देहरादून/नई दिल्ली: एलोपैथी के इलाज पर टिप्पणी करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. ये शिकायत दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में दर्ज कराई गई है. शिकायत में कहा गया है कि रामदेव कोरोना के इलाज को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, जो एक अपराध है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम-1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत पुलिस शिकायत दर्ज कराई है.
कोरोनिल नहीं कोरोना की दवा
शिकायत में कहा गया है कि बाबा रामदेव योगा सिखाते हैं. अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजलि आयुर्वेद के नाम से कारोबार शुरू किया. जून 2020 में उन्होंने कोरोना की दवा बताते हुए कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव ने कहा कि उनकी इस दवा से कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं. उनका यह दावा पूरी तरीके से गलत है और इसका कोई साइंटिफिक साक्ष्य भी नहीं है. 23 जून 2020 को आयुष मंत्रालय ने इसे कोरोना की दवा बताकर उसका प्रचार करने के लिए मना किया था. इसके बावजूद उन्होंने प्रचार कर लोगों की जान को खतरे में डाला है. डब्ल्यूएचओ ने भी इसे मान्यता नहीं दी है.
दवा बेचने के लिए एलोपैथी को बताया फेल
शिकायत में बताया गया है कि 9 मई 2021 को कोरोना की लहर का फायदा उठाकर बाबा रामदेव ने अपनी दवा कोरोनिल का प्रचार करना चाहा. इसके लिए उन्होंने मॉडर्न साइंस, एलोपैथी और इसके डॉक्टरों को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया. हाल ही में बाबा रामदेव सहित कुछ अन्य लोगों ने डॉक्टर एवं एलोपैथी को बदनाम करने के मकसद से कुछ बातें कही हैं. आरोप है कि बाबा रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है'. इसके अलावा यह भी कहा कि 'लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है'. डीजीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त दवाओं को उन्होंने इलाज के लिए फेल बता दिया. उन्होंने अपने इस बयान से लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डालने का काम किया है.
रामदेव पर दर्ज हो राजद्रोह का मामला
इससे पहले आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना के उपचार के लिए सरकार के प्रोटोकॉल को चुनौती देने और टीकाकरण पर कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए योगगुरु रामदेव पर तत्काल राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज होना चाहिए. आईएमए ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. संघ ने उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है और ऐसा नहीं होने पर वह उनसे एक हजार करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि मांगेगा.
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बाबा रामदेव ने क्या दावा किया था?
रामदेव ने वायरल हुए वीडियो में जारी अपने बयान को रविवार को वापस ले लिया था. इसमें उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए और यह कहते सुना जा सकता है कि कोविड-19 के इलाज में एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोग मर गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी रामदेव से इस अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बयान को वापस लेने को कहा था.