देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की गारंटी बाकी राजनीतिक दलों के लिए मुसीबत बन रही है. दरअसल, आम आदमी पार्टी जिस तरह से एक के बाद एक घोषणा के रूप में अपनी गारंटी दे रही है. उसके बाद बाकी राजनीतिक पार्टियों पर भी लोक-लुभावने वादे करने का दबाव बढ़ रहा है.
आम आदमी पार्टी का फ्री बिजली देने का वादा हो या फिर महिलाओं को ₹1000 महीना देने की गारंटी, सभी मामलों में आम आदमी पार्टी प्रदेश के हर वर्ग को घोषणाओं के जरिए छूने की कोशिश कर रही है. बेरोजगारी के सवाल पर लाखों युवाओं को रोजगार देने की गारंटी भी पार्टी के सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल कर चुके हैं. लिहाजा इन वायदों के चलते भाजपा और कांग्रेस पर भी वादों और घोषणाओं का दबाव बढ़ता दिख रहा है.
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इसका सबसे बड़ा उदाहरण आम आदमी पार्टी का फ्री बिजली देने की घोषणा करना है. जिसके बाद न केवल कांग्रेस को भी ऐसा ही वादा करना पड़ा था. बल्कि सरकार ने भी फ्री बिजली देने की तरफ कदम बढ़ाया था. हालांकि आम आदमी पार्टी कहती है कि अरविंद केजरीवाल ने वो वादा किया है, जो दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पूरा कर चुकी है. लिहाजा महिलाओं से लेकर आम लोगों और युवाओं तक के लिए वादा किया जा रहा है.
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आम आदमी पार्टी पर कोरी घोषणाएं करने का आरोप लगता रहा है. इस मामले में न केवल भारतीय जनता पार्टी के नेता बल्कि कांग्रेस भी हमलावर रही है. कांग्रेस अरविंद केजरीवाल की गारंटी को कांग्रेस की घोषणाओं की कॉपी बता रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी जो भी गारंटी दे रही है, वह कांग्रेस की घोषणाओं से प्रेरित हैं. जो बातें कांग्रेस कर रही है, उन्हीं बातों को वे बस उत्तराखंड में दोहरा रहे हैं.