देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और पर्यवेक्षक अविनाश पांडे दो दिन तक समीक्षा की है. दो दिन चली समीक्षा बैठक के बाद आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में अविनाश पांडे ने कहा कि सांप्रदायिकता और वोटों के ध्रुवीकरण (polarization) की वजह से कांग्रेस लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब नहीं हो पाई.
अविनाश पांडे ने कहा कि चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड की जनता के सामने सकारात्मक भूमिका और एक रोड मैप के साथ गई. कांग्रेस का उद्देश्य था कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बीते 5 सालों के नकारात्मक कार्यों को जनता के समक्ष रखेगी. कांग्रेस पार्टी ने जनता के बीच अपनी सकारात्मक भूमिका रखी और लोगों से विश्वास रखने का प्रयत्न किया. लेकिन सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण की वजह से हम लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब नहीं हो सके.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने जो निर्णय लिया है, उसका कांग्रेस पार्टी पूर्ण समर्थन करती है. उन्होंने हार के कारणों को लेकर दो दिन चली समीक्षा बैठक में यह जानने की कोशिश की गई कि ऐसे क्या कारण रहे कि हम लोगों का विश्वास नहीं जीत पाए. उन्होंने कहा कि साल 2017 के मुकाबले इस बार कांग्रेस पार्टी 4.39 प्रतिशत मतों से आगे बढ़ी है. इससे निश्चित रूप से मतों के साथ ही विधानसभा की सीटें भी बढ़ी है.
अविनाश पांडे का कहना है कि हम भले बहुमत या ज्यादा सीटें हासिल नहीं कर पाए लेकिन आने वाले समय में मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी जिलाध्यक्षों, 70 पार्टी प्रत्याशियों, वरिष्ठ पदाधिकारियों विभिन्न सह संगठनों के अध्यक्षों से पंचायत चुनाव, नगर निगम और 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. संगठन को मजबूत करने के लिए तमाम पदाधिकारी 70 विधानसभाओं में जाकर जनसंपर्क करेंगे.
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हरीश रावत ने बताया नाड़ी बैद्य: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद हरीश रावत ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और पर्यवेक्षक अविनाश पांडे को नाड़ी वैद्य बताया है. हरीश रावत ने कहा है कि हमारे नाड़ी वैद्य हार को लेकर सबसे बात कर रहे हैं और कांग्रेस को हार क्यों मिली, वो भी जानने की कोशिश कर रहे हैं.