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अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन, DM को सौंपा ज्ञापन

देहरादून में आशा वर्कर्स यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.

Asha workers protest
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Published : Jul 31, 2021, 12:02 PM IST

देहरादून: आशा वर्कर्स यूनियन (Asha Workers Union) (सम्बद्ध-सीटू) ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने डीएम आर राजेश कुमार (DM R Rajesh Kumar) को ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन के दौरान यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने चेतावनी दी है कि जिला मुख्यालय पर आंदोलन करने के बाद 2 दिन तक सभी आशा वर्कर काम करेंगी. लेकिन 2 अगस्त से कार्य बहिष्कार शुरू हो जाएगा. जिसके बाद सभी वर्करों द्वारा अपने-अपने सेंटर, ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने बताया कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है. दो-दो हजार रुपये पांच 5 महीने तक देकर हमारा मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है. चुनाव आने वाला है और आचार संहिता (Code of conduct) लगने के बाद उनकी मांगें जस की तस रहेंगी. राजस्थान में अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है, तो फिर कभी नहीं होगा. इसलिए उत्तराखंड में आशा वर्करों ने आंदोलन का फैसला लिया है.

पढ़ें: 21 कांवड़ियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, पाबंदी के बावजूद जबरन कर रहे थे यात्रा

शिवा दुबे ने कहा कि उनका 23 तारीख को सीटू के साथ ब्लाक स्तरीय प्रदर्शन था. आज यानी शनिवार को उत्तराखंड के सभी जिलों में यूनियन का प्रदर्शन है. उनके द्वारा सरकार को बार-बार मांग पत्र दिया जा रहा है और बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि सभी आशा वर्करों का मानदेय निश्चित किया जाए. सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो उनके द्वारा एक बड़ा आंदोलन करने का फैसला लिया गया है.

देहरादून: आशा वर्कर्स यूनियन (Asha Workers Union) (सम्बद्ध-सीटू) ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने डीएम आर राजेश कुमार (DM R Rajesh Kumar) को ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन के दौरान यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने चेतावनी दी है कि जिला मुख्यालय पर आंदोलन करने के बाद 2 दिन तक सभी आशा वर्कर काम करेंगी. लेकिन 2 अगस्त से कार्य बहिष्कार शुरू हो जाएगा. जिसके बाद सभी वर्करों द्वारा अपने-अपने सेंटर, ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने बताया कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है. दो-दो हजार रुपये पांच 5 महीने तक देकर हमारा मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है. चुनाव आने वाला है और आचार संहिता (Code of conduct) लगने के बाद उनकी मांगें जस की तस रहेंगी. राजस्थान में अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है, तो फिर कभी नहीं होगा. इसलिए उत्तराखंड में आशा वर्करों ने आंदोलन का फैसला लिया है.

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शिवा दुबे ने कहा कि उनका 23 तारीख को सीटू के साथ ब्लाक स्तरीय प्रदर्शन था. आज यानी शनिवार को उत्तराखंड के सभी जिलों में यूनियन का प्रदर्शन है. उनके द्वारा सरकार को बार-बार मांग पत्र दिया जा रहा है और बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि सभी आशा वर्करों का मानदेय निश्चित किया जाए. सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो उनके द्वारा एक बड़ा आंदोलन करने का फैसला लिया गया है.

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