देहरादून: मंगलवार को जनजाति मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तराखंड राज्य के जनजातीय समाज को लेकर कुछ फैसले लिए गये. उत्तराखंड की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सचिव एल फेनई व जनजाति कल्याण के निदेशक सुरेश चंद्र जोशी व अन्य विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया.
जनजाति कल्याण निदेशक सुरेश जोशी ने बताया कि राज्य के जनजाति क्षेत्रों में जून माह तक 5 बंधन विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे. केंद्र सरकार हर बंधन विकास केंद्र के लिए 15-15 लाख रुपए की राशि देगी. प्रत्येक केंद्र से 300 जनजाति महिलाओं के समूह को जोड़ा जाएगा. यहां वनोत्पाद और वन उपज से बनी सामग्रियों की प्रोसेसिंग व पैकेजिंग की जाएंगी. ट्राईफेड के माध्यम से इनकी मार्केटिंग की व्यवस्था की जाएगी ताकि जनजाति महिला समूहों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सके.
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उन्होंने बताया कि वर्तमान में केंद्र सरकार ने 5 बंधन विकास केंद्रों की स्वीकृति दी है. जिनकी स्थापना जून माह तक कर दी जाएगी. इसके अलावा 50 और केंद्रों का प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा जाएगा.