ऋषिकेश: शहर में पेयजल किल्लत काफी बड़ी समस्या बन चुकी है. जिसको दूर करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने पेयजल से संबंधित निर्माणाधीन और प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा के लिए जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों संग संयुक्त बैठक की. इस अवसर पर रायवाला, प्रतीत नगर क्षेत्र में 18 करोड़ रुपये लागत से निर्माणाधीन पेयजल योजना के निर्माण कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विस अध्यक्ष ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई.
बैराज स्थित कैंप कार्यालय में बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से विशेषरूप से 18 करोड़ रुपये लागत की प्रतीतनगर रायवाला पैरी अर्बन पेयजल योजना के निर्माण कार्यों की समीक्षा की. जिसमें रायवाला क्षेत्र में पेयजल की किल्लत को देखते हुए निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया. विस अध्यक्ष ने कहा कि पेयजल लाइन ना बिछने से सड़क निर्माण कार्य भी बाधित हुआ है. रायवाला क्षेत्र में 16 घंटे पंपिंग और 12 मीटर टर्मिनल प्रेशर से क्षेत्रवासियों को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने 10 करोड़ की लागत से खदरी और 'खड़क माफ पेरीअर्बन योजना' के निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की.
विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान पेयजल आपूर्ति के लिए समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं, ऋषिकेश नगरीय पेयजल योजना, कृष्णानगर कॉलोनी पेयजल लाइन की प्रगति के संबंध में जल संस्थान के अधिकारियों से जानकारी ली. साथ ही कृष्णानगर कॉलोनी में पेयजल की भारी किल्लत को देखते हुए नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश भी दिये. उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में कृष्णा नगर कॉलोनी में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए. साथ ही उन्होंने कुम्भ निधि से ऋषिकेश क्षेत्र में 1 करोड़ 57 लाख 94 हजार रुपए की लागत से क्षेत्र में 11 जेनरेटर सेट, लगभग 48 लाख 40 हजार रुपये की लागत से क्षेत्र में 3500 लीटर के 2 वॉटर टैंक का क्रय होने और 62 लाख रुपये की लागत से ऋषिकेश के 18 वार्डों में 20 स्थानों पर बोरवेल के निर्माण कार्य के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली.
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विस प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जल निगम और जल संस्थान समन्वय से कार्य करें. लोगों को साफ पेयजल मिल सके. इसके लिए सुनियोजित तरीके से काम करते हुए इस कार्यों में तेजी लाई जाए. इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों से गर्मी के सीजन को देखते हुए जनसाधारण को पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन स्थानों में पेयजल संकट रहता है. उन्हें चिन्हित कर पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कहीं भी पानी को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत आने पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे.