यादा तड़पना नहीं पड़ता है. मांसाहार करने वाले हिंदू और सिख समुदाय के लोग 'झटका' मीट खाते हैं.

वेल्हम बॉयज स्कूल

वेल्हम बॉयज स्कूल देहरादून में स्थित है. इस स्कूल की स्थापना 1937 में की गई थी. ये सीबीएसई से संबद्ध है. ये लड़कों का आवासीय विद्यालय है. ये विद्यालय हिमालय की तलहटी में 30 एकड़ क्षेत्र में बना है. यहां देश-विदेश के अलग-अलग पृष्ठभूमि के छात्र पढ़ते हैं. 2019 में इसे एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग में देश के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूलों में स्थान मिला था.

इस विद्यालय से पढ़ीं बड़ी हस्तियां

राजीव गांधी - पूर्व प्रधानमंत्री

संजय गांधी - राजनीतिज्ञ

नवीन पटनायक - मुख्यमंत्री ओडिशा

मणिशंकर अय्यर - पूर्व कैबिनेट मंत्री

शाद अली - फिल्म निर्देशक

जायेद खान - अभिनेता

जुबिन नौटियाल - बॉलीवुड सिंगर

मंसूर अली खान पटौदी - पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान

विक्रम सेठ - लेखक

वजाहत हबीबुल्लाह - भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त

देहरादून: बजरंग दल कार्यकर्ताओं का राजधानी दून के वेल्हम बॉयज स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला है. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्कूल के मेस में हलाल मीट परोसा जाता है. इसे लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के गेट के बाहर एकत्रित होकर विरोध-प्रदर्शन किया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से वार्ता करने पहुंचे स्कूल के उप प्रधानाचार्य महेश कांडपाल ने बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल 29 जुलाई को आएंगी. उसके बाद आगे की वार्ता की जाएगी. वहीं, बजरंग दल के विभाग संयोजक विकास वर्मा का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से हलाल मीट और पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति के लिए टेंडर नोटिस जारी किए गए थे, जिसका बजरंग दल कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं.

वेल्हम स्कूल पर हलाल मीट परोसने का आरोप.

बजरंग दल के लोगों का आरोप है कि वेल्हम बॉयज स्कूल में एक धर्म विशेष के खाने को वरीयता दी जा रही है. जिसको लेकर स्कूल प्रशासन द्वारा बाकायदा सप्लाई के लिए टेंडर भी जारी किया गया था. टेंडर में स्पष्ट तौर से एक धर्म विशेष के खाने को बढ़ावा देने वाले शब्द का प्रयोग किया गया है. इसके अलावा डालनवाला थाने में बजरंग दल संगठन की ओर से एक मुकदमे की तहरीर स्कूल प्रशासन के लिए दी गई.

Dehradun
स्कूल का हलाल मीट को लेकर जारी टेंडर.

ये भी पढ़ें: वन्यजीव प्रेमियों को गैंडा देखने के लिए करना होगा इंतजार, ठंडे बस्ते में 'राइनो प्रोजेक्ट'

वहीं, वाइस प्रिंसिपल से हुई वार्ता से संतोषजनक आश्वासन नहीं मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ता कोतवाली डालनवाला पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी है और स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने SDM के माध्यम से सीएम तीरथ और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा है.

Dehradun
वेल्हम स्कूल पर हलाल मीट परोसने का आरोप.

बजरंग दल कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वेल्हम बॉयज स्कूल में हलाल मांस देने की अनिवार्यता रखी गई है, जो पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के 2015 में जारी किए गए उस नोटिफिकेशन का उल्लंघन हैं, जिसमें हलाल शब्द का उपयोग गैरकानूनी बताया गया है.

बजरंग दल के नेता विकास वर्मा का कहना है कि देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल में सभी संप्रदाय के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. लेकिन स्कूल प्रबंधक धर्मांतरण की लालसा से स्कूल की कैंटीन में हलाल मीट परोसने के लिए टेंडर जारी किया है. जिससे छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों के साथ-साथ हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचा है. बजरंग दल ने तत्काल स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

Dehradun
हंगामा करते बजरंग दल के कार्यकर्ता.

स्कूल प्रशासन की सफाई

पूरे मामले में स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल ने केवल एक धर्म विशेष से जुड़े मांस को लेकर टेंडर नहीं निकाला है. बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए विकल्प की उपलब्धता रखी है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वेल्हम बॉयज स्कूल के वॉइस प्रिंसिपल महेश कांडपाल ने बताया कि स्कूल प्रशासन द्वारा हलाल मीट के लिए अलग से टेंडर निकाला गया है और झटका मीट के लिए भी अलग से टेंडर जारी किया जाता है. हालांकि जब ईटीवी भारत ने उनसे दोनों टेंडर पत्र उपलब्ध कराने की बात कही तो उनके द्वारा टेंडर पत्र उपलब्ध नहीं करवाए गए.

क्या है हलाल मीट

हलाल में जानवर के शरीर से खून का अंतिम कतरा निकलने तक उसका जिंदा रहना जरूरी होता है. यह ‘झटका’ की तुलना में काफी दर्दनाक है. हलाल विधि में जानवर की गर्दन को थोड़ा सा काटकर एक टब में छोड़ देते हैं. ऐसा करने से जानवर की धीरे-धीरे खून बहने से तड़प-तड़प कर मौत हो जाती है. मुस्लिम समुदाय के लोग हलाल मीट खाते हैं.

क्या है झटका मीट

झटका विधि में जानवर को एक झटके में काट दिया जाता है. इस कारण उसकी तुरंत मौत हो जाती है. इसके पीछे ये मान्यता है कि जानवर को ज्यादा तड़पना नहीं पड़ता है. मांसाहार करने वाले हिंदू और सिख समुदाय के लोग 'झटका' मीट खाते हैं.

वेल्हम बॉयज स्कूल

वेल्हम बॉयज स्कूल देहरादून में स्थित है. इस स्कूल की स्थापना 1937 में की गई थी. ये सीबीएसई से संबद्ध है. ये लड़कों का आवासीय विद्यालय है. ये विद्यालय हिमालय की तलहटी में 30 एकड़ क्षेत्र में बना है. यहां देश-विदेश के अलग-अलग पृष्ठभूमि के छात्र पढ़ते हैं. 2019 में इसे एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग में देश के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूलों में स्थान मिला था.

इस विद्यालय से पढ़ीं बड़ी हस्तियां

राजीव गांधी - पूर्व प्रधानमंत्री

संजय गांधी - राजनीतिज्ञ

नवीन पटनायक - मुख्यमंत्री ओडिशा

मणिशंकर अय्यर - पूर्व कैबिनेट मंत्री

शाद अली - फिल्म निर्देशक

जायेद खान - अभिनेता

जुबिन नौटियाल - बॉलीवुड सिंगर

मंसूर अली खान पटौदी - पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान

विक्रम सेठ - लेखक

वजाहत हबीबुल्लाह - भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त

Last Updated : Jun 29, 2021, 7:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.