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उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं से संबंधित अध्यादेश को HC में मिलेगी चुनौती

त्रिवेंद्र सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास के किराए की देनदारी खत्म करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है. जिसे राजभवन ने भी मंजूरी दे दी है. पद्मश्री अवधेश कौशल ने अध्यादेश को जनता की भावनाओं के खिलाफ बताया है. इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है.

पद्मश्री अवधेश कौशल
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Published : Sep 6, 2019, 5:43 PM IST

Updated : Sep 6, 2019, 6:34 PM IST

देहरादूनः नैनीताल हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी सुविधा मुहैया कराने को लेकर झटका दिया है, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सौगात देते हुए एक अध्यादेश लेकर आई थी. इस अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी देकर पूर्व मुख्यमंत्री को राहत देने का काम किया. वहीं, अध्यादेश के खिलाफ पद्मश्री अवधेश कौशल एक बार फिर हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है.

पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं से संबंधित अध्यादेश को पद्मश्री अवधेश कौशल ने दी चुनौती.

बता दें कि, हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाओं को खत्म करने का आदेश दिया था. साथ ही उनके द्वारा ली गई सुविधाओं के भुगतान करने के भी आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास के किराए की देनदारी खत्म करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है. जिसे राजभवन ने भी मंजूरी दे दी है.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी पर करीब एक करोड़ का बकाया था. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर आवास किराए के रूप में ₹48 लाख बकाया है. बीसी खंडूड़ी पर ₹46 लाख बकाया है. रमेश पोखरियाल निशंक पर ₹41 लाख बकाया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर ₹37 लाख रुपये का आवास किराया का बकाया है.

ये भी पढ़ेंः कार्य लंबित रहने से MLA आदेश चौहान का चढ़ा पारा, बोले- जूते की माला पहनाना भी जानती है जनता

बताया जा रहा है कि अध्यादेश में आवास के बकाये किराए को कम करते हुए सरकारी रेट पर किराया देने की बात रखी गई है. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ईटीवी भारत से मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि अध्यादेश में सरकारी रेट पर आवास भुगतान की बात रखी गई है. जबकि, बिजली और पानी का किराया पूर्व मुख्यमंत्रियों को देना होगा.

हालांकि, हाईकोर्ट में पीआईएल कर सरकारी सुविधाओं से पूर्व मुख्यमंत्री को महरूम करवाने वाले पद्मश्री अवधेश कौशल ने अध्यादेश को जनता की भावनाओं के खिलाफ बताया है. इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है.

ये भी पढ़ेंः शर्मनाक! टपकती छत के नीचे छाता लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं छात्र

उधर, कांग्रेस ने भी अध्यादेश के खिलाफ अपनी बात रखी है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह से बर्बाद नहीं किया जा सकता है. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि इससे जाहिर हो रहा कि मुख्यमंत्री जनता की कमाई को किस तरह से प्रयोग करना चाहते हैं.

देहरादूनः नैनीताल हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी सुविधा मुहैया कराने को लेकर झटका दिया है, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सौगात देते हुए एक अध्यादेश लेकर आई थी. इस अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी देकर पूर्व मुख्यमंत्री को राहत देने का काम किया. वहीं, अध्यादेश के खिलाफ पद्मश्री अवधेश कौशल एक बार फिर हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है.

पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं से संबंधित अध्यादेश को पद्मश्री अवधेश कौशल ने दी चुनौती.

बता दें कि, हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाओं को खत्म करने का आदेश दिया था. साथ ही उनके द्वारा ली गई सुविधाओं के भुगतान करने के भी आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास के किराए की देनदारी खत्म करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है. जिसे राजभवन ने भी मंजूरी दे दी है.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी पर करीब एक करोड़ का बकाया था. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर आवास किराए के रूप में ₹48 लाख बकाया है. बीसी खंडूड़ी पर ₹46 लाख बकाया है. रमेश पोखरियाल निशंक पर ₹41 लाख बकाया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर ₹37 लाख रुपये का आवास किराया का बकाया है.

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बताया जा रहा है कि अध्यादेश में आवास के बकाये किराए को कम करते हुए सरकारी रेट पर किराया देने की बात रखी गई है. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ईटीवी भारत से मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि अध्यादेश में सरकारी रेट पर आवास भुगतान की बात रखी गई है. जबकि, बिजली और पानी का किराया पूर्व मुख्यमंत्रियों को देना होगा.

हालांकि, हाईकोर्ट में पीआईएल कर सरकारी सुविधाओं से पूर्व मुख्यमंत्री को महरूम करवाने वाले पद्मश्री अवधेश कौशल ने अध्यादेश को जनता की भावनाओं के खिलाफ बताया है. इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है.

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उधर, कांग्रेस ने भी अध्यादेश के खिलाफ अपनी बात रखी है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह से बर्बाद नहीं किया जा सकता है. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि इससे जाहिर हो रहा कि मुख्यमंत्री जनता की कमाई को किस तरह से प्रयोग करना चाहते हैं.

Intro:Summary- त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सौगात देते हुए अध्यादेश लाया तो राजभवन ने भी इस अध्यादेश को मंजूरी देकर पूर्व मुख्यमंत्री को राहत देने का काम किया... हालांकि अध्यादेश के खिलाफ पद्मश्री अवधेश कौशल एक बार फिर हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।।।


हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी सुविधाओं में जोरदार झटका दिया तो त्रिवेंद्र सरकार ने अध्यादेश के रूप में इसका तोड़ निकाल लिया...जबकि अब राजभवन ने इस अध्यादेश पर अपनी मोहर लगाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों पर लगने वाले भारी भरकम किराए में राहत देने का काम किया है।।




Body:उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास किराए की देनदारी खत्म करने के लिए अध्यादेश लाया और अब राजभवन ने भी इसको मंजूरी दे दी।।। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने न केवल पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाओं को खत्म करने का आदेश दिया था बल्कि इनके द्वारा ली गई सुविधाओं का पूर्व मुख्यमंत्रियों को भुगतान करने के भी आदेश दिए थे।।। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एनडी तिवारी पर करीब एक करोड़ का बकाया है इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर आवाज किराए के रूप में ₹4800000 बकाया है बीसी खंडूरी पर ₹4600000 बकाया है रमेश पोखरियाल निशंक पर 41 लाख बकाया है और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर 37 लाख रुपए का आवास किराया का बकाया है।।। खबर है कि अध्यादेश में आवाज में बकाया किराए को कम करते हुए सरकारी रेट पर किराया देने की बात रखी गई है।।। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए पुष्टि की है कि अध्यादेश में सरकारी रेट पर आवास भुगतान की बात रखी गई है जबकि बिजली और पानी का किराया पूर्व मुख्यमंत्रियों को देना होगा।।। हालांकि हाईकोर्ट में पीआईएल कर सरकारी सुविधाओं से पूर्व मुख्यमंत्री को महरूम करवाने वाले पद्मश्री अवधेश कौशल ने अध्यादेश को जनता की भावनाओं के खिलाफ बताया और इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही।।।


बाइट-- अवधेश कौशल,  पद्मश्री


उधर कांग्रेस ने भी अध्यादेश के खिलाफ अपनी बात रखी है कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह से बर्बाद नहीं किया जा सकता और मुख्यमंत्री को यह सोच रहा है कि वह जनता की कमाई को किस तरह से प्रयोग करना चाहते हैं।।


वाइट सूर्यकांत धस्माना प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस





Conclusion:
Last Updated : Sep 6, 2019, 6:34 PM IST
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