ऋषिकेश: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अपनी रिनिकी भूया के साथ ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंचे. परमार्थ निकेतन में हिमंत बिस्वा सरमा ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया. इस मौके पर स्वामी चिदानंद और साध्वी भगवती ने मुख्यमंत्री असम हिमंत बिस्वा सरमा और उनकी धर्मपत्नी रिनिकी भूया सरमा को रुद्राक्ष की दिव्य माला, रुद्राक्ष का पौधा और भगवान गणेश की प्रतिमा भेंट की.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद के बीच कई देर बातचीत हुई. जिसमें बार्डर टूरिज्म, जैविक खेती, पौधारोपण, फलदार पौधों के रोपण, उत्तराखंड व असम को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.
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परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद ने हिमंता बिस्वा सरमा की तारीफ करते हुए कहा असम की धरती पर लाखों की संख्या में पौधारोपण कर वे एक मिसाल कायम कर रहे हैं. उन्होंने कहा भारत सरकार, असम और उल्फा के साथ त्रिपक्षीय शान्ति समझौता ऐतिहासिक शांति समझौता है. यह वास्तव में असम और पूर्वाेत्तर राज्यों के लिये नए युग की शुरुआत है. इससे न केवल असम में सांस्कृतिक विरासत व शान्ति बनी रहेगी बल्कि पूरे भारत में भी शान्ति की स्थापना होगी.
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स्वामी चिदानंद ने कहा इस समय समाज में जो सोच का संकट है, विचारों का संकट है उसका निदान करना होगा. सनातन ही इसका केवल एक निदान है. उन्होंने कहा कई बार हम वस्त्र बदल लेते हैं परन्तु विचारों को नहीं बदल पाते. बात विचारों को बदलने की है, संस्कारों को बदलने की है, किरदारों को बदलने की है. उन्होंने कहा लोग सनातन को बीमारी कहते हैं, सनातन कोई बीमारी नहीं बल्कि ईलाज है. सनातन समस्या नहीं बल्कि समाधान है. सनातन डेंगू नहीं है सनातन तो डिवाइन है. सनातन मच्छर नहीं है बल्कि सनातन तो मस्त कर देने वाला है.