देहरादून: प्रदेश में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बुधवार को विधानसभा में होम्योपैथिक तथा आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवाओं के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कोविड-19 के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. जिसमें लोगों को आयुष किट प्रदान करने के साथ ही आयुष हेल्प डेस्क स्थापित करने पर भी चर्चा की गई.
बैठक के दौरान मंत्री ने होम्योपैथिक तथा आयुर्वेदिक विभागों के अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में लोगों को कोविड-19 से सम्बन्धित निःशुल्क सहायता देने, आयुष किट प्रदान करने तथा इससे सम्बन्धित लोगों की काउंसलिंग करने एवं जरूरी जानकारी प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से आयुष हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिये. साथ ही कहा कि इसके लिए दोनों विभागों को कुल 5 करोड़ 85 लाख रुपये की धनराशि सरकार द्वारा तत्काल अवमुक्त की गई है.
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आयुष हेल्प डेस्क के माध्यम से होम आइसोलेशन, विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार हेतु आने वाले आगन्तुकों तथा लोगों द्वारा डिमांड किये जाने पर 24 घंटे के भीतर आयुष चिकित्सा किट उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जायेगा. यह हेल्प डेस्क 24 घंटे कार्य करेगी. यहां पर आयुष चिकित्सक, सम्बन्धित स्टाफ के साथ उपस्थित रहेंगे. इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में मानक के अनुरूप आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक आयुष चिकित्सक उपलब्ध हो सकें, इसके लिए मंत्री ने तत्काल संविदा के माध्यम से चिकित्सकों की भर्ती कराने से सम्बन्धित प्रस्ताव बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिये.
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आयुष विभाग की बैठक में हर्रावाला में आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में 60 बेड को, कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. इसमें 20 आक्सीजन बेड रखे जायेंगे. इसके लिए सम्बन्धित कुलसचिव को तत्काल इससे सम्बन्धित प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी दिये. वहीं, मंत्री ने कहा कि आयुष विभाग के ऐसे चिकित्सक और विभिन्न कार्मिक जो विभिन्न तरीकों से कोविड-19 से सम्बन्धित लोगों के उपचार में लगे हैं, उनके जीवन बीमा से लेकर अन्य प्रकार की सुविधाएं एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति ही प्रदान की जायेंगी.
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आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा प्रत्येक जनपद में हेल्प डेस्क स्थापित करने से लेकर आयुर्वेदिक कोविड अस्पताल तथा विभिन्न क्षेत्रों में आयुष चिकित्सकों की तैनाती होने से एक और गांव में ही कोविड-19 की प्राथमिक चिकित्सा का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा. इससे मुख्य अस्पतालों में मरीजों का भार भी कम हो सकेगा. दूसरी ओर इससे कोविड-19 के उपचार में एलोपैथिक चिकित्सा पर बढ़ता दबाव भी कम हो सकेगा.