देहरादून: एलोपैथी चिकित्सा पद्धति (allopathy medicine) को लेकर बाबा रामदेव (baba ramdev) ने जो बयान दिया था, वो मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बाबा ने अब ज्योतिष (astrology) को लेकर एक विवादित बयान (controversial statement) दे दिया. ऐसे में डॉक्टरों के साथ ज्योतिषाचार्यों ने भी बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बाबा रामदेव ने ज्योतिष को लेकर जो बयान दिया है, उस पर ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बात करते हुए ज्योतिषाचार्यों ने सनातन धर्म पर कुठाराघात बताया है. कुछ ज्योतिषियों ने यहां तक कहा है कि बाबा रामदेव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं या फिर उन्हें अहंकार आ गया है.
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दरअसल बाबा रामदेव ने एक कार्यक्रम में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के बाद ज्योतिष पर भी सवाल खड़े किए है. उन्होंने कहा है कि सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं, लेकिन ज्योतिषी काल, घड़ी और मुहूर्त के नाम पर लोगों को बनाते रहते हैं. बाबा रामदेव ने तो यहां तक कह दिया है कि ज्योतिषी कोई छोटी-मोटी इंडस्ट्री नहीं है, बल्कि ज्योतिषी एक लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्री है.
यही नहीं बाबा रामदेव ने अपने साधकों से बात करने के दौरान कहा कि ज्योतिष कुछ नहीं है, अगर ज्योतिष कुछ होता तो नोटबंदी, कोरोना संक्रमण और अब ब्लैक फंगस के बारे में पहले भविष्यवाणी क्यों नहीं की?
'बाबा रामदेव ज्योतिष की गहराई नहीं समझ सकते'
बाबा रामदेव के इस बयान के बाद ज्योतिषी भी उनके नाराज हो गए है. हरिद्वार के प्रमुख नारायण शिला मंदिर के ज्योतिष आचार्य मनोज ने ईटीवी भारत से बात करते कहा है कि हर 100 साल बाद दुनिया में महामारी देखने को मिल रही है. यही नहीं कोरोना संक्रमण को कृत्रिम रूप से बनाया गया है, ऐसे में ज्योतिष के माध्यम से इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. हालांकि अगर फंगस की बात करें तो फंगस हमेशा से ही समाज में रहा है और हमेशा यह हमारे बीच ही रहेगी. बाबा रामदेव को योग का अच्छा ज्ञान हो सकता है, लेकिन वे ज्योतिष की गहराई नहीं समझ सकते.
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'बाबा रामदेव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं'
ज्योतिष आचार्य मनोज ने कहा कि बाबा रामदेव आर्य समाज से ताल्लुक रखते है. आर्य समाज ज्योतिष को पाखंड समझता है. बाबा रामदेव जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि बाबा रामदेव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं या फिर उनमें अहंकार आ गया है. उनकी उपलब्धि में बहुत सारे लोगों का सहयोग रहा है, ऐसे में उन्हें सभी का सम्मान करना चाहिए.
ज्योतिष वेद का एक अंग
भारतीय प्राचविद्या सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ प्रतीक मिश्रपुरी ने बाबा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि ज्योतिष वेद का एक अंग है. ज्योतिष को वेद का नेत्र कहा गया है, ऐसे में जो व्यक्ति वेद को नहीं मानता है, उसे योगी या आत्मज्ञानी होने का दावा पेश नहीं करना चाहिए.
वेद का न मानना सनातन धर्म का अपमान
प्रतीक ने कहा कि वेद के 6 अंगों में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुप्त, छंद और ज्योतिष शामिल है. ज्योतिष वेद का छठवां अंग है और यह वेद का नेत्र कहा जाता है. ऐसे में जो व्यक्ति ज्योतिष को नहीं मानता है, वह सनातन धर्म का अपमान कर रहा है.
सनातन धर्म पर कुठाराघात
ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि ज्योतिष एक विज्ञान है. ऐसे में ज्योतिष को लेकर अगर कोई अनर्गल बात करता है तो वो देशभर में ज्योतिष को लेकर एक भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है. जोकि सनातन धर्म के खिलाफ है. साथ ही सुभाष जोशी ने बताया कि 64 विद्याओं में से ज्योतिष एक विद्या है. ज्योतिष एक प्रमाणिक विद्या है. ऐसे में ज्योतिष को लेकर इस तरह का बयानबाजी करना सनातन धर्म पर कुठाराघात करने जैसा है.
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रामदेव ने एलोपैथी पर दोबार साधा निशाना
एलोपैथी चिकित्सा पद्धति (allopathy medicine) को लेकर रामदेव ने जो सवाल खड़े किए है, उसकी चारों तरफ निंदा हो रही है. जगह-जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है. बावजूद इसके भी वो अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे है. रामदेव ने हाल में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति (allopathy medicine) को लेकर एक और विवादित बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि साधकों से बात करते हुए कहा है कि एलोपैथी में बहुत बड़ा घोटाला है, एलोपैथी को ड्रग माफिया, फार्मा माफिया, मेडिकल माफिया और मेडिकल टेररिज्म भी कहा जा सकता है, क्योंकि यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है. इससे वो अकेले संन्यासी लड़ेंगे, लेकिन अकेले बल पर नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों लोग उनके पीछे खड़े हैं. ऋषि मुनियों की ज्ञान और परंपरा भी उनके पीछे हैं.
रामदेव ने कहा कि पूरी दुनिया में एक बहुत बड़ा झूठ बोला गया है कि 'आर ए फैक्टर' ठीक नहीं हो सकता, जोकि एलोपैथी या फिर मॉडर्न मेडिकल साइंस का एक बड़ा झूठ है. क्योंकि लोगों के दिल और दिमाग में एक गलत बात बैठा दी गई कि आरए फैक्टर ठीक नहीं हो सकता, जो एक बहुत बड़ा अपराध है.