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निमोनिया से बचने के लिए डॉक्टरों ने बताई ये तरकीब, काम की है बात - ऋषिकेश एम्स में विश्व निमोनिया दिवस

ऋषिकेश एम्स में विश्व निमोनिया दिवस कार्यक्रम में लोगों को निमोनिया के कारणों व बचाव के बारे में बताया गया. वहीं डॉक्टरों ने निमोनिया से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन की भी जानकारी दी.

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Published : Nov 21, 2019, 12:33 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में विश्व निमोनिया दिवस पर जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन ​किया गया. जिसमें मरीजों को निमोनिया के कारण व बचाव को लेकर जागरुक किया गया. चिकित्सकों ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है, जिससे लोग इस रोग से सुरक्षित रह सकते हैं.

पढ़ें: रुड़की नगर निगम चुनाव का थमा प्रचार-प्रसार, दोनों पार्टियां कर रही है जीत के दावे

गौरतलब है कि ऋषिकेश एम्स में विश्व निमोनिया दिवस कार्यक्रम में लोगों को निमोनिया के कारणों व बचाव के बारे में बताया गया. वहीं डॉक्टरों ने निमोनिया से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन की भी जानकारी दी.

पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि हमारे देश में निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने की बहुत जरूरत है. उन्होंने बताया कि निमोनिया की वेक्सीन उपलब्ध होने के बाद भी अधिकांश लोग जानकारी के अभाव में वैक्सीन नहीं लगवा पाते और संस्थान इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि निमोनिया की मृत्यु दर को निम्नवत स्तर पर लाया जा सके, लिहाजा इस दिशा में हरसंभव प्रयास किए जाएंगे.

साथ ही संस्थान की ओर से नियमिततौर पर विभिन्न विषयों पर जनजागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है, जिनमें जनसामान्य को सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे वह विभिन्न तरह की बीमारियों व उनसे बचाव को लेकर जागरुक हो सकें.

वहीं, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. लोकेश कुमार सैनी ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष 40 लाख लोग निमोनिया से ग्रसित हो जाते हैं, और अस्पताल में भर्ती लगभग 20 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है. उन्होंने बताया कि निमोनिया के बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है, जिनमें से कुछ वैक्सीन बचपन में लगाई जाती हैं.

डॉ. लोकेश ने बताया ​कि 65 वर्ष से अधिक आयु वाले वृद्धजनों व 18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों के डायबिटिज, फेफड़े, गुर्दे, लीवर, दिल, कैंसर, एचआईवी जैसी लंबी बीमारी से पीड़ित हों या धूम्रपान व शराब का सेवन करते हों उन्हें न्यूमोकोकल वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में विश्व निमोनिया दिवस पर जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन ​किया गया. जिसमें मरीजों को निमोनिया के कारण व बचाव को लेकर जागरुक किया गया. चिकित्सकों ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है, जिससे लोग इस रोग से सुरक्षित रह सकते हैं.

पढ़ें: रुड़की नगर निगम चुनाव का थमा प्रचार-प्रसार, दोनों पार्टियां कर रही है जीत के दावे

गौरतलब है कि ऋषिकेश एम्स में विश्व निमोनिया दिवस कार्यक्रम में लोगों को निमोनिया के कारणों व बचाव के बारे में बताया गया. वहीं डॉक्टरों ने निमोनिया से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन की भी जानकारी दी.

पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि हमारे देश में निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने की बहुत जरूरत है. उन्होंने बताया कि निमोनिया की वेक्सीन उपलब्ध होने के बाद भी अधिकांश लोग जानकारी के अभाव में वैक्सीन नहीं लगवा पाते और संस्थान इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि निमोनिया की मृत्यु दर को निम्नवत स्तर पर लाया जा सके, लिहाजा इस दिशा में हरसंभव प्रयास किए जाएंगे.

साथ ही संस्थान की ओर से नियमिततौर पर विभिन्न विषयों पर जनजागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है, जिनमें जनसामान्य को सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे वह विभिन्न तरह की बीमारियों व उनसे बचाव को लेकर जागरुक हो सकें.

वहीं, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. लोकेश कुमार सैनी ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष 40 लाख लोग निमोनिया से ग्रसित हो जाते हैं, और अस्पताल में भर्ती लगभग 20 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है. उन्होंने बताया कि निमोनिया के बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है, जिनमें से कुछ वैक्सीन बचपन में लगाई जाती हैं.

डॉ. लोकेश ने बताया ​कि 65 वर्ष से अधिक आयु वाले वृद्धजनों व 18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों के डायबिटिज, फेफड़े, गुर्दे, लीवर, दिल, कैंसर, एचआईवी जैसी लंबी बीमारी से पीड़ित हों या धूम्रपान व शराब का सेवन करते हों उन्हें न्यूमोकोकल वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए.

Intro:ऋषिकेश--अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में विश्व निमोनिया दिवस के उपलक्ष्य में जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन ​किया गया। जिसमें मरीजों को निमोनिया के कारण व बचाव को लेकर जागरुक  किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है, जिसे लगाकर लोग इस रोग से सुरक्षित रह सकते हैं। 


Body:वी/ओ-- इस अवसर पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि हमारे देश में निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने की बहुत जरुरत है। उन्होंने बताया कि निमोनिया की वेक्सीन उपलब्ध होने के बाद भी अधिकांश लोग जानकारी के अभाव में वैक्सीन नहीं लगा पाते। निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि निमोनिया की मृत्यु दर को निम्नवत स्तर पर लाया जा सके, लिहाजा इस दिशा में हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया ​कि संस्थान की ओर से नियमिततौर पर विभिन्न विषयों पर जनजागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें जनसामान्य को सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए,जिससे वह विभिन्न तरह की बीमारियों व उनसे बचाव को लेकर जागरुक हो सकें।      

पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जनरल मेडिसिन व पल्मोनरी मेडिसिन  विभाग की फैकल्टी ने व्याख्यान प्रस्तुत किए। डा. लोकेश कुमार सैनी ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष 40 लाख लोग निमोनिया से ग्रसित हो जाते हैं, जब​कि अस्पताल में भर्ती लगभग 20 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि निमोनिया के बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है,जिनमें से कुछ वैक्सीन बचपन में  लगाई जाती हैं। बताया कि न्यूमोकोकल व फ्लू वैक्सीन वयस्कों को लगाई जाती है।  


Conclusion:वी/ओ--उन्होंने बताया ​कि 65 वर्ष से अधिक आयु वाले वृद्धजनों व 18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों जो कि डायबिटिज,फेफड़े, गुर्दे, लीवर, दिल, कैंसर, एचआईवी जैसी लंबी बीमारी से पीड़ित हों या धूम्रपान व शराब का सेवन करते हों उन्हें न्यूमोकोकल वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए। डा. मोहित गर्ग ने बताया कि स्वाइन फ्लू से प्रतिवर्ष भारत देश में हजारों लोगों की मृत्यु हो जाती है, स्वाइन फ्लू को फैलने से रोकने के लिए मरीज को स्वस्थ लोगों से खासकर बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं से दूर रहना चाहिए। मरीज को खांसते एवं छींकते समय मुहं पर कपड़ा लगाकर व साथ ही हरवक्त मुहं व नाक पर मास्क लगाकर रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है, जो प्रत्येक व्यक्ति को हरसाल अगस्त व सितंबर माह में लगवा लेनी चाहिए। 
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