देहरादूनः नैनीताल हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी सुविधा मुहैया कराने को लेकर झटका दिया है, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सौगात देते हुए एक अध्यादेश लेकर आई थी. इस अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी देकर पूर्व मुख्यमंत्री को राहत देने का काम किया. वहीं, अध्यादेश के खिलाफ पद्मश्री अवधेश कौशल एक बार फिर हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है.
बता दें कि, हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाओं को खत्म करने का आदेश दिया था. साथ ही उनके द्वारा ली गई सुविधाओं के भुगतान करने के भी आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास के किराए की देनदारी खत्म करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है. जिसे राजभवन ने भी मंजूरी दे दी है.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी पर करीब एक करोड़ का बकाया था. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर आवास किराए के रूप में ₹48 लाख बकाया है. बीसी खंडूड़ी पर ₹46 लाख बकाया है. रमेश पोखरियाल निशंक पर ₹41 लाख बकाया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर ₹37 लाख रुपये का आवास किराया का बकाया है.
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बताया जा रहा है कि अध्यादेश में आवास के बकाये किराए को कम करते हुए सरकारी रेट पर किराया देने की बात रखी गई है. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ईटीवी भारत से मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि अध्यादेश में सरकारी रेट पर आवास भुगतान की बात रखी गई है. जबकि, बिजली और पानी का किराया पूर्व मुख्यमंत्रियों को देना होगा.
हालांकि, हाईकोर्ट में पीआईएल कर सरकारी सुविधाओं से पूर्व मुख्यमंत्री को महरूम करवाने वाले पद्मश्री अवधेश कौशल ने अध्यादेश को जनता की भावनाओं के खिलाफ बताया है. इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है.
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उधर, कांग्रेस ने भी अध्यादेश के खिलाफ अपनी बात रखी है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह से बर्बाद नहीं किया जा सकता है. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि इससे जाहिर हो रहा कि मुख्यमंत्री जनता की कमाई को किस तरह से प्रयोग करना चाहते हैं.